SEBI ने संजीव भसीन और 11 अन्य पर लगाई रोक, ₹11.37 करोड़ जब्त
17 जून 2025 को भारतीय सेबी (SEBI) ने जाने–माने बाजार विश्लेषक संजीव भसीन और 11 अन्य ग्राहकों तथा कंपनियों पर फ्रंट‑रनिंग और स्टॉक मैनिपुलेशन का आरोप लगाते हुए उन्हें पूंजी बाजार से निष्कासित कर दिया। साथ ही कुल ₹11.37 करोड़ की कथित ग़ैरक़ानूनी कमाई जब्त करने का आदेश भी जारी किया गया ।
फ्रंट‑रनिंग का आरोप — क्या है पूरा मामला?
- जनवरी 2020 से जून 2024 तक की जांच में सामने आया कि भसीन मीडिया चैनलों, सोशल मीडिया और टेलीग्राम पर स्टॉक खरीदने की सलाह देने से पहले खुद उन स्टॉक्स का ख़रीद-प्रक्रिया करते थे।
- उसके बाद खरीदारी की सिफारिश करके स्टॉक्स की कीमत बढ़ने पर विपरीत दिशा में (सेल) ट्रेड कर बड़ा मुनाफा कमाया जाता था ।
- यह प्रक्रिया BTST (Buy Today Sell Tomorrow) या इंट्राडे ट्रेडिंग के रूप में आयोजित की जाती थी ।
SEBI का अन्तरिम आदेश और कार्रवाई
- SEBI ने 149 पृष्ठों के अन्तरिम आदेश में भसीन और अन्य पर PFUTP (Prohibition of Fraudulent and Unfair Trade Practices) के उल्लंघन, और रिसर्च विश्लेषक नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।
- आदेशानुसार ₹11.37 करोड़ की अवैध कमाई को फिक्स्ड डिपॉज़िट खाते में जमा कराने का निर्देश दिया गया – जिसे बिना SEBI की अनुमति नहीं निकाला जा सकेगा।
- सभी आरोपियों को पूंजी बाजार में खरीद, बिक्री व सौदे करने से रोका गया, और उनके बैंक व डीमैट खाते फ्रीज किए गए।
- संजीव भसीन के कज़िन ललित भसीन, आशीष कपूर, और RRB मास्टर सिक्योरिटीज (दिल्ली) सहित अन्य ड्रिलर्स भी इस मामले में शामिल पाए गए।
- WhatsApp चैट, ऑडियो रिकार्डिंग, और ट्रेडिंग डेटा को जून 2024 में SEBI द्वारा की गई सर्च व सीज़र ऑपरेशन में जब्त किया गया।
कानूनी प्रक्रिया की आगे की दिशा
- SEBI ने आरोपियों को 21 दिन का समय दिया है, जिसमें वे जवाब दाखिल कर सकते हैं या व्यक्तिगत सुनवाई की मांग कर सकते हैं।
- इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है और आगे के धारणात्मक जुर्माने या स्थायी प्रतिबंध की संभावना बनी हुई है।
पारदर्शिता और नियामक उदाहरण
यह कदम स्पष्ट संकेत है कि SEBI निष्पक्ष व पारदर्शी बाजार बनाए रखने के लिए किसी भी उथल‑पुथल भरी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा। विश्लेषकों और निवेश सलाहकारों के मीडिया प्लेटफार्मों पर सीधे प्रभावित करने वाले ट्रेडिंग व्यवहार पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
SEBI का यह सख्त रुख स्पष्ट संदेश देता है:
- मीडिया‑आधारित शेयर सलाह देने वाले विशेषज्ञों को चौकस रहना होगा।
- फ्रंट‑रनिंग जैसी प्रथाओं पर नियामक लगाम कसी जा रही है।
- ₹11.37 करोड़ की जब्ती अन्य संभावित भ्रष्टाचारियों के लिए चेतावनी के रूप में काम करेगा।
कुल मिलाकर यह कार्रवाई भारतीय पूंजी बाजार की विश्वसनीयता और निवेशकों के हितों की रक्षा के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है।