स्कूल-कैंटीन में समोसे, कचौड़ी और पिज्जा पर भी लगेगी स्वास्थ्य चेतावनी
मुख्य बिंदु:
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी सार्वजनिक संस्थानों में ‘तेल और चीनी बोर्ड’ लगाने के निर्देश दिए
- बोर्ड में समोसा, कचौड़ी, पिज्जा, वड़ा पाव, फ्रेंच फ्राइज़ आदि की वसा और चीनी की मात्रा प्रदर्शित होगी
- यह पहल मोटापा और गैर-संचारी रोगों (NCDs) के खिलाफ अभियान का हिस्सा है
- लेटरहेड, नोटपैड, स्टेशनरी पर भी स्वास्थ्य संदेश अंकित करने का सुझाव
- स्कूलों, कार्यालयों और कैंटीन में जागरूकता को मिलेगा बढ़ावा

भारत में मोटापा तेजी से एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बनता जा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर के सरकारी मंत्रालयों, विभागों और स्वायत्त निकायों से अपील की है कि वे अपने परिसरों में उन खाद्य पदार्थों की जानकारी प्रदर्शित करें, जिनमें अधिक मात्रा में तेल, वसा और चीनी होती है।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य है लोगों को जागरूक करना कि उनके द्वारा खाया जाने वाला खाना वास्तव में उनके शरीर को किस तरह प्रभावित करता है। मंत्रालय का मानना है कि सूचना के माध्यम से जागरूकता बढ़ाकर स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा दिया जा सकता है।

तेल और चीनी की मात्रा बताने वाले बोर्ड होंगे अनिवार्य
स्वास्थ्य मंत्रालय के पत्र के अनुसार अब हर स्कूल, कॉलेज, सरकारी कार्यालय और सार्वजनिक कैंटीन में एक बोर्ड लगाना अनिवार्य किया जाएगा जिसमें यह बताया जाएगा कि प्रत्येक सामान्य खाद्य पदार्थ में कितनी मात्रा में वसा और चीनी होती है। इस बोर्ड को ‘तेल और चीनी बोर्ड’ नाम दिया गया है।
इन बोर्डों पर समोसा, पिज्जा, बर्गर, गुलाबजामुन, फ्रेंच फ्राइज़, चॉकलेट पेस्ट्री, वड़ा पाव आदि खाद्य पदार्थों में छिपी वसा और कैलोरी की जानकारी दी जाएगी।
स्टेशनरी पर भी स्वास्थ्य संदेश
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि सभी संस्थानों को अपनी स्टेशनरी सामग्री जैसे लेटरहेड, फोल्डर, लिफाफे और नोटपैड पर भी स्वास्थ्य-संबंधी संदेश छापने चाहिए। यह लगातार संपर्क में आने वाली चीजें हैं, जो लोगों को बार-बार चेतावनी देने और सचेत करने का प्रभावी जरिया बन सकती हैं।
बच्चों और वयस्कों – दोनों को खतरा
मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार भारत में मोटापे की दर बच्चों से लेकर वयस्कों तक में बढ़ रही है। मोटापा ही आगे चलकर हृदय रोग, मधुमेह और हाई ब्लड प्रेशर जैसे गैर-संचारी रोगों का प्रमुख कारण बनता है।
चीनी बोर्ड में ये आंकड़े दिखाए जाएंगे:
- गुलाबजामुन (62 ग्राम): 203 किलोकैलोरी, 32 ग्राम चीनी
- सॉफ्ट ड्रिंक (300ml): 132 किलोकैलोरी, 32 ग्राम चीनी
- फ्लेवर्ड जूस: 36 ग्राम तक चीनी
- चॉकलेट (45 ग्राम): 240 किलोकैलोरी, 25 ग्राम चीनी
- चॉकलेट पेस्ट्री (87 ग्राम): 212 किलोकैलोरी, 20 ग्राम चीनी
तेल बोर्ड में ये जानकारी दी जाएगी:
- 1 समोसा: 10-15 ग्राम वसा
- 1 कचौड़ी (100 ग्राम): 17 ग्राम वसा
- 1 वड़ा पाव (40 ग्राम): 10 ग्राम वसा
- 10 पकौड़े (127 ग्राम): 10 ग्राम वसा
- बनाना चिप्स (130 ग्राम): 14 ग्राम वसा
- फ्रेंच फ्राइज़ (28 ग्राम): 14 ग्राम वसा
- 1 बर्गर (117 ग्राम): 17 ग्राम वसा
- 4 स्लाइस पिज्जा (428 ग्राम): 40 ग्राम वसा
स्वस्थ जीवनशैली के लिए मंत्रालय के सुझाव
सरकार ने संस्थानों को यह सलाह भी दी है कि वे फल, सब्जियां और कम वसा वाला भोजन अपने कैन्टीनों में अधिक उपलब्ध कराएं। साथ ही अधिक चीनी वाले पेय और अत्यधिक तली हुई चीजों को सीमित करने पर भी जोर दिया गया है।
एक सकारात्मक पहल
सरकार की यह पहल न केवल एक चेतावनी है, बल्कि एक स्वस्थ और जागरूक समाज की दिशा में सकारात्मक कदम है। यदि इसे सही तरीके से लागू किया गया तो न केवल स्वास्थ्य समस्याएं कम होंगी बल्कि स्वास्थ्य मंत्रालय का उद्देश्य भी पूरा होगा – “हर नागरिक को स्वस्थ जीवन के लिए जागरूक बनाना।”