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प्रधानाचार्य भर्ती विवाद: समर्थक शिक्षकों का राजनीतिक दलों पर गुस्सा, बुद्धि-शुद्धि यज्ञ की घोषणा

प्रधानाचार्य भर्ती विवाद: समर्थक शिक्षकों का राजनीतिक दलों पर गुस्सा, बुद्धि-शुद्धि यज्ञ की घोषणा

 

देहरादून, 11 सितंबर 2025: उत्तराखंड में प्रधानाचार्य पदों पर सीधी भर्ती को लेकर शिक्षकों के बीच चल रहा विवाद अब राजनीतिक दलों तक पहुंच गया है। भर्ती के विरोध में राजकीय शिक्षक संघ के आंदोलन को राजनीतिक दलों के समर्थन से भर्ती समर्थक शिक्षक नाराज हो गए हैं। बुधवार को उत्तराखंड विभागीय प्रधानाचार्य पदोन्नति परीक्षा समर्थक मंच ने ऑनलाइन बैठक में भर्ती विरोधी राजनीतिक नेताओं के लिए बुद्धि-शुद्धि यज्ञ करने की घोषणा की।

 

मंच ने 14 सितंबर को देहरादून में एक खुली बैठक आयोजित करने का फैसला किया, जिसमें भर्ती के समर्थन में आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। इसके साथ ही, समर्थक शिक्षक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन से मुलाकात कर प्रधानाचार्य के रिक्त पदों में 50 प्रतिशत सीटें विभागीय शिक्षकों से भरने के लाभ गिनाएंगे। बैठक में भर्ती का विरोध करने वाले नेताओं के खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी पारित किया गया।

 

मंच के प्रांतीय अध्यक्ष दिनेश पांडे ने कहा कि उत्तराखंड विभागीय प्रधानाचार्य परीक्षा के माध्यम से केवल वही शिक्षक प्रधानाचार्य बनेंगे, जिन्होंने 15 से 30 वर्ष तक सहायक अध्यापक या प्रवक्ता के रूप में सेवाएं दी हैं। उन्होंने बताया कि इस परीक्षा के बाद नियुक्त होने वाले प्रधानाचार्यों को दुर्गम क्षेत्रों में 10 से 15 साल तक सेवा देनी होगी। पांडे ने जोर देकर कहा कि शिक्षा विभाग में दशकों से दुर्गम क्षेत्रों में स्थायी प्रधानाचार्य की कमी रही है। विभागीय भर्ती परीक्षा से लंबे समय के लिए स्थायी प्रधानाचार्य मिल सकेंगे, जो शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करेगा।

 

बैठक में मंच के प्रांतीय संयोजक बृजेश पंवार, संगठन संयोजक डॉ. कमलेश कुमार मिश्र, प्रांतीय संयोजिका विनीता बहुगुणा, हर्षमणि चमोली, विभा थपलियाल, दीपमाला भट्ट, भूपेंद्र सिंह, चंद्र सिंह चिराल, दिनेश सिंह, प्रीतम सिंह नेगी सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

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