उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में हर माह एप्टीट्यूड टेस्ट अब अनिवार्य
- अब उत्तराखंड के सभी सरकारी स्कूलों में हर महीने एप्टीट्यूड टेस्ट की अनिवार्यता।
- कक्षा 9 से 12 तक के छात्र होंगे शामिल।
- महत्वपूर्ण: प्रतियोगी माहौल, तार्किक एवं विश्लेषणात्मक क्षमता का विकास।
- प्रश्नपत्रों में बहुविकल्पी, पैटर्न पहचान, निष्कर्ष निकालने, तर्क आधारित प्रश्न होंगे।
- हर माह अंतिम शनिवार अथवा बैग रहित दिवस पर परीक्षा होगी।
- हर साल होंगे 10 एप्टीट्यूड टेस्ट। यह पहल राज्य में इसी माह से लागू।
- प्रश्नपत्र निर्माण जिले के डायट द्वारा, राज्य शिक्षा विभाग के निर्देश पर।
- समग्र शिक्षा अभियान के तहत केंद्र सरकार की मंजूरी भी मिल चुकी।
देहरादून। उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में कक्षा नौ से बारहवीं तक के छात्रों को हर महीने एप्टीट्यूड टेस्ट देना अनिवार्य कर दिया गया है। इसका उद्देश्य छात्रों में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी, तर्कशक्ति, विश्लेषणात्मक क्षमता और करेंट अफेयर्स का ज्ञान बढ़ाना है। अब हर माह के अंतिम शनिवार या बैग रहित दिवस पर विभाग के निर्देशानुसार परीक्षा आयोजित होगी। इसका शेड्यूल राज्य शिक्षा विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है।
एप्टीट्यूड टेस्ट: क्या है खास
एप्टीट्यूड टेस्ट वह परीक्षा है जिसमें तार्किक, पैटर्न पहचानने, तथ्यों और विचारों के बीच संबंध स्थापित करने, और किसी विश्लेषण के आधार पर निष्कर्ष निकालने वाले बहुविकल्पी प्रश्न पूछे जाते हैं। इसमें वैसे ही सवाल होंगे, जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं में होते हैं। छात्रों को तर्क के आधार पर जवाब देना पड़ेगा, इससे उनकी सोचने की शक्ति मजबूत होगी।
समग्र शिक्षा अभियान और विभागीय व्यवस्था
इस नए नियम के तहत, उत्तराखंड समग्र शिक्षा अभियान की पहल पर केन्द्र सरकार से भी मंजूरी मिल चुकी है। राज्य के शिक्षा विभाग के अपर निदेशक व समग्र शिक्षा अभियान प्रभारी अजीत भंडारी के निर्देशानुसार, हर जिले के DIET (District Institute of Education & Training) द्वारा प्रश्नपत्र तैयार किए जाएंगे। परीक्षा निर्धारित दिनांक पर ही सभी सरकारी स्कूलों में आयोजित होगी। यह व्यवस्था इस माह (सितंबर 2025) से शुरू हो गई है।
परीक्षा की समय सारणी और क्रियान्वयन
पूरे वर्ष में 10 मासिक एप्टीट्यूड टेस्ट होंगे। यह परीक्षा हर माह के अंतिम शनिवार को, या विभाग द्वारा घोषित बैग रहित दिवस पर संचालित होगी। प्रत्येक परीक्षा के लिए विभाग द्वारा पूर्व निर्धारित सिलेबस और समय सारणी जारी होगी। छात्रों की तार्किक, विश्लेषणात्मक और निर्णय लेने की क्षमता विकसित होगी, जिससे उनका करियर मे प्रत्यक्ष लाभ होगा।
छात्रों को क्या मिलेगा लाभ?
- प्रतियोगी माहौल और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी हर विद्यार्थी के लिए।
- तार्किक और विश्लेषणात्मक क्षमता में सुधार।
- करियर ग्रोथ के लिए बुनियादी स्किल्स में बढ़ोतरी।
- प्रतियोगिता का दबाव कम, आत्मविश्वास और परीक्षा में सफलता बढ़ेगी।
- स्कूल स्तर से ही करियर प्लानिंग की पहली सीढ़ी।
उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में शुरू किया गया यह मासिक एप्टीट्यूड टेस्ट छात्रों के सर्वांगीण विकास, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और करियर निर्माण हेतु बड़ा कदम है। इससे छात्रों में पढ़ाई के प्रति रुचि, तर्कशक्ति और विश्लेषण की शक्ति बढ़ेगी। शिक्षा विभाग के सफल संचालन के लिए राज्य में यह पहल सकरात्मक प्रभाव लाएगी।



