कर्ज पर खरीदे फोन की किस्त नहीं चुकाने पर बैंक दूर से ही फोन कर सकेंगे लॉक
हाइलाइट्स
अगर किस्त पर खरीदे फोन का कर्ज नहीं चुकाया तो बैंक रिमोटली (दूर से) मोबाइल को लॉक कर सकते हैं
रिजर्व बैंक (RBI) छोटे लोन की वसूली के लिए बैंकों व वित्तीय संस्थानों को अधिक अधिकार देने की तैयारी में
फोन लॉकिंग से पहले ग्राहक की स्पष्ट सहमति जरूरी होगी
लॉक के बाद भी ग्राहक की निजी जानकारी बैंक या लेंडर तक नहीं पहुंचेगी
भारत में 1.16 अरब से अधिक मोबाइल कनेक्शन, एक-तिहाई से ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक सामान छोटे-लोन पर खरीदे जाते हैं
नये नियम के लागू होने से नॉन-बैंकिंग कंपनियों को फंसे लोन की वसूली आसान होगी
पिछले साल RBI ने बिना ग्राहक सहमति फोन लॉक करने की प्रक्रिया रोकी थी, अब ‘फेयर प्रैक्टिस कोड’ में अपडेट आएगा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देश में छोटे कर्ज वसूलने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों को नया अधिकार देने की तैयारी में है। अगर किस्त पर खरीदे मोबाइल फोन का लोन नहीं चुकाया गया तो बैंक या लेंडर कंपनी उस फोन को रिमोटली लॉक कर सकेगी, यानी उपयोगकर्ता फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। यह कदम बढ़ते EMI डिफॉल्ट और गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) पर अंकुश लगाने के लिए उठाया गया है.
नए नियमों के प्रमुख बिंदु
ग्राहक की पूर्व सहमति:
फोन लॉकिंग के लिए लोन लेते समय स्पष्ट सहमति लेनी जरूरी होगी—बिना सहमति लॉक नहीं किया जा सकेगा।डेटा सुरक्षा:
फोन लॉक होने के बावजूद बैंक या लेंडर ऐप/सिस्टम के जरिए उपभोक्ता के पर्सनल डेटा तक नहीं पहुंच पाएंगे।वसूली प्रक्रिया:
ग्राहक डिफॉल्ट करता है तो बैंक-लेंडर कंपनी फोन को लॉक कर सकती है, जिससे वसूली का दबाव बढ़ेगा।नॉन-बैंकिंग कंपनियों को राहत:
छोटे कर्ज की वसूली के मामले में इनमें सबसे ज्यादा डिफॉल्ट होता है; नए नियम से रिकवरी आसान हो सकेगी।फेयर प्रैक्टिस कोड अपडेट:
RBI आने वाले समय में ‘फेयर प्रैक्टिस कोड’ में बदलाव कर फोन लॉकिंग के दिशानिर्देश जारी करेगा.
व्यावहारिक और उपभोक्ता अधिकार प्रभाव
फायदा:
बैंकों-लेंडरों के लिए वसूली आसान
छोटे लोन में डिफॉल्ट की दर घट सकती है
चुनौती:
उपभोक्ता अधिकारों और डेटा प्राइवेसी को लेकर विवाद, क्योंकि फोन लॉक होने पर ग्राहक के लिए रोजमर्रा की डिजिटल जरूरतें बाधित होंगी
डिजिटल लोन लेने से पहले ग्राहक को पूरी जानकारी दी जानी जरूरी है
रिजर्व बैंक के प्रस्तावित दिशा-निर्देश छोटे इलेक्ट्रॉनिक्स लोन पर फंसे कर्ज की वसूली आसान बना देंगे, लेकिन उपभोक्ता हितों और डेटा सुरक्षा का संतुलन जरूरी रहेगा। नया सिस्टम बैंकों और नॉन-बैंकिंग कंपनियों को ताकत देगा, मगर ग्राहक को लोन शर्तों को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए।



