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354 डिब्बे, 7 इंजन और 4.5 KM लंबी; देखिए देश की सबसे लंबी मालगाड़ी का वीडियो

354 डिब्बे, 7 इंजन और 4.5 KM लंबी; देखिए देश की सबसे लंबी मालगाड़ी का वीडियो

हाइलाइट्स

  • 354 डिब्बे, 7 इंजन और 4.5 किलोमीटर लंबाई—‘रुद्रास्त्र’ बनी भारत की सबसे लंबी मालगाड़ी।

  • गंजख्वाजा (उत्तर प्रदेश) से गढ़वा रोड (झारखंड) तक 200 KM का सफर 5 घंटे में पूरा किया।

  • रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मालगाड़ी का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया।

  • मालगाड़ी को 6 स्टैंडर्ड रेक जोड़कर तैयार किया गया, जिससे माल ढोने की क्षमता कई गुना बढ़ी।

  • समर्पित माल गलियारे (Dedicated Freight Corridor) व सामान्य ट्रैक पर भी सफल संचालन।

  • एक साथ चलाकर समय बचत, लाइन की क्षमता बढ़ी और माल-संवहन की लागत घटी।

  • भारतीय रेल की तकनीकी क्षमता, टीम वर्क और प्रबंधन का नायाब उदाहरण।


भारतीय रेलवे ने 8 अगस्त 2025 को देश की अब तक की सबसे लंबी मालगाड़ी ‘रुद्रास्त्र’ का सफल संचालन किया। इस अभूतपूर्व उपलब्धि के तहत 354 माल डिब्बों को 7 शक्तिशाली इंजनों की मदद से जोड़कर 4.5 किलोमीटर लंबी मालगाड़ी बनायी गई, जिसने उत्तर प्रदेश के गंजख्वाजा स्टेशन से झारखंड के गढ़वा रोड स्टेशन तक का सफर तय किया।


रिकॉर्ड ब्रेकिंग मालगाड़ी—बड़ी बातें

  • ‘रुद्रास्त्र’ मालगाड़ी को पंडित दीनदयाल उपाध्याय (DDU) मंडल की ईस्ट सेंट्रल रेलवे (ECR) ने तैयार किया।

  • यह मालगाड़ी छह BOXN रेक को जोड़कर बनाई गई (हर रेक में माल डिब्बे)।

  • इस ट्रेन में 354 माल डिब्बों को एक साथ जोड़ा गया, जो सामान्य मालगाड़ियों से कई गुना अधिक है।

  • 7 इंजन लगाकर इसकी ट्रैक्शन क्षमता और खिंचाव सुनिश्चित किया गया।

  • यह शक्तिशाली मालगाड़ी गंजख्वाजा स्टेशन से 2:20 बजे रवाना होकर गढ़वा रोड स्टेशन तक पहुंची।

  • पूरी यात्रा में ट्रेन ने 200 किलोमीटर की दूरी लगभग 5 घंटे में पूरी की, औसत गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा रही।

  • मालगाड़ी ने पहले डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) पर, फिर सामान्य पटरियों पर सफर किया।


तकनीकी और प्रबंधकीय उपलब्धियां

  • यह प्रयोग दिखाता है कि एक बढ़ी हुई ट्रेन—एक साथ कई रेक—चलाने से लाइनों पर ट्रैफिक दबाव कम होगा

  • अलग-अलग ट्रेनें चलाने की बजाए, एक ही बार में बहुत सारा माल पहुंचाना, लॉजिस्टिक्स में नया आयाम

  • इस संचालन में रेलवे के अलग-अलग विभागों के सामंजस्य, टाइमिंग, और सुरक्षा प्रबंधन की परीक्षा भी थी; जिसे ‘रुद्रास्त्र’ ने शानदार ढंग से पास किया।

  • इससे स्टेशन, क्रू और रास्ते की बचत; अलग-अलग ट्रेनें चलाने में जितना समय और संसाधन लगता, वह बच गया।


आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

  • ऐसे सुपर-लंबे मालगाड़ी से देश के लॉजिस्टिक्स खर्च में कमी और डिलीवरी समय में तेजी आएगी।

  • रेलवे लाईनों पर फ्री स्पेस उपलब्ध रहेगा, जिससे अन्य यात्री और मालगाड़ियों को रास्ता मिलेगा।

  • भविष्य में एसी सुपर-लंबी मालगाड़ियों के प्रयोग से भारत के माल परिवहन का वैश्विक स्तर पर मान बढ़ेगा।

  • स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी इस मॉडल से कामकाजी क्षमता व व्यापार वृद्धि के नए रास्ते खुलेंगे।


रेलवे मंत्री का संदेश और फीडबैक

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर ‘रुद्रास्त्र’ का वीडियो साझा करते हुए लिखा—

‘रुद्रास्त्र’ – भारत की सबसे लंबी मालगाड़ी (4.5 KM लंबी)।

रेलवे मंडल ने इसे बेहतर कार्य क्षमता, विभागीय सहयोग और प्रबंधन का आदर्श उदाहरण बताया।


‘रुद्रास्त्र’ मालगाड़ी से भारतीय रेलवे ने विश्वस्तरीय कीर्तिमान स्थापित किया है। इससे माल ढोने की गति, क्षमता और किफायत में बड़ा सुधार होगा। लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री को नए आयाम और विकास का रास्ता मिलेगा। रेल प्रबंधन, तकनीक और टीम वर्क का यह अनूठा प्रदर्शन रेलवे को वैश्विक मानचित्र पर हाईटेक व लॉजिस्टिक सुपरपावर बनने के मार्ग पर आगे बढ़ा रहा है।

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