योगा ट्रेनर हत्याकांड का खुलासा, आरोपी गिरफ्तार
हल्द्वानी, 20 अगस्त 2025: उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुए सनसनीखेज योगा ट्रेनर ज्योति मेर हत्याकांड के मामले में पुलिस ने रहस्य से पर्दा उठा दिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रहलाद नारायण मीणा के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने इस मामले में मुख्य आरोपी अभय कुमार उर्फ राजा को गिरफ्तार कर लिया है। जांच में हत्या की चौंकाने वाली वजह सामने आई है, जिसमें योगा सेंटर के प्रबंधन को लेकर विवाद और अवैध संबंधों का खुलासा हुआ है।
31 जुलाई को मुखानी क्षेत्र के जे.के. पुरम, छोटी मुखानी में रहने वाली योगा ट्रेनर ज्योति मेर अपने कमरे में मृत पाई गई थीं। उनके गले, हाथों और सिर पर चोट के निशान मिलने के बाद हत्या की आशंका जताई गई थी। ज्योति के पिता प्रेम सिंह मेर की पत्नी दीपा मेर ने 3 अगस्त को मुखानी थाने में तहरीर देकर योगा सेंटर के मालिक अजय यदुवंशी और उनके छोटे भाई अभय यदुवंशी उर्फ राजा पर हत्या का शक जताया था। तहरीर के आधार पर दोनों भाइयों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया।
सीसीटीवी फुटेज से मिला सुराग, नेपाल तक पीछा
एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा के निर्देशन में डॉ. जगदीश चंद्र, एसपी क्राइम/ट्रैफिक नैनीताल और प्रकाश चंद्र, एसपी सिटी हल्द्वानी के पर्यवेक्षण में नितिन लोहनी, सीओ हल्द्वानी के नेतृत्व में विशेष पुलिस टीम गठित की गई। टीम ने घटनास्थल और आसपास के सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया, जिसमें एक संदिग्ध व्यक्ति को घटनास्थल से निकलते देखा गया। संदिग्ध की पहचान अभय कुमार उर्फ राजा (24 वर्ष), निवासी गोल चौक, वाल्मिकी नगर, जिला पश्चिमी चंपारण, बिहार के रूप में हुई, जो वर्तमान में अजय योगा एंड फिटनेस सेंटर, मुखानी में रहता था।
पुलिस ने अभय की तलाश में व्यापक अभियान चलाया और उसकी लोकेशन के आधार पर नेपाल तक पीछा किया। कड़ी मेहनत के बाद पुलिस ने उसे नगला तिराहे के पास से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में अभय ने हत्या की बात कबूल की और बताया कि उसके बड़े भाई अजय यदुवंशी द्वारा संचालित अजय योगा एंड फिटनेस सेंटर में वह प्रबंधन का काम देखता था। ज्योति मेर भी उसी सेंटर में योगा ट्रेनर के रूप में कार्यरत थीं।
अवैध संबंध और आर्थिक विवाद बना हत्या की वजह
जांच में पता चला कि ज्योति और अजय के बीच अवैध संबंध थे, जिसके चलते अजय ने अपने भाई अभय को आर्थिक मदद देना बंद कर दिया और उसे घर से निकाल दिया था। इससे आक्रोशित अभय ने गुस्से में आकर ज्योति के कमरे में घुसकर उनके ही दुपट्टे से गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या के बाद अभय टैक्सी से बनबसा और फिर वहां से नेपाल भाग गया था। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त दुपट्टा भी बरामद कर लिया है।
पुलिस टीम को पुरस्कार
पुलिस की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई के लिए एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने जांच टीम को 2,500 रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया। जांच टीम में उपनिरीक्षक दिनेश चंद्र जोशी, विरेंद्र चंद, बिरेंद्र सिंह बिष्ट, नरेंद्र कुमार, हरजीत सिंह, कांस्टेबल सुनील आगरी, रोहित कुमार, सुरेश देवडी, रविंद्र खाती, बलवंत सिंह, धीरज सुगड़ा, शंकर सिंह, राजेश, अरविंद, अनूप तिवारी, प्रवीण सिंह और गंगा मठपाल शामिल थे।
आगे की जांच जारी
पुलिस ने इस मामले में गहन जांच शुरू कर दी है और अन्य पहलुओं की भी पड़ताल की जा रही है। एसएसपी ने बताया कि इस हत्याकांड के सभी तथ्यों को उजागर करने के लिए पुलिस प्रतिबद्ध है।



