यू-ट्यूबर सौरभ जोशी से भाऊ गैंग ने मांगी पांच करोड़ की रंगदारी
हाइलाइट्स
हल्द्वानी निवासी प्रख्यात यू-ट्यूबर सौरभ जोशी को मेल के माध्यम से पांच करोड़ की रंगदारी की धमकी मिली
भाऊ गैंग के नाम से धमकी, रकम न देने पर गोली मारने की चेतावनी
मेल में सौरभ की जी वैगन कार पर फायरिंग की धमकी भी शामिल
पुलिस ने रंगदारी और जान से मारने की धमकी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की
परिवार ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की, पुलिस जांच के लिए साइबर एक्सपर्ट्स की मदद ले रही है
पिछले वर्ष भी लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम पर सौरभ को धमकी दी गई थी
विस्तार: कैसे मिली धमकी और पुलिस की कार्रवाई
हल्द्वानी के ओलिविया कॉलोनी निवासी और देश के जाने-माने यू-ट्यूबर सौरभ जोशी को 15 सितंबर को उनकी आधिकारिक जीमेल आईडी पर एक मेल प्राप्त हुआ। मेल भेजने वाले ने खुद को भाऊ गैंग का सदस्य बताते हुए पांच करोड़ रुपये की मांग की। रकम न देने की स्थिति में न सिर्फ गोली मारने की धमकी दी, बल्कि उनकी कार पर भी फायरिंग करने की बात कही गई।
सौरभ ने जब पुलिस में तहरीर दी, तो जांच के लिए मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है। एसपी सिटी प्रकाश चंद्र और पुलिस टीम साइबर विश्लेषकों के साथ ईमेल ट्रेस कर रहे हैं, कि यह मेल किसने और कहां से भेजा। सौरभ और उनके परिवार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।
पिछला मामला भी सामने आया
गौरतलब है, नवंबर 2024 में भी लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम पर एक युवक ने सौरभ जोशी को धमकी भरा पत्र भेजकर रंगदारी मांगी थी, जिसे पुलिस ने फौरन गिरफ्तार भी कर लिया था। पुलिस जांच में पाया गया कि आरोपी की किसी गिरोह से सीधी संबद्धता नहीं थी; वह सिर्फ पैसा ऐंठने की नीयत से धमकी दे रहा था।
पुलिस और प्रशासन की जवाबदेही
पुलिस अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि इस ताजा मामले में भाऊ गैंग को लेकर छानबीन की जा रही है। मेल भेजने वाले व्यक्ति के आईपी ऐड्रेस, लोकेशन व दूसरे डिजिटल साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। प्रशासन फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब से जुड़े खातों की निगरानी भी कर रहा है। पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा और मामले का पर्दाफाश होगा।
हल्द्वानी के लोकप्रिय यू-ट्यूबर सौरभ जोशी पांच करोड़ की रंगदारी मांगे जाने और जान से मारने की धमकी के कारण दहशत में हैं। मामले में पुलिस-प्रशासन सक्रिय है और साइबर टीम जांच में जुटी हुई है। बीते साल भी इसी तरह का मामला सामने आया था, जिसमें फौरन कार्रवाई हुई थी।
आम जनता, खासकर डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स के लिए यह घटना सतर्कता का संकेत और पुलिस-प्रशासन के लिए कानून व्यवस्था सुदृढ़ करने की कसौटी है।



