उत्तराखंड शासन ने निरस्त किए अतिरिक्त वेतनवृद्धि की वसूली के आदेश
देहरादून, 10 जून 2025: उत्तराखंड शासन ने माध्यमिक शिक्षा विभाग को निर्देश जारी किए हैं कि चयन या पदोन्नति वेतनमान के तहत दी गई अतिरिक्त वेतनवृद्धि की वसूली से संबंधित सभी आदेशों को निरस्त माना जाए। यह निर्णय माननीय उच्च न्यायालय, नैनीताल के 4 जनवरी 2024 के फैसले के अनुपालन में लिया गया है।
न्यायालय ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि यदि पदोन्नति या चयन वेतनमान के समय दी गई अतिरिक्त वेतनवृद्धि वैधानिक नियमों के तहत है, तो इसे अनियमित नहीं माना जा सकता और न ही इसकी वसूली की जा सकती है। न्यायालय के निर्णय के क्रम में शासनादेश संख्या 282904/XXIV-B-1/2025/25(01)/2024, दिनांक 17 मार्च 2025 द्वारा उन सभी वसूली आदेशों को निरस्त करने के निर्देश दिए गए हैं, जो 06.09.2019 से 13.09.2019 के मध्य जारी किए गए थे।
मुख्य सचिवालय से जारी पत्र में यह भी कहा गया है कि उक्त अवधि में की गई सभी पूर्ववर्ती कार्रवाइयाँ भी निरस्त मानी जाएँगी। साथ ही, वित्त विभाग को इस संबंध में अलग से स्पष्ट आदेश जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
यह आदेश सचिव श्री रविनाथ रामन द्वारा 10 जून 2025 को डिजिटल हस्ताक्षर के साथ जारी किया गया है।
यह कदम शिक्षकों और कर्मचारियों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है, जिससे संबंधित कर्मचारियों को राहत मिलने की उम्मीद है।