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उत्तराखंड मानसून सत्र : विपक्ष का सदन के अंदर रात–भर धरना 

उत्तराखंड मानसून सत्र : विपक्ष का सदन के अंदर रात–भर धरना 

हाइलाइट्स बॉक्स

  • गैरसैंण में चल रहे उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष ने किया अनोखा विरोध

  • सदन के अंदर ही रात में कंबल कैंप लगाकर विपक्षी विधायकों ने धरना दिया

  • दिनभर जनता की समस्याओं, महंगाई, बिजली-पानी, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर हुआ सरकार का घेराव

  • आंदोलन को सोशल मीडिया समेत मीडिया में अलग पहचान मिली

  • सरकार से जनता के हित में जवाब और ठोस कदम की मांग


उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र 2025 इन दिनों गैरसैंण में आयोजित हो रहा है। इस बार सदन में विपक्ष ने नया मोर्चा खोलते हुए सरकार को जनता के मुद्दों पर जमकर घेरा। खास बात यह रही कि विरोध शांतिपूर्ण नहीं, बल्कि रातभर सदन के अंदर कंबल कैंप लगाकर, पूरे सत्र का माहौल चर्चा में ला दिया।


विरोध का नया तरीका – कंबल कैंप धरना

दिनभर जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा और सरकार की नीतियों पर तगड़ा विरोध होने के बाद, विपक्ष ने सदन के अंदर ही कंबल बिछाकर रातभर का धरना चला।

  • विपक्षी विधायकों ने बताया कि यह जनता की आवाज को दबाने और अनदेखी के खिलाफ है।

  • महंगाई, बिजली-पानी, युवाओं की बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, पर्वतीय क्षेत्रों की अव्यवस्था आदि मुद्दों पर सरकार से जवाबदेही मांगी गई।

  • विधानसभा परिसर में मीडिया को भी विरोध के दृश्य से अवगत कराया गया।

  • धरना स्थल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।


विपक्ष के प्रमुख आरोप

  • सरकार जनता के वास्तविक मुद्दों जैसे रोजगार, मूलभूत सुविधाएं, आपदा राहत पर ध्यान नहीं दे रही।

  • गरीबी, खाद्य वस्तुओं और पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि से आम जन पर बोझ बढ़ा।

  • पर्वतीय क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं अभी भी दुर्व्यवस्था की चपेट में हैं।

  • कैबिनेट घोषणाएं धरातल पर नहीं उतर रहीं।


सरकार की प्रतिक्रिया

सरकार के मंत्री और प्रवक्ताओं ने विपक्ष के आरोपों को राजनीतिक नौटंकी करार देते हुए जरूरी मामलों पर चर्चा का भरोसा जताया।

  • सदन में चर्चा के दौरान कई विषयों पर जवाब भी रखा गया, लेकिन विपक्ष इससे संतुष्ट नजर नहीं आया।

  • विपक्ष ने स्पष्ट किया कि उनका धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक जनता के सवालों पर ठोस बयान और घोषणाएं नहीं मिल जातीं।


विरोध की मुख्य मांगें

  1. नैनीताल डीएम का तत्काल ट्रांसफर

  2. एसएसपी का तत्काल सस्पेंशन

  3. फर्जी मुकदमों की वापसी

कांग्रेस विधायकों का आरोप है कि नैनीताल की घटना और उससे जुड़ी प्रशासनिक लापरवाही पर सरकार चर्चा से बच रही है। उनका कहना है कि देवभूमि की छवि विभागीय कुप्रबंधन से खराब हो रही है। विरोधी दल करीब रातभर सदन में धरने पर टिके रहे और सरकार से ठोस फैसले की मांग करते रहे।


दिनभर विधानसभा में क्या हुआ?

  • सत्र की शुरुआत पूर्व विधायक मुन्नी देवी शाह के निधन पर शोक प्रस्ताव से हुई।

  • इसके बाद विपक्ष का हंगामा शुरू हो गया, जिसमें सचिव विधानसभा की टेबल, माइक, टेबलेट तक तोड़े गए, कई तार टूट गए।

  • नारेबाजी और हस्तक्षेप के कारण प्रश्नकाल नहीं हो सका।

  • करीब 1:30 घंटे सदन अव्यवस्थित रहा, बाकी 1:45 घंटे में कार्यवाही चली।

  • मुख्यमंत्री धामी ने 2025-26 की अनुपूरक मांगें पेश कीं।

  • 8 विधेयक सदन के पटल पर पेश किए गए।

  • अंत में शाम को कार्यवाही कल 11 बजे तक के लिए स्थगित हुई, लेकिन विपक्ष रातभर डटा रहा।


सरकार और विपक्ष – वार्ता विफल

  • संसदीय कार्य मंत्री और स्पीकर ने विपक्ष से वार्ता की, लेकिन हल नहीं निकला।

  • सीएम धामी ने नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और वरिष्ठ विधायक प्रीतम सिंह को फोन कर धरना समाप्त करने की अपील की।

कांग्रेस ने मांग पूरी होने तक धरना जारी रखने की चेतावनी दी।

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