राहुल गांधी के सेना पर बयान पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार: “सच्चे भारतीय होते तो ऐसा नहीं कहते”
हाइलाइट्स
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को भारतीय सेना के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए कड़ी फटकार लगाई
कोर्ट: “अगर आप सच्चे भारतीय होते, तो ऐसी बातें नहीं कहते”
2,000 वर्ग किमी भारत की जमीन चीन के कब्जे संबंधी बयान पर कोर्ट ने राहुल से मांगा सबूत
कोर्ट ने कहा: “आप नेता प्रतिपक्ष हैं, संसद में बोलें, सोशल मीडिया पर नहीं”
मानहानि मामले में तीन सप्ताह के लिए ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर अंतरिम रोक
कोर्ट ने यूपी सरकार व शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?
4 अगस्त 2025 को सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के ऊपर लखनऊ कोर्ट में चल रहे मानहानि के मामले में सुनवाई हुई। कोर्ट ने राहुल गांधी को उनकी विवादित टिप्पणी (भारत जोड़ो यात्रा के दौरान) — जिसमें उन्होंने कहा था कि “चीन ने 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कब्जा किया है”— के लिए कड़ी चेतावनी दी। जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा:
“अगर आप सच्चे भारतीय हैं, तो ऐसी बातें जनता के सामने नहीं रखनी चाहिए थीं। आपके पास क्या प्रमाण हैं कि 2,000 वर्ग किमी जमीन चीन ने कब्जा कर ली है?”
कोर्ट ने राहुल गांधी के वकील से पूछा कि उनके दावे का आधार क्या है — “क्या आप वहां थे? क्या आपके पास कोई विश्वसनीय सबूत है?”
राहुल गांधी की दलील और कोर्ट की टिप्पणी
राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क दिया कि विपक्ष को सवाल उठाने का अधिकार है और ये बातें मीडिया रिपोर्ट और संसद में मुद्दों के आधार पर कही गईं।
कोर्ट ने कहा कि “आप नेता प्रतिपक्ष हैं, संसद में जो कहना है, वहीं कहें, सोशल मीडिया के जरिए ऐसे संवेदनशील मसले न उठाएं।”
अदालत ने यह भी जोड़ा कि आप की हैसियत, जिम्मेदारियों के अनुरूप संयम बरतें — “स्वतंत्रता का अर्थ यह नहीं कि आप कोई भी बयान दे दें, जिम्मेदारी भी जरूरी है।”
अदालत ने क्या आदेश जारी किया?
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ लखनऊ ट्रायल कोर्ट में चल रही मानहानि की कार्यवाही पर तीन सप्ताह के लिए अंतरिम रोक (Stay) लगा दी है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका पर यूपी सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया है।
अदालत ने बीएनएसएस (Bharatiya Nyaya Suraksha Samhita) की धारा 223 पर भी चर्चा की, जिसमें अभियुक्त को सुनवाई का मौका दिए बिना मामला नहीं चलाया जा सकता।
मूल शिकायत क्या है?
यह शिकायत सीमा सड़क संगठन (BRO) के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने की थी।
आरोप: राहुल गांधी ने 2022 की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान आर्मी के बारे में कहा कि “चीनी सेना हमारे सैनिकों को अरुणाचल प्रदेश में पीट रही है, मीडिया सवाल नहीं पूछती।” साथ ही 2,000 वर्ग किमी भूमि चीन को देने, 20 सैनिकों के शहीद होने जैसे बयान दिए।
न्यायिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद भाजपा समेत कई पक्षों ने राहुल गांधी के बयान की निंदा की।
कांग्रेस ने सरकार पर तथ्यों को छुपाने और विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया。
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को संवेदनशील राष्ट्रीय मामलों पर जिम्मेदारी से बयान देने की सख्त सलाह दी है और बिना पुख्ता सबूत सार्वजनिक मंच पर सेना या देश की सुरक्षा से संबंधित बयान देने के खिलाफ चेतावनी दी है। कोर्ट ने मानहानि मामले की सुनवाई पर रोक लगाई है, लेकिन यह स्पष्ट संदेश दिया है कि “एक सच्चे भारतीय” को देश व सेना के प्रति सम्मान होना चाहिए — और जनता व संसद दोनों के प्रति उत्तरदायित्व।



