IMG 20250722 074532

उत्तराखंड: अब स्कूलों में 240 दिन पढ़ाई, परीक्षा के लिए 20 दिन तय – नई शैक्षिक रूपरेखा लागू

उत्तराखंड: अब स्कूलों में 240 दिन पढ़ाई, परीक्षा के लिए 20 दिन तय – नई शैक्षिक रूपरेखा लागू

हाइलाइट्स

  • उत्तराखंड में स्कूलों में अब 240 दिन कक्षाएं चलेंगी, जिससे बच्चों को पढ़ाई का अधिक समय मिलेगा।

  • परीक्षा के लिए 20 कार्यदिवस तय किए गए हैं; टोटल परीक्षा अवधि स्पष्ट रूप से निर्धारित हो गई।

  • सप्ताह में 32 घंटे का शिक्षण, सहशैक्षणिक गतिविधि एवं बस्ता रहित दिवस के लिए भी 10-10 दिन आरक्षित।

  • नए कैलेंडर के अनुसार 125 दिन स्कूल बंद रहेंगे—जिसमें छुट्टियां, रविवार और स्थानीय अवकाश शामिल हैं।

  • राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा पाँच मुख्य भागों में बाँटी गई है; शिक्षा के उद्देश्य, मूल्य, विषय, क्रिया-कलाप और सामुदायिक सहभागिता शामिल।

  • एनईपी-2020 के तहत 297 टास्क में से 202 टास्क राज्य स्तर पर लागू होंगे।

  • हर महीने के अंतिम शनिवार को ‘बस्ता रहित दिवस’

  • प्रमुख छुट्टियों में ग्रीष्म कालीन, शीत कालीन, रविवार व सार्वजनिक अवकाश शामिल .


राज्य में विद्यालयी शिक्षा व्यवस्था के नए कैलेंडर के तहत अब स्कूलों में 240 दिन कक्षाएं लगेंगी, जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध पढ़ाई कराई जाएगी। एनईपी-2020 की सिफारिशों पर बनी राज्य स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में यह ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। इससे शिक्षा का स्तर, पढ़ाई का समय और परीक्षा व्यवस्था स्पष्ट हो गई है .


क्या हैं नए नियम? – पढ़ाई, परीक्षा, छुट्टियाँ

  • प्रत्येक स्कूल वर्ष में 240 दिन अनिवार्य रूप से कक्षाएं चलेंगी।

  • 20 कार्यदिवस परीक्षा के लिए निश्चित किए गए हैं।

  • साप्ताहिक 32 घंटे का शैक्षणिक कार्य होगा।

  • 10-10 दिन सहशैक्षणिक गतिविधियों और बस्ता रहित दिवस के लिए आरक्षित।

  • कुल 125 दिन स्कूल बंद रहेंगे—इनमें रविवार, सार्वजनिक अवकाश, ग्रीष्म कालीन/शीत कालीन छुट्टियां, स्थानीय (3) व विवेकाधीन (3) अवकाश शामिल हैं .

  • हर महीने के अंतिम शनिवार को “बस्ता रहित दिवस” सभी स्कूलों में लागू होगा, जिसमें बच्चे बगैर बस्ते के स्कूल आएंगे और खेल-कला जैसी गतिविधियां होंगी .


पाठ्यचर्या की नई रूपरेखा का ढांचा

राज्य पाठ्यचर्या को पाँच भागों में बांटा गया है:

  1. शिक्षा के उद्देश्य और मूल्य: व्यक्तिगत गुण, दक्षता व व्यवहार संबंधी लक्ष्य।

  2. महत्वपूर्ण विषय, मूल्य आधारित शिक्षा: समावेश, पर्यावरणीय संवेदनशीलता, मार्गदर्शन व परामर्श।

  3. विषयमानक, चयन और मूल्यांकन: शिक्षण मानक, उपयुक्त विषयवस्तु, मूल्यांकन प्रणाली।

  4. विद्यालयी संस्कृति और प्रक्रियाएँ: स्कूल की गतिविधियाँ, पालन-पोषण व नियमावली।

  5. शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र: सेवा शर्तें, समुदाय व परिवार की भूमिका।


शिक्षा मंत्रालय की भूमिका और बैठक

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में बैठक में सचिवालय, एससीईआरटी, संस्कृति एवं उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी शामिल रहे। एनईपी टास्क फोर्स में 297 कार्यों में से 202 कार्य राज्य स्तर पर लागू होंगे।
मुख्य सचिव, शिक्षा सचिव और निदेशक ने नई रूपरेखा को स्वीकृति दी। इसका उद्देश्य बुनियादी शिक्षा के साथ-साथ बच्चों की बहुआयामी विकास करना है .


छुट्टियों का वार्षिक कैलेंडर – बच्चों के लिए संतुलित तालिका

  • विद्यालयों में कुल 240 कार्य दिवस और 125 दिन छुट्टियां

  • ग्रीष्म/शीतकालीन अवकाश (क्षेत्र अनुसार), रविवार, सार्वजनिक अवकाश, स्थानीय और प्रधानाचार्य विवेकाधीन अवकाश शामिल .

  • होली, दीपावली, क्रिसमस, रक्षाबंधन जैसे राष्ट्रीय त्योहारों पर स्कूल बंद रहेंगे।


उत्तराखंड में विद्यालयी शिक्षा की नई नीति से बच्चों को पारदर्शी, समयबद्ध और गुणवत्ता वाली शिक्षा मिलेगी। 240 दिन कक्षाओं, समयबद्ध परीक्षा, सहशैक्षणिक गतिविधि, तथा छुट्टियों का स्पष्ट तालिका बच्चों की शैक्षणिक व मानसिक विकास के लिए एक बड़ा कदम है। नई पाठ्यचर्या रूपरेखा बच्चों की बहुआयामी योग्यता, सामजिक सहभागिता व जीवन कौशल को मजबूत बनाएगी।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *