प्रशांत महासागर में सुनामी का खतरा: रूस में 8.8 तीव्रता का भूकंप, कई देशों में अलर्ट
प्रशांत महासागर में एक बार फिर 2004 की विनाशकारी सुनामी जैसी स्थिति के संकेत मिले हैं। रूस के कामचटका प्रायद्वीप में बुधवार सुबह 4:54 बजे (भारतीय समयानुसार) 8.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसे अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने दशकों में सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक करार दिया है। इस भूकंप के कारण 5 मीटर (लगभग 16 फीट) ऊंची सुनामी लहरें उठीं, जो रूस के तटों से टकराईं और कई इमारतों को नुकसान पहुंचा चुकी हैं।
वैश्विक स्तर पर अलर्ट जारी
सुनामी की लहरें अब रूस से आगे बढ़कर अमेरिका के अलास्का और हवाई तक पहुंच चुकी हैं। जापान के उत्तरी तट पर 40 सेंटीमीटर ऊंची लहरें दर्ज की गई हैं, जबकि टोक्यो में लगभग 20 लाख लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाने का आदेश दिया गया है। फुकुशिमा परमाणु रिएक्टर को भी एहतियातन खाली करा लिया गया है, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (JMA) ने चेतावनी दी है कि सुनामी की लहरें कई दिनों तक आ सकती हैं।
कामचत्का में भारी तबाही
कामचत्का के गवर्नर व्लादिमीर सोलोदोव ने बताया कि भूकंप के झटकों से एक किंडरगार्टन स्कूल सहित कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। USGS के अनुसार, भूकंप का केंद्र जमीन से 19.3 किलोमीटर की गहराई में था। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सुनामी लहरों ने तटीय क्षेत्रों में भारी नुकसान पहुंचाया है।
अन्य देशों में भी सतर्कता
यह खतरा केवल रूस और जापान तक सीमित नहीं है। हवाई में सुनामी के जल्द पहुंचने की आशंका जताई गई है, जहां लोगों से सतर्क रहने को कहा गया है। कैलिफोर्निया में समुद्र तटों से दूर रहने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, चीन, फिलीपींस, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड, पेरू और मेक्सिको जैसे देशों ने भी अपने तटीय इलाकों के लिए सुनामी अलर्ट जारी किए हैं। यह स्थिति अब एक वैश्विक आपातकाल का रूप ले चुकी है।
2004 की सुनामी की याद
2004 में हिंद महासागर में 9.1 तीव्रता के भूकंप के कारण आई सुनामी ने भारत, श्रीलंका, थाईलैंड, इंडोनेशिया और मालदीव में भारी तबाही मचाई थी। भारत में तमिलनाडु और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह सबसे अधिक प्रभावित हुए थे। आज की स्थिति उस भयावह घटना की पुनरावृत्ति की आशंका पैदा कर रही है।
आगे की सतर्कता जरूरी
वैज्ञानिकों और अधिकारियों ने तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से तुरंत ऊंचे स्थानों पर जाने और आधिकारिक सूचनाओं पर ध्यान देने की अपील की है। प्रशांत महासागर के तटीय देशों में आपातकालीन तैयारियां तेज कर दी गई हैं।



