भू-धंसाव बना मौत का कारण: दो महिलाओं की मौत, पांच मजदूर लापता, पौड़ी जिला आपदा की चपेट में
हाइलाइट्स
पौड़ी के पाबौ ब्लॉक के बुरांसी गांव में भू-धंसाव से दो सगी बहनों की दर्दनाक मौत
थलीसैंण ब्लॉक में गदेरे के तेज़ बहाव में पांच नेपाली मजदूर लापता
मुख्यालय पौड़ी के बैंज्वाड़ी गांव में भी भूस्खलन से मकान प्रभावित, लोग शिफ्ट किए गए
लगातार 36 घंटे की बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त
दुर्गम मार्ग व टूटी सड़कें: रेस्क्यू टीम समय पर नहीं पहुंच सकी
मृतक महिलाओं के परिजन और गांव के लोग गहरे शोक में
भीषण बारिश, जहरीला मलबा और मौत
उत्तराखंड के पौड़ी जिले में पिछले 24 घंटों से हो रही भारी बारिश ने जानलेवा रूप अख्तियार कर लिया है। मंगलवार सुबह से शुरू हुई जोरदार बारिश बुधवार दोपहर तक जारी रही, जिसने पाबौ, थलीसैंण और पौड़ी मुख्यालय सहित पूरे जनपद को संकट में डाल दिया।
सबसे अधिक हृदयविदारक हादसा पाबौ ब्लॉक के बुरांसी गांव में हुआ, जहां दो सगी बहनों की मलबे में दबकर मौत हो गई।
बुरांसी गांव: दो बहनों की असमय मौत
घटना विवरण:
मंगलवार सुबह लगभग साढ़े सात बजे, खेतों से तेज बहाव में आया मलबा आशा देवी के घर की ओर बह आया।
आशा देवी (55) और विमला देवी (58) उस समय घर पर अकेली थीं।
बारिश की तीव्रता और घर की कमजोर दीवारों के कारण भवन की छत और दीवार ढह गई।
मवेशी भी दब गए।
गांववालों की कोशिश और प्रशासन की देरी:
ग्रामीणों ने तेज बारिश और दुर्गम रास्तों के बावजूद पांच घंटे के अथक प्रयास से दोनों बहनों को मलबे से बाहर निकाला लेकिन तब तक वे दम तोड़ चुकी थीं।
रेस्क्यू टीम समय पर नहीं पहुंच सकी, क्योंकि पाबौ के पास हाईवे का पुल टूटा हुआ है और कई जगह भूस्खलन ने रास्ते रोक दिए हैं।
पीड़ित परिवार की स्थिति:
आशा देवी स्थानीय इंटर कॉलेज जगतेश्वर में भोजन माता के रूप में कार्यरत थीं।
विमला देवी अपने नए घर का निर्माण कर रही थीं।
हादसे के समय दोनों अकेली थीं।
आशा देवी के ससुर इलाज के लिए देहरादून, और दोनों के बच्चे भी गांव से बाहर हैं।
थलीसैंण ब्लॉक: नदी में बहे पांच मजदूर
पौड़ी के थलीसैंण ब्लॉक के बाकुड़ा गांव के निकट एक गदेरा (स्थानीय नदी) उफान पर आ गया। यहां काम कर रहे पांच नेपाली मजदूर तेज बहाव में बह गए।
जिला प्रशासन ने तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया है।
बुधवार देर शाम एक मजदूर का संदिग्ध शव कुछ किलोमीटर नीचे बहते देखा गया, लेकिन पुष्टि बाकी है।
SDRF व पुलिस की टीमें रातभर सर्च ऑपरेशन में जुटी हैं।
पौड़ी मुख्यालय: बैंज्वाड़ी गांव भी चपेट में
बैंज्वाड़ी गांव के एक आवासीय घर पर भूस्खलन से मलबा आ गिरा, जिससे मकान अतिसंवेदनशील हो गया।
प्रशासन ने वहां के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
सड़कें और रेस्क्यू बाधित
आवासीय पहुंच से कटा पाबौ:
पौड़ी-पाबौ हाईवे पर सड़क धंसने व पुल टूटने की वजह से प्रशासनिक टीमें बुरांसी गांव समय पर नहीं पहुंच सकीं।
विकासखंडों में हालात:
| क्षेत्र | मुख्य समस्या |
|---|---|
| पाबौ | भू-धंसाव, पहुंच मार्ग कटे, रेस्क्यू बाधित |
| थलीसैंण | नदी उफान पर, मजदूर बहने की सूचना |
| मुख्यालय नगर | भूस्खलन, मकानों को खतरा, आपदा की तैयारी |
प्रशासनिक प्रतिक्रिया
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि “बारिश की गंभीरता को देखते हुए सभी विकासखंडों में आपात शिविर, रेस्क्यू टीमें, तथा स्थानीय संपर्क सूत्र सक्रिय किए गए हैं।”
SDRF, NDRF, राजस्व विभाग, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीमों को अलर्ट पर रखा गया है।
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश आपदा का दूसरा नाम बन चुकी है। जरूरी है कि स्थानीय अलर्ट सिस्टम, सड़क सुविधा, और समय पर सहायता पहुंचाने वाली व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए।
गांवों में जल निकासी व्यवस्था, अनाधिकृत निर्माण, और भू-धंसाव संभावित क्षेत्रों में स्थायी समाधान की आवश्यकता अब और भी गंभीर हो गई है।



