उत्तराखंड में अब बीएड पाठ्यक्रम में मेरिट के आधार पर होगा प्रवेश, प्रवेश परीक्षा समाप्त
उत्तराखंड में बीएड पाठ्यक्रम (B.Ed Course) में प्रवेश प्रक्रिया में इस वर्ष बड़ा बदलाव किया गया है। अब राज्य के सभी राजकीय, सहायता प्राप्त एवं स्ववित्तपोषित कॉलेजों में बीएड में दाखिला मेरिट के आधार पर होगा। अभ्यर्थियों को समर्थ पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना होगा और उसके बाद शैक्षणिक योग्यता के आधार पर कॉलेज आवंटित किए जाएंगे। यह निर्णय बीएड में गिरती संख्या और पिछली वर्षों की अधूरी सीटों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
बीएड पाठ्यक्रम में बदलाव का कारण
उत्तराखंड में दो वर्षीय बीएड कोर्स में पिछले कुछ वर्षों से छात्रों की रुचि में गिरावट देखी गई है। वर्ष 2024 में करीब 50% सीटें खाली रह गई थीं, विशेषकर स्ववित्तपोषित संस्थानों में। इससे प्रभावित होकर शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालयों ने मिलकर यह निर्णय लिया कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा (Common Entrance Test) को समाप्त किया जाए और प्रवेश केवल मेरिट के आधार पर दिया जाए।
किन संस्थानों में लागू होगा यह बदलाव?
इस निर्णय का प्रभाव राज्य के सभी बीएड कॉलेजों पर पड़ेगा, जिनमें निम्न शामिल हैं:
- श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध 37 कॉलेज
- कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल से संबद्ध कॉलेज
- सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा से संबद्ध कॉलेज
- सभी राजकीय, सहायता प्राप्त अशासकीय, एवं स्ववित्तपोषित संस्थान
प्रवेश प्रक्रिया कैसे होगी?
1. ऑनलाइन आवेदन:
सभी अभ्यर्थियों को समर्थ पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना होगा।
2. मेरिट लिस्ट का निर्धारण:
अभ्यर्थियों की शैक्षणिक योग्यता (स्नातक अंकों) के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी।
3. कॉलेज आवंटन:
मेरिट के अनुसार कॉलेजों का ऑटोमैटिक आवंटन किया जाएगा।
4. रिपोर्टिंग और दाखिला:
आवंटित कॉलेज में निर्धारित तिथि तक प्रमाण पत्र और शुल्क के साथ उपस्थित होना होगा।
बीएड प्रवेश परीक्षा क्यों की गई समाप्त?
पूर्व की चुनौतियां:
- 2023 में: लगभग साढ़े छह हजार सीटों में से केवल साढ़े तीन हजार अभ्यर्थियों ने ही प्रवेश लिया।
- स्ववित्तपोषित संस्थानों में बड़ी संख्या में सीटें खाली रहीं।
- परीक्षा से जुड़ी लॉजिस्टिक्स, खर्च और समय भी एक चुनौती थी।
निजी कॉलेज एसोसिएशन ने लगातार मांग की थी कि परीक्षा को समाप्त कर मेरिट के आधार पर प्रवेश दिया जाए, जिससे अधिक छात्रों को आकर्षित किया जा सके।
- श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय ने पहले ही सभी संबद्ध कॉलेजों में सीधे प्रवेश की योजना बना ली थी।
- कुलसचिव डॉ. दिनेश चंद्रा के अनुसार, प्रवेश परीक्षा को अब औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया गया है और केवल मेरिट बेस्ड प्रवेश ही मान्य होगा।
छात्रों के लिए क्या महत्वपूर्ण है?
- समर्थ पोर्टल पर समय पर आवेदन करें।
- शैक्षणिक प्रमाणपत्र और अंकपत्र पहले से तैयार रखें।
- कॉलेज की प्राथमिकता सूची सोच-समझकर भरें।
- मेरिट लिस्ट जारी होने के बाद आवंटित कॉलेज में समय से रिपोर्ट करें।
क्या यह फैसला सकारात्मक साबित होगा?
यह निर्णय छात्रों को अधिक सुविधाजनक और सरल प्रक्रिया प्रदान करता है। वहीं कॉलेजों को भी समय पर दाखिला पूर्ण करने में मदद मिलेगी। हालांकि, प्रतियोगिता आधारित चयन प्रक्रिया हटने से गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है, यह समय बताएगा।
बीएड में घटती रुचि के पीछे के कारण
- सरकारी शिक्षक भर्तियों में अनिश्चितता
- प्राइवेट स्कूलों में कम वेतन
- नए शिक्षण पाठ्यक्रम जैसे D.El.Ed. और B.A. B.Ed. का प्रचलन
- प्रवेश परीक्षा और फीस की जटिलताएं
यदि इस वर्ष यह प्रक्रिया सफल रहती है और सीटें भर जाती हैं, तो आने वाले वर्षों में भी यही व्यवस्था जारी रह सकती है। साथ ही, संभव है कि ऑनलाइन काउंसलिंग प्रणाली को और अधिक पारदर्शी एवं तकनीकी रूप से उन्नत बनाया जाए