पहली प्राइवेट नौकरी वालों के लिए 15,000 रुपये की सौगात
हाइलाइट्स बॉक्स
15 अगस्त 2025 से शुरू योजना
निजी क्षेत्र में पहली बार नौकरी पाने वालों को 15,000 रुपये सरकारी सहायता
दो हिस्सों में बांटी गई योजना: कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों को लाभ
1 लाख करोड़ रुपये का आवंटन
2 वर्षों में 3.5 करोड़ रोजगार सृजन का लक्ष्य
कंपनियों को भी उत्तेजना राशि मिलेगी, खास ध्यान मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर
योजना का लाभ 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 तक बने रोजगार अवसरों पर लागू
स्वतंत्रता दिवस 2025 पर लाल किले से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं के रोजगार और आत्मनिर्भर भारत पर बड़ा ऐलान किया। सरकार ने PM विकसित भारत रोजगार योजना की शुरुआत की है, जिससे पहली बार प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले युवाओं को सीधा आर्थिक लाभ मिलेगा।
क्या है ‘PM विकसित भारत रोजगार योजना’?
यह योजना Employment Linked Incentive (ELI) scheme के तहत बनाई गई है, जिसे बजट 2024-25 में घोषित किया गया था। 1 जुलाई 2025 को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी और 25 जुलाई को श्रम मंत्रालय द्वारा इसे लागू करने का ऐलान किया गया। अब इसे प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना के नाम से जाना जाएगा।
योजना के मुख्य बिंदु
1 लाख करोड़ रुपये का कुल बजट आवंटन
2 साल में 3.5 करोड़ रोजगार देने का लक्ष्य
1.92 करोड़ लोग पहली बार वर्कफोर्स में शामिल होंगे
योजना का लाभ किसे मिलेगा?
पार्ट ‘ए’ – युवाओं के लिए
EPFO में पहली बार पंजीकृत कर्मचारी पात्र होंगे
महीने का EPF वेतन (अधिकतम 15,000 रुपये) दो किस्तों में दिया जाएगा
1 लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारी लाभान्वित होंगे
एक हिस्सा बचत खाते/निवेश साधन में जमा होगा, जिसे बाद में निकाला जा सकेगा
पार्ट ‘बी’ – नियोक्ताओं के लिए
मैन्युफैक्चरिंग व अन्य क्षेत्रों में बेहतरी लाने वाले नियोक्ता को प्रति कर्मचारी दो वर्षों तक 3,000 रुपये प्रतिमाह तक की प्रोत्साहन राशि
तीसरे व चौथे वर्ष में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को विशेष प्रोत्साहन
प्रतिष्ठानों को नियमित 6 महीने तक दो अतिरिक्त (50 से कम कर्मचारी) या पाँच अतिरिक्त (50 या अधिक) कर्मचारी रखना जरूरी
नियोक्ताओं को क्या फायदा?
नियमित रोजगार देने वाली कंपनियों को सरकार की तरफ से प्रोत्साहन राशि
प्राइवेट सेक्टर को रोजगार सृजन में सक्रिय भागीदारी का मौका
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को विशेष फोकस से भारत में औद्योगिक विकास और रोजगार में तेजी
कैसे मिलेगा लाभ?
योजना का लाभ 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 के दौरान बने नए रोजगार अवसरों पर लागू होगा
पात्रता के लिए कर्मचारी EPFO में पहली बार पंजीकृत होना चाहिए
कंपनियों को अपने कर्मचारियों का रजिस्ट्रेशन बरकरार रखना अनिवार्य
श्रम मंत्रालय की ओर से ऑनलाइन पोर्टल और जरूरी गाइडलाइंस जारी की जाएंगी
सरकारी उम्मीदें और घोषणा
श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि लगभग 1 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली इस योजना से 3.5 करोड़ रोजगार का निर्माण संभव होगा। मंत्री ने प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह देश के युवाओं के लिए ऐतिहासिक सौगात है।
PM विकसित भारत रोजगार योजना पहली बार नौकरी करने वालों, खासकर निजी क्षेत्र के युवाओं के लिए आर्थिक ताकत और रोजगार सुरक्षा का नया विकल्प है। इससे देश में रोजगार सृजन के अवसर बढ़ेंगे और औद्योगिक विकास को बल मिलेगा। सरकार की यह पहल आत्मनिर्भर भारत और युवा सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम है।



