Student texting in a classroom while teacher is writing on the blackboard.

उत्तराखंड में शिक्षकों के लिए त्रिस्तरीय कैडर व्यवस्था का प्रस्ताव तैयार, सरकारी मंजूरी का इंतजार

उत्तराखंड में शिक्षकों के लिए त्रिस्तरीय कैडर व्यवस्था का प्रस्ताव तैयार, सरकारी मंजूरी का इंतजार

हाइलाइट्स:

  • उत्तराखंड में केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर त्रिस्तरीय कैडर व्यवस्था का प्रस्ताव शासन को भेजा गया
  • वर्तमान चार स्तरीय कैडर को बदलकर PRT, TGT, PGT में विभाजित किया जाएगा
  • 35 हजार से अधिक बेसिक और जूनियर शिक्षकों को सीधा लाभ मिलेगा
  • 9,512 जूनियर हाई स्कूल शिक्षकों को TGT ग्रेड में समायोजित किया जाएगा
  • 2,043 शिक्षकों को प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक पद मिलेगा
  • शिक्षक संगठनों ने 21 सूत्रीय मांगों पर बनी सहमति का स्वागत किया
  • अपर निदेशक पदमेंद्र सकलानी के नेतृत्व में प्रस्ताव तैयार

देहरादून। उत्तराखंड के शिक्षा विभाग में एक महत्वपूर्ण बदलाव की तैयारी चल रही है। राज्य के बेसिक और माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने शिक्षकों के कैडर को केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर त्रिस्तरीय बनाने का विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है। यह नई व्यवस्था जूनियर हाई स्कूल शिक्षकों की पिछले 10 साल से चली आ रही मांगों को पूरा करेगी और 35 हजार से अधिक शिक्षकों की पदोन्नति संबंधी समस्याओं का समाधान करेगी।


वर्तमान समस्या और नई व्यवस्था की आवश्यकता

वर्तमान में उत्तराखंड के शिक्षा विभाग में चार स्तरीय कैडर व्यवस्था है – प्राथमिक, जूनियर, एलटी (सहायक अध्यापक) और प्रवक्ता। इस व्यवस्था में शिक्षकों को सेवाकाल में कई विसंगतियों और पदोन्नति में जटिलताओं का सामना करना पड़ता है। विशेष रूप से जूनियर हाई स्कूलों के हाई स्कूल में उच्चीकरण से प्राथमिक संवर्ग के शिक्षकों के पदोन्नति के पद लगातार खत्म हो रहे हैं।

जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के अनुसार, प्रदेश में लगभग 1,500 से अधिक जूनियर हाई स्कूलों का हाई स्कूल के रूप में उच्चीकरण किया जा चुका है, जिससे पदोन्नति के अवसर लगातार कम हो रहे हैं। इसी समस्या के समाधान के लिए त्रिस्तरीय कैडर व्यवस्था का प्रस्ताव तैयार किया गया है।

प्रस्तावित त्रिस्तरीय कैडर व्यवस्था की विस्तृत योजना

नई त्रिस्तरीय व्यवस्था में शिक्षकों को केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर तीन श्रेणियों में बांटा जाएगा :

  • PRT (Primary Teacher): कक्षा 1 से 5 तक के लिए प्राथमिक शिक्षक
  • TGT (Trained Graduate Teacher): कक्षा 6 से 10 तक के लिए प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (वर्तमान एलटी के समान)
  • PGT (Post Graduate Teacher): कक्षा 11-12 के लिए स्नातकोत्तर शिक्षक (वर्तमान प्रवक्ता के समान)

इस पुनर्गठन के तहत जूनियर हाई स्कूल में कार्यरत कुल 11,555 सहायक अध्यापकों में से 2,043 को प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद पर और शेष 9,512 को TGT ग्रेड में समायोजित किया जाएगा। शिक्षकों से इसके लिए विकल्प भी लिए जाएंगे।

इसी तरह, जूनियर हाई स्कूलों के 1,998 प्रधानाध्यापकों में से 955 को प्राथमिक विद्यालयों में वरिष्ठ प्रधानाध्यापक और 1,043 को माध्यमिक विद्यालयों में PGT के रूप में समायोजित करने का प्रस्ताव है ।

शिक्षक संगठनों की प्रतिक्रिया और सरकारी स्थिति

शिक्षा निदेशालय में हुई बैठक में शिक्षकों की 21 सूत्रीय मांगों पर चर्चा हुई, जिसमें त्रिस्तरीय कैडर बनाने पर सहमति बनी। जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष विनोद थापा ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि यह व्यवस्था राज्य और शिक्षा दोनों के हित में है।

हालांकि, सभी शिक्षक संगठन इस प्रस्ताव से सहमत नहीं हैं। कुछ संगठनों ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि इससे प्राथमिक सहायक एवं प्राथमिक प्रधानाध्यापक के पदोन्नति के रास्ते बंद हो जाएंगे।

अपर शिक्षा निदेशक प्रारंभिक शिक्षा पदमेंद्र सकलानी के अनुसार, त्रिस्तरीय कैडर से पदोन्नति की प्रक्रिया सरल होगी और सेवाकाल की विसंगतियां दूर होंगी। प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है और इसे शीघ्र लागू करने की योजना है ।

भविष्य की भर्तियों और पदोन्नति पर प्रभाव

नई व्यवस्था के लागू होने के बाद भविष्य में इन पदों पर सीधी नियुक्ति या पदोन्नति नहीं होगी । विकासखंड और संकुल मुख्यालयों के प्राथमिक विद्यालयों तथा आदर्श प्राथमिक विद्यालयों में वरिष्ठ प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति की जाएगी।

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने पहले ही घोषणा की है कि राज्य में 2,100 बेसिक शिक्षकों की भर्ती जल्द होगी । साथ ही 2,815 प्रवक्ता पदों पर एलटी शिक्षकों को अंतरिम प्रमोशन और हाई स्कूलों में प्रधानाध्यापक के 830 रिक्त पदों को भरने की भी योजना है।

उत्तराखंड में प्रस्तावित त्रिस्तरीय कैडर व्यवस्था राज्य की शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण सुधार है। यह न केवल शिक्षकों की दशकों पुरानी मांगों को पूरा करेगा बल्कि केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर एक व्यवस्थित और पारदर्शी कैडर संरचना भी प्रदान करेगा। 35 हजार से अधिक शिक्षकों के लिए बेहतर करियर प्रगति के अवसर खुलेंगे।

हालांकि कुछ विरोध की आवाजें भी हैं, लेकिन अधिकांश शिक्षक संगठनों का समर्थन मिलने से इस प्रस्ताव के शीघ्र लागू होने की संभावना है। सरकार की मंजूरी के बाद यह व्यवस्था उत्तराखंड की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार लाने में मील का पत्थर साबित हो सकती है।

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