व्लॉगर बिरजू मयाल हल्द्वानी से गिरफ्तार
हाइलाइट्स
हल्द्वानी मंडी गेट से व्लॉगर बिरजू मयाल गिरफ्तार
भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सहित तीन लोगों की तहरीर पर कार्रवाई
रंगदारी मांगने, जान से मारने की धमकी, गालीगलौज, छेड़छाड़—तीन मुकदमे दर्ज
कोर्ट में पेशी के बाद आरोपी जेल भेजा गया
मामले में भाजपा नेताओं, महिला कार्यकर्ता व अन्य की अलग-अलग शिकायतें शामिल
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रामनगर क्षेत्र में भाजपा नेताओं व महिला कार्यकर्ताओं द्वारा दर्ज गंभीर शिकायतों के आधार पर व्लॉगर बिरजू मयाल को पुलिस ने हल्द्वानी से गिरफ्तार कर लिया है। मामला सोशल मीडिया और क्षेत्रीय राजनीति दोनों में चर्चित बन गया है।
किस केस में हुई गिरफ्तारी?
तीन भारतीय जनता पार्टी नेताओं—प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राकेश नैनवाल, पूर्व दायित्वधारी दिनेश मेहरा और नीमा देवी—की तहरीरें पुलिस को प्राप्त हुई थीं।
आरोपों का संक्षिप्त विवरण
राकेश नैनवाल: कहा गया कि व्लॉगर ने भाजपा नेताओं और महिला कार्यकर्ताओं के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट कर छवि धूमिल करने की कोशिश की और अभद्र भाषा का प्रयोग किया।
दिनेश मेहरा: आरोप लगाया कि बिरजू मयाल ने उनसे 10,000 रुपये की रंगदारी मांगी, न देने पर गाली गलौज और जान से मारने की धमकी दी।
नीमा देवी: तहरीर में बताया कि व्लॉगर और उसकी पत्नी के बीच विवाद के समय वे बीचबचाव में गई थीं। उसके बाद बिरजू मयाल ने उनके साथ गालीगलौज एवं छेड़छाड़ की।
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पुलिस की तत्पर कार्रवाई
कोतवाल अरुण कुमार सैनी ने पुष्टि की कि उक्त तीनों शिकायतों के आधार पर बिरजू मयाल के खिलाफ रंगदारी, धमकी, गालीगलौज, छेड़छाड़ जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया। पुलिस ने उसे हल्द्वानी मंडी गेट के पास हाईवे से धर-दबोचा। आरोपी को मंगलवार सुबह कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
मामला क्यों महत्त्वपूर्ण है?
यह गिरफ्तारी इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि स्थानीय राजनीति में सोशल मीडिया का दखल बढ़ रहा है और व्लॉगिंग के जरिए राजनीतिक या व्यक्तिगत छवि को निशाना बनाए जाने पर पहली बार इतनी तेज कार्रवाई हुई है। केस के त्वरित पंजीकरण व आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस की भूमिका की सराहना की जा रही है।
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कानूनी पहलू
फिलहाल आरोपी पर आईपीसी की विभिन्न संगीन धाराओं के तहत केस दर्ज है। आगे की जांच और साक्ष्यों के आधार पर कानूनी प्रक्रिया जारी रहेगी। पुलिस के अनुसार अगले चरण में डिजिटल सबूतों और केस से जुड़े बयानों की विस्तृत जांच होगी।
बिर्जू मयाल की गिरफ्तारी ने सोशल मीडिया मंचों की जवाबदेही और स्थानीय राजनीतिक शुचिता को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। पुलिस व प्रशासन की त्वरित कार्रवाई ने स्पष्ट कर दिया कि क्षेत्रीय राजनीति में अब अभद्र भाषा, गालीगलौज, धमकी जैसे आचरण को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।