1 अक्तूबर से बड़े बदलाव: स्पीड पोस्ट पर OTP, महंगी बैंकिंग सेवाएं और पेंशन के नए नियम लागू
- भारतीय डाक ने स्पीड पोस्ट के लिए OTP आधारित डिलीवरी शुरू की, 5 रुपये अतिरिक्त शुल्क लगेगा।
- पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने चेक बुक और लॉकर के किराये में बढ़ोतरी की।
- धोखाधड़ी रोकने के लिए UPI पर ‘रकम मांगने’ (Collect Request) की सुविधा बंद कर दी गई है।
- NPS में गैर-सरकारी सदस्य अब 100% इक्विटी में निवेश कर सकेंगे।
- पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करने का अभियान शुरू, 80+ वर्ष के लोगों को प्राथमिकता ।
- HDFC बैंक और यस बैंक ने भी सेवा शुल्कों में बदलाव किए हैं ।
- RBI 4 अक्तूबर से निरंतर चेक क्लियरिंग प्रणाली लागू करेगा।
नई दिल्ली। आज, 1 अक्तूबर 2025 से, देश में बैंकिंग, डाक सेवाओं और पेंशन योजनाओं से जुड़े कई महत्वपूर्ण नियम बदल गए हैं। इन बदलावों का सीधा असर आम आदमी की जेब और वित्तीय लेनदेन पर पड़ेगा। भारतीय डाक ने जहां अपनी सेवाओं को और सुरक्षित बनाया है, वहीं पंजाब नेशनल बैंक और यस बैंक जैसे बैंकों ने अपने शुल्कों में वृद्धि की है। साथ ही, पेंशनभोगियों और UPI उपयोगकर्ताओं के लिए भी नए नियम लागू हो गए हैं।
भारतीय डाक की नई सुरक्षित डिलीवरी सेवा
भारतीय डाक (India Post) ने अपनी स्पीड पोस्ट सेवा को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। आज से स्पीड पोस्ट के लिए वन टाइम पासवर्ड (OTP) आधारित डिलीवरी सेवा शुरू हो गई है। इस सुविधा के तहत, अगर कोई ग्राहक चाहता है कि उसका पत्र या सामान किसी निश्चित व्यक्ति को ही मिले, तो उसे बुकिंग के समय प्राप्तकर्ता का मोबाइल नंबर देना होगा । डिलीवरी के समय, उस नंबर पर भेजे गए OTP के सत्यापन के बाद ही पार्सल सौंपा जाएगा। इस खास सेवा के लिए ग्राहक को प्रति स्पीड पोस्ट पांच रुपये का अतिरिक्त शुल्क देना होगा । यह कदम पार्सल की गलत डिलीवरी या खोने की घटनाओं को कम करने में मदद करेगा।
बैंकिंग और UPI में बड़े बदलाव: महंगी सेवाएं और बढ़ी हुई सुरक्षा
बैंकिंग क्षेत्र में कई बदलाव हुए हैं, जिनमें से कुछ आपकी जेब पर भारी पड़ सकते हैं:
- PNB की सेवाएं हुईं महंगी: पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने आज से अपने कई सेवा शुल्कों में वृद्धि कर दी है। चेक बुक जारी करने के शुल्क में मामूली बढ़ोतरी की गई है। इसके अलावा, लॉकर के आकार और शाखा के स्थान के आधार पर किराये में भी वृद्धि की गई है। उदाहरण के लिए, अब ग्रामीण क्षेत्र में मध्यम आकार के लॉकर का वार्षिक किराया 2,500 रुपये, अर्ध-शहरी क्षेत्रों में 3,000 रुपये और महानगरों में 4,000 रुपये होगा।
- UPI पर ‘कलेक्ट रिक्वेस्ट’ बंद: धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के लिए, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने UPI ऐप्स पर ‘रकम मांगने’ (Collect Request) की सुविधा को बंद करने का निर्देश दिया है। यह वह सुविधा थी जिसके जरिए कोई भी उपयोगकर्ता किसी दूसरे व्यक्ति को पैसे भेजने का अनुरोध कर सकता था। इस सुविधा का दुरुपयोग करके कई लोगों से ठगी की गई थी। अब यह सुविधा केवल सत्यापित मर्चेंट के लिए उपलब्ध होगी, P2P (व्यक्ति से व्यक्ति) लेनदेन के लिए नहीं।
- अन्य बैंकों में बदलाव: PNB के अलावा, HDFC बैंक ने अपने ‘इम्पेरिया’ ग्राहकों के लिए पात्रता मानदंड सख्त कर दिए हैं, और यस बैंक ने भी अपने सैलरी अकाउंट से जुड़े शुल्कों में संशोधन किया है।
- RBI की नई चेक क्लियरिंग प्रणाली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 4 अक्तूबर से बैच क्लियरिंग के बजाय निरंतर चेक क्लियरिंग प्रणाली लागू करेगा, जिससे चेकों का निपटान तेजी से होगा।
पेंशनभोगियों के लिए महत्वपूर्ण अपडेट और नए नियम
पेंशन योजनाओं और पेंशनभोगियों के लिए भी 1 अक्तूबर से कई नियम बदल गए हैं:
- NPS में 100% इक्विटी निवेश की छूट: राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में एक बड़ा बदलाव हुआ है। अब गैर-सरकारी क्षेत्र के सदस्य अपने फंड का 100% तक इक्विटी योजनाओं में निवेश कर सकेंगे। पहले यह सीमा 75% थी। इस बदलाव से NPS सदस्यों को अपने पेंशन फंड पर अधिक मुनाफा कमाने का अवसर मिलेगा।
- पेंशन योजनाओं का शुल्क बढ़ा: पेंशन नियामक PFRDA ने कई पेंशन योजनाओं के लिए शुल्क में बदलाव किया है। NPS और UPS में खाता खोलने का शुल्क अब 18 रुपये और PRAN कार्ड के लिए 40 रुपये लगेगा। वहीं, वार्षिक रखरखाव शुल्क 100 रुपये प्रति खाता होगा। अटल पेंशन योजना और NPS-लाइट में खाता खोलने और रखरखाव का शुल्क 15 रुपये होगा।
- जीवन प्रमाण पत्र जमा करने का अभियान: पेंशन विभाग ने आज से देशभर में डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (DLC) जमा करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है। 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ पेंशनभोगी 1 अक्तूबर से ही अपना प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं। बुजुर्ग और दिव्यांग पेंशनभोगियों के लिए घर-घर जाकर यह सुविधा प्रदान की जाएगी।
1 अक्तूबर से लागू हुए ये बदलाव वित्तीय लेनदेन में सुरक्षा, पारदर्शिता और लागत तीनों पर प्रभाव डालते हैं। जहां एक ओर OTP आधारित डिलीवरी और UPI नियमों में सख्ती से सुरक्षा बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर कुछ बैंकिंग सेवाओं के लिए अधिक शुल्क देना होगा। पेंशनभोगियों के लिए निवेश के बेहतर अवसर और जीवन प्रमाण पत्र जमा करने में आसानी प्रदान की गई है। सभी नागरिकों को इन बदलावों के बारे में जागरूक रहना चाहिए ताकि वे अपनी वित्तीय योजनाओं को बेहतर ढंग से प्रबंधित कर सकें।
अधिक जानकारी के लिए आप RBI की आधिकारिक वेबसाइट या अपने बैंक से संपर्क कर सकते हैं। आप वित्तीय समाचार अपडेट के लिए हमारा पेज भी देख सकते हैं।



