उत्तराखंड बेसिक शिक्षक भर्ती में NIOS D.El.Ed प्रशिक्षितों को मिलेगा मौका
- 2017-2019 के बीच NIOS से D.El.Ed करने वालों को बेसिक भर्ती में मौका मिलेगा।
- कैबिनेट ने भर्ती नियमावली में संशोधन को मंजूरी दी।
- उच्चतम न्यायालय के निर्णय का पालन करते हुए बदलाव किए गए।
- अब तक 2100 बेसिक शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।
- विशेष शिक्षा प्रशिक्षितों को भी सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में मौका मिलेगा।
देहरादून। लंबे समय से प्रतीक्षित उत्तराखंड बेसिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव आया है। अब 2017-2019 के मध्य NIOS से D.El.Ed (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) करने वाले अभ्यर्थियों को भी प्रदेश में होने वाली बेसिक शिक्षक भर्तियों में सम्मिलित होने का पूर्ण अवसर मिलेगा। कैबिनेट ने मंगलवार को इससे जुड़े सेवा नियमावली संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
संशोधित नियमावली का दायरा और प्रक्रिया
नया संशोधन बेसिक शिक्षक भर्ती नियमावली में 1 सितंबर 2017 से 31 अक्टूबर 2019 के NIOS D.El.Ed पास अभ्यर्थियों के लिए लागू होगा। इससे पूर्व 2023 की शिक्षक भर्ती (2906 पद) में केवल दो वर्षीय नियमित डीएलएड को पात्रता माना गया था, जिससे NIOS डिग्रीधारक बाहर हो गए थे। इन अभ्यर्थियों ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और कोर्ट ने NIOS की डिग्री को वैध माना।
इसके बाद निदेशालय ने भर्ती काउंसलिंग में इन अभ्यर्थियों को शामिल किया और अब नियमावली में भी उनकी रुचि को वैधानिक रूप से स्वीकार कर लिया गया है।
2100 रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया सभी पात्र D.El.Ed अभ्यर्थियों के लिए अक्टूबर 2025 तक शुरू कर दी जाएगी। शिक्षा विभाग पोर्टल देखें।
उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन
2017-19 के NIOS D.El.Ed से प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की पात्रता पर असमंजस के चलते भर्ती प्रक्रिया बार-बार बाधित हो रही थी। अभ्यर्थियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि डीएलएड योग्यता में NIOS डिग्री भी वैध है। उसके बाद काउंसलिंग में इनका समावेश किया गया और अब राज्य सरकार ने नियमावली में स्थायी सुधार कर एक बड़ा राहतपूर्ण फैसला लिया है।
यह कदम समान अवसर और शिक्षकों की भर्ती में पारदर्शिता के लिहाज से महत्वपूर्ण है।
विशेष शिक्षा प्रशिक्षितों को भी मौका
नए नियम के अनुसार सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में अब उन अभ्यर्थियों को भी आवेदन का अवसर मिलेगा, जिन्होंने विशेष शिक्षा (Special Education) में डिप्लोमा या डिग्री प्राप्त की है और वे विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए पात्र हैं। विशेष शिक्षा शिक्षक सेवा नियमावली 2025 के तहत यह बदलाव किया गया है, जिससे समावेशी शिक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा।
भर्ती प्रक्रिया से लाभ और सामाजिक प्रभाव
इस फैसले से हजारों अभ्यर्थियों को समान अवसर मिलेगा। खासतौर पर वे अभ्यर्थी जो पिछली भर्ती में पात्रता विवाद के कारण बाहर हुए थे, अब वे भी अक्टूबर 2025 तक प्रस्तावित 2100 पदों पर आवेदन कर सकेंगे। यह निर्णय शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता और समावेशिता दोनों को मजबूती देगा।
शिक्षाविदों व अभ्यर्थियों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। विशेषज्ञों के अनुसार न्यायालय के निर्देशों का पालन कर नियमावलियों में जरूरी सुधार समय-समय पर किए जाने जरूरी हैं, ताकि योग्य अभ्यर्थी अवसर से वंचित न हों।
उत्तराखंड सरकार का ये फैसला शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में वर्षों से चल रहे असमंजस और विवाद का अंत करता है। NIOS D.El.Ed के साथ-साथ विशेष शिक्षा प्रशिक्षितों को भर्ती में शामिल किए जाने से भर्ती प्रक्रिया ज्यादा निष्पक्ष और भागीदारीपूर्ण होगी तथा हजारों युवाओं की प्रतिभा को प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में उचित मंच मिलेगा।



