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उत्तराखंड में 808 प्रवक्ता पदों पर भर्ती: इस बार नहीं होगी स्क्रीनिंग

उत्तराखंड में 808 प्रवक्ता पदों पर भर्ती: इस बार नहीं होगी स्क्रीनिंग

देहरादून, 23 जुलाई 2025: उत्तराखंड के राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रवक्ताओं के सैकड़ों पद लंबे समय से खाली चल रहे थे। अब शिक्षा निदेशालय ने 808 रिक्त पदों पर भर्ती का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है। खास बात यह है कि इस बार नियुक्ति की प्रक्रिया में ‘स्क्रीनिंग’ का चरण हटा दिया गया है, और केवल लिखित परीक्षा की मेरिट के आधार पर नियुक्तियां की जाएंगी। इससे पारदर्शिता और त्वरित चयन की दिशा में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है।

हाइलाइट्स:

  • उत्तराखंड में राजकीय इंटर कॉलेजों में 808 प्रवक्ता पदों पर होगी भर्ती

  • स्क्रीनिंग प्रक्रिया समाप्त, अब केवल लिखित परीक्षा के आधार पर होगा चयन

  • शिक्षा निदेशालय ने प्रस्ताव सरकार को भेजा, जल्द भेजा जाएगा लोक सेवा आयोग को

  • विभिन्न विषयों में खाली पद, भर्ती का रास्ता लंबे समय से था रुका हुआ

  • सहायक अध्यापक चयनित 1371 अभ्यर्थी अब भी नियुक्ति के इंतज़ार में

  • शिक्षा विभाग ने नियुक्ति प्रक्रिया के लिए प्रस्ताव सरकार को भेजा

808 प्रवक्ता पदों की भर्ती: एक नज़र में

उत्तराखंड में राजकीय इंटर कॉलेज राज्य की शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ माने जाते हैं। इन कॉलेजों में वर्षों से कई विषयों में प्रवक्ताओं के पद खाली पड़े हैं, जिससे शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो रही थी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने स्पष्ट किया कि कुल 808 प्रवक्ता पदों के लिए प्रस्ताव सरकार को भेज दिया गया है, और जैसे ही सरकार की ओर से मंजूरी मिलती है, इन्हें उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (UKPSC) को अधियाचन की प्रक्रिया के तहत भेजा जाएगा।

भर्ती प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव: अब नहीं होगी स्क्रीनिंग

माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इस बार पारदर्शिता लाने का प्रयास करते हुए स्क्रीनिंग प्रक्रिया समाप्त करने का निर्णय लिया है। पहले की प्रक्रियाओं में स्क्रीनिंग के बाद ही अभ्यर्थियों को अंतिम चयन सूची (मेरिट) में शामिल किया जाता था। लेकिन अब लिखित परीक्षा ही चयन का एकमात्र आधार होगी, जिससे चयन प्रक्रिया तेज और अधिक निष्पक्ष मानी जा रही है।

डॉ. मुकुल कुमार सती, निदेशक माध्यमिक शिक्षा, ने कहा:
“हमने 808 प्रवक्ताओं के रिक्त पदों का प्रस्ताव शासन को भेजा है। इस बार चयन केवल लिखित परीक्षा से किया जाएगा, स्क्रीनिंग नहीं होगी।”

कई विषयों के पद खाली, शिक्षकों की भारी कमी

जानकार सूत्रों के अनुसार, इन 808 रिक्त पदों में हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, संस्कृत, भूगोल, एवं अन्य विषय शामिल हैं, जहां शिक्षकों की नियुक्ति लंबे समय से नहीं हो सकी है। इससे न केवल ग्रामीण विद्यालयों में पढ़ाई प्रभावित हो रही थी बल्कि परीक्षा परिणामों पर भी प्रतिकूल असर देखा गया है।

उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, बागेश्वर जैसे दूरस्थ जिलों में गणित और विज्ञान विषयों के शिक्षक न होने से विद्यार्थियों को विशेष कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।

भर्ती में पारदर्शिता और स्थानीय युवाओं को लाभ

वर्तमान बदलावों से न केवल भर्ती की प्रक्रिया सरल और तेज होगी, बल्कि इससे स्थानीय युवाओं को भी बड़ी संख्या में सरकारी नौकरी पाने का अवसर मिलेगा। चूंकि परीक्षा ही चयन की एकमात्र कसौटी होगी, इससे राजनीतिक प्रभाव, पक्षपात या अनुशंसा जैसी शिकायतें सामने नहीं आएंगी

यह पहल राज्य सरकार की “नौकरी उत्तराखंडियों के लिए” नीति के अनुरूप भी देखी जा रही है जिसे पिछले वर्षों में खूब सराहा गया था।

चयन प्रक्रिया क्या होगी?

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (UKPSC) से भर्ती कराए जाने की संभावना है। संभावित प्रक्रिया इस प्रकार है:

  1. सरकार से अधियाचन मंज़ूर

  2. अधिसूचना UKPSC द्वारा जारी

  3. ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया

  4. लिखित परीक्षा

  5. कट-ऑफ मेरिट के अनुसार चयन

  6. दस्तावेज़ सत्यापन एवं नियुक्ति पत्र जारी

हालांकि आयोग द्वारा अभी अधिसूचना जारी नहीं हुई है, लेकिन रिक्तियों की अधिक संख्या और पूरी प्रक्रिया में बदलाव को देखते हुए जल्द ही भर्ती की शुरुआत संभव मानी जा रही है।

🎯 इच्छुक अभ्यर्थियों को सुझाव है कि वे रोज़ाना UKPSC की आधिकारिक वेबसाइट (https://ukpsc.net.in/) पर अपडेट चेक करें।

अन्य भर्तियों का हाल: 1371 चयनित अभ्यर्थी अब भी इंतज़ार में

जहां एक ओर प्रवक्ता पदों की भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग (UKSSSC) से सहायक अध्यापक पद पर चयनित 1371 युवा अभ्यर्थी अब तक नियुक्ति नहीं पा सके हैं।

धरना प्रदर्शन जारी

चयन के बावजूद हाईकोर्ट में मामला लंबित होने के चलते इन अभ्यर्थियों को माध्यमिक शिक्षा विभाग में नियुक्ति नहीं मिल पाई है। पिछले 98 दिनों से चयनित अभ्यर्थी देहरादून स्थित निदेशालय के बाहर आंदोलन कर रहे हैं। अभ्यर्थियों ने सरकार से जल्द सुनवाई की मांग की है।

“हमने नौकरी के लिए सारी जरूरी परीक्षाएं पास की हैं, अब केवल कोर्ट के आदेश और सरकार की मंजूरी का इंतजार है,” – एक आंदोलनरत चयनित अभ्यर्थी

शिक्षा विभाग की योजनाएं और चुनौतियां

उत्तराखंड का शिक्षा विभाग राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा स्थापित करने के लिए पढ़ाई के साथ-साथ रिक्तियों की भरपाई पर भी जोर दे रहा है। पिछले कुछ वर्षों में लंबे समय तक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रियाएं रुकी रहीं, जिससे विद्यार्थियों का अकादमिक लाभ प्रभावित हुआ।

807 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया इस दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। हालांकि, विभाग के सामने अब भी बेरोजगार शिक्षित युवाओं की नियुक्ति, कानूनी प्रक्रिया में देरी और नीति में पारदर्शिता जैसे कई प्रश्न बने हुए हैं।

क्या इससे शिक्षा स्तर सुधरेगा?

राज्य के कई विद्यालयों में शिक्षक नहीं होने के कारण छात्र-छात्राओं की उपस्थिति, परीक्षा परिणाम और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी पर असर पड़ा है। यदि ये पद समय रहते भर दिए जाते हैं, तो:

  • शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार

  • विषय विशेषज्ञों की उपलब्धता

  • आदिवासी और सुदूर इलाकों को प्राथमिकता

  • शिक्षक-छात्र अनुपात बेहतर

  • बेरोजगार शिक्षकों को राहत

युवाओं के लिए सुनहरा अवसर

उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में प्रवक्ता पदों की भर्ती की यह प्रक्रिया राज्य के हजारों बेरोजगार शिक्षित युवाओं के लिए एक सुनहरा मौका बनकर आई है। स्क्रीनिंग की व्यवस्था हटाकर सिर्फ लिखित परीक्षा के ज़रिये चयन से पारदर्शिता और निष्पक्षता की उम्मीद है।

सरकार और आयोग यदि तेज़ी से प्रक्रिया पूरी करते हैं तो न केवल योग्य अभ्यर्थियों को नौकरी मिलेगी, बल्कि उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था को भी मज़बूती मिलेगी।

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