sheetal devi

बिना हाथ वाली तीरंदाज शीतल देवी 18 साल की उम्र में बनीं पैरा विश्व तीरंदाजी चैंपियन: देखिए वीडियो

बिना हाथ वाली तीरंदाज शीतल देवी 18 साल की उम्र में बनीं पैरा विश्व तीरंदाजी चैंपियन: देखिए वीडियो

हाइलाइट्स:

  • भारत की 18 वर्षीय शीतल देवी ने पैरा विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता।
  • उन्होंने तुर्किये की विश्व नंबर वन पैरा तीरंदाज ओजनूर क्यूर गिर्डी को 146-143 से हराया।
  • शीतल बिना बाजू वाली एकमात्र पैरा तीरंदाज हैं, जो पैरों और ठुड्डी से तीर चलाती हैं।
  • यह उनका तीसरा पदक है, जिसमें मिश्रित टीम में कांस्य और कंपाउंड महिला ओपन में रजत शामिल हैं।
  • सेमीफाइनल में ब्रिटेन की जोड़ी को 145-140 से हराकर फाइनल में जगह बनाई।
  • उनके खेल की देशभर में तारीफ हो रही है, आनंद महिंद्रा ने भी उनका जज़्बा सराहा।

ग्वांगजू, दक्षिण कोरिया। भारत की 18 वर्षीय पैरा तीरंदाज शीतल देवी ने पैरा विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में महिलाओं की कंपाउंड व्यक्तिगत स्पर्धा में इतिहास रच दिया। उन्होंने तुर्किये की विश्व नंबर वन पैरा तीरंदाज ओजनूर क्यूर गिर्डी को 146-143 के फाइनल स्कोर से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। शीतल बिना बाजू वाली दुनिया की पहली पैरा तीरंदाज हैं, जो अपने पैरों और ठुड्डी का इस्तेमाल कर तीर चला रही हैं।

तीन पदकों की सफलता

इस प्रतियोगिता में यह शीतल की तीसरी पदक जीत है। उन्होंने मिश्रित टीम स्पर्धा में तोमन कुमार के साथ मिलकर ग्रेट ब्रिटेन की जोड़ी ग्रिनहैम और नाथन मैकक्वीन को 152-149 से हराकर कांस्य पदक जीता। कंपाउंड महिला ओपन टीम स्पर्धा में शीतल और सरिता ने फाइनल में तुर्की से हारकर रजत पदक हासिल किया। व्यक्तिगत फाइनल में शीतल ने संयमित खेल दिखाते हुए लगातार अच्छा प्रदर्शन किया, जबकि सेमीफाइनल में ब्रिटेन की जोड़ी को 145-140 से पराजित कर फाइनल की राह बनाई।

फाइनल मुकाबले का रोमांच

फाइनल का पहला राउंड 29-29 से कांटे की टक्कर वाला था। दूसरे राउंड में शीतल ने तीन बार 10-10 शॉट लगाकर बढ़त बनाई। तीसरे राउंड में फिर बराबरी रही। चौथे राउंड में मामूली चूक के बावजूद शीतल ने दो अंकों की बढ़त बनायी। अंतिम राउंड में तीन सटीक तीर लगाकर उन्होंने 30 अंक हासिल किया और स्वर्ण पदक पक्का किया। इससे पहले सेमीफाइनल में उन्होंने विश्व चैंपियनशिप के 2023 फाइनल की पुनरावृत्ति करते हुए ब्रिटेन की जोड़ी को हराया था।

देश-विदेश में की गई तारीफ़

शीतल के इस साहसिक और प्रेरणादायक प्रदर्शन की देश-विदेश में खूब तारीफ हो रही है। महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने सोशल मीडिया पर शीतल की प्रशंसा की और कहा कि शीतल हमेशा उनकी नजरों में विश्वचैंपियन रही हैं। उन्होंने शीतल द्वारा उपहार में दिया तीर अपने परिवार की कीमती स्मृति बताया।

18 साल की उम्र में बिना भुजाओं वाली भारतीय पैरा तीरंदाज शीतल देवी ने विश्व तीरंदाजी मंच पर अपनी अद्भुत प्रतिभा साबित कर भारत का नाम रोशन किया है। उनका संघर्ष, मेहनत और समर्पण न केवल पैरा स्पोर्ट्स के लिए प्रेरणा है बल्कि संपूर्ण समाज के लिए भी साहस और आशा की मिसाल है।

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