Close-up of crime scene tape with 'Do Not Cross' text, outdoors setting.

उत्तराखंड से गायब हो रहे ड्राइवरों के रहस्य से पुलिस ने उठाया पर्दा, सीरियल किलर गिरफ्तार

उत्तराखंड से गायब हो रहे ड्राइवरों के रहस्य से पुलिस ने उठाया पर्दा, सीरियल किलर गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने पकड़ा 24 साल से सक्रिय सीरियल किलर ‘अजय लांबा’

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 6 जुलाई 2025 को एक ऐसे सीरियल किलर को गिरफ्तार किया है, जो पिछले लगभग 25 साल से दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कैब ड्राइवरों की हत्या करता आ रहा था। आरोपी अजय लांबा उर्फ “बंसी” और उसके साथियों ने कम से कम चार हत्या–डकैती के मामलों को अंजाम दिया, जिसमें ड्राइवरों को बेहोश कर अल्मोड़ा, नैनीताल के पहाड़ी इलाकों में शव फेंकते और गाड़ियां नेपाल पहुंचा कर बेच देते थे।


अजय लांबा—गैंग का मास्टरमाइंड

  •  अजय लांबा, खतरनाक गैंग का नेतृत्व करता था, जिसे “बंसी” नाम से भी जाना जाता था। हे अपराधी 2001 से सक्रिय था और दिल्ली, यूपी व उत्तराखंड में कैब ड्राइवरों को निशाना बनाता था।
  • कार्यप्रणाली: गैंग रेंट पर टैक्सी बुक करता था, ड्राइवरों को पहाड़ी रास्तों पर ले जाता, उन्हें नशीला पदार्थ देकर बेहोश करता और फिर गला घोंटकर हत्या करता था। शवों को गहरी खाइयों में डाल दिया जाता और वाहन नेपाल में बेचा जाता था।

हत्या की घटनाएँ और गिरोह की पहचान

  • कम से कम चार मामलों में अजय लांबा और उसके साथियों ने कैब चालकों की हत्या कर खाई में शव फेंके । पुलिस को अभी और हत्याओं में भी गैंग पर शक है
  • वर्ष 2001 से निरंतर सक्रिय, ड्राइवरों की मौत और गाड़ियां लूट-फरोख्त ने पूरे क्षेत्र में भय फैला दिया था।

पुलिस की बड़ी कार्रवाई और गिरफ्तारी

  • गिरफ्तारी कैसे हुई: हाल‑ही में दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की आरकेपुरम टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर अजय लांबा को इंडिया गेट इलाके से गिरफ्तार किया ।
  • गिरफ्तारी के पश्चात: पूछताछ में आरोपी ने वारदातों की पूरी कहानी स्वीकार की। पुलिस अब संदिग्ध कई गायब ड्राइवर मामलों की जांच भी कर रही है ।
  • अगले कदम: पुलिस गैंग के असली सहयोगियों और आश्रयदाताओं तक पहुंचने के लिए जांच‑जारी रखेगी।
  • अनुसंधान की दिशा: चोरी की गयी गाड़ियों की नेपाल तक बिक्री की साजिश के तार भी पकड़ने का प्रयास है।
  • पब्लिक अलर्ट: पुलिस ने कैब मालिकों व ड्राइवरों को सचेत रहने, संदिग्ध यात्रियों को रिपोर्ट करने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर अधिकारी को जानकारी देने की सलाह दी है।

अभी भी कई सवाल जवाब की प्रतीक्षा में हैं—गैंग में और कौन‑कौन शामिल थे? कितनी गाड़ियां और ड्राइवर इस घायलों की साजिश के शिकार बने? समस्त इन पहेलियों से पर्दा उठाना पुलिस की अगली चुनौती है। इस गिरफ्तारी से स्पष्ट संदेश जाता है कि अपराध चाहे जितना पुराना और सुनियोजित हो, कानून की पहुँच से बच नहीं सकता।

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