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उत्तराखंड में शिक्षकों के तबादलों की अंतिम तिथि 10 जून: विभागों की तैयारियां अधूरी

उत्तराखंड में शिक्षकों के तबादलों की अंतिम तिथि 10 जून: विभागों की तैयारियां अधूरी

 

पारदर्शिता के लिए लागू है तबादला एक्ट, लेकिन कई विभागों ने पूरी नहीं की प्रक्रिया

 

देहरादून। उत्तराखंड में शिक्षकों और कर्मचारियों के तबादलों के लिए अंतिम तिथि 10 जून 2025 तय की गई है। यह तिथि राज्य सरकार द्वारा लागू तबादला एक्ट के अंतर्गत निर्धारित की गई है, जिसके तहत प्रत्येक वर्ष कर्मचारियों के सामान्य तबादले इसी समय-सीमा में पूरे किए जाने चाहिए। हालांकि, अभी तक कई विभागों ने इस दिशा में पूरी तैयारी नहीं की है, जिससे शिक्षकों और कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

 

तबादला एक्ट की प्रक्रिया

 

राज्य सरकार ने कर्मचारियों के तबादलों में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से तबादला एक्ट लागू किया है। इसके अंतर्गत हर वर्ष एक निश्चित समय सीमा में सामान्य तबादलों की प्रक्रिया पूरी की जानी होती है। इस एक्ट के अनुसार, कर्मचारियों को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से विकल्प भरने होते हैं, और वरिष्ठता एवं प्राथमिकताओं के अनुसार स्थान परिवर्तन किया जाता है।

शिक्षकों की प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता की मांग

राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि शिक्षकों को तबादले का अधिकार है, और यह प्रक्रिया हर साल समय से पूरी होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षक समय रहते आवेदन कर चुके हैं, लेकिन विभागीय स्तर पर फाइलें अब भी लंबित हैं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से अनुरोध किया कि सभी लंबित मामलों का तत्काल निस्तारण किया जाए ताकि शिक्षकों को राहत मिल सके।

 

वेबसाइट पर अपडेट न होने से परेशानी

शिक्षकों का कहना है कि तबादले से संबंधित वेबसाइट पर अभी तक आवश्यक जानकारी या सूची अपलोड नहीं की गई है। इससे उन्हें न केवल भ्रम की स्थिति बनी हुई है, बल्कि अपनी योजनाएं बनाने में भी कठिनाई हो रही है।

 

विकल्प चयन की समय सीमा पर सवाल

वर्तमान नियमों के अनुसार, शिक्षकों को 10 स्थानों के लिए विकल्प चुनने होते हैं और 20 अप्रैल तक यह प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए। लेकिन कई विभागों ने अब तक यह प्रक्रिया शुरू ही नहीं की है, जिससे तय तिथि पर तबादले होने में संदेह पैदा हो गया है।

 

राज्य सरकार द्वारा पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से लागू किए गए तबादला एक्ट की सफलता विभागों की तत्परता पर निर्भर करती है। यदि संबंधित विभाग समय रहते कार्रवाई नहीं करते हैं, तो शिक्षकों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। सरकार को चाहिए कि वे जल्द से जल्द सभी लंबित कार्यों को निपटाएं ताकि 10 जून की समयसीमा के भीतर सभी तबादले पूरे किए जा सकें।

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