क्या होगा भारतीय नर्स निमिषा प्रिया का? नहीं मिली माफी, सजा-ए-मौत की संभावना बरकरार
न्यूज़ डेस्क। 17 जुलाई, 2025 यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया, जो यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या की आरोपी हैं, को माफी नहीं मिली है। शरियत कानून के तहत उनकी मौत की सजा टल जरूर गई है, लेकिन माफी की संभावना खत्म हो गई है। मृतक के भाई अब्देल फत्तह महदी ने सोशल मीडिया पर स्पष्ट किया कि वे निमिषा को क्षमा नहीं करेंगे और न ही ब्लड मनी स्वीकार करेंगे।
महदी ने बीबीसी अरबी को दिए साक्षात्कार में कहा कि वे शरियत के तहत ‘किसास’ (बदले) की मांग करते हैं। उन्होंने भारतीय मीडिया पर झूठी खबरें फैलाने का आरोप लगाया, जिसमें दावा किया गया कि तलाल ने निमिषा का पासपोर्ट जब्त किया या उनका यौन शोषण किया। महदी के अनुसार, निमिषा या उनकी कानूनी टीम ने कभी अदालत में ऐसे आरोप नहीं लगाए। उन्होंने भारतीय मीडिया पर दोषी को पीड़ित दिखाने और जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।
16 जुलाई को होने वाली निमिषा की सजा को भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद टाल दिया गया। भारत में कंथापुरम के ग्रैंड मुफ्ती एपी अबूबकर मुसलियार और यमन के सूफी विद्वान शेख हबीब उमर बिन हाफिज ने 15 जुलाई को इस मामले पर बातचीत की थी, जिसमें मृतक का भाई और यमन सुप्रीम कोर्ट के जज शामिल थे। हालांकि, पीड़ित परिवार ने माफी देने से इनकार कर दिया।
भारत का यमन में कोई स्थायी दूतावास नहीं है। 2015 में गृह युद्ध के कारण सना में दूतावास बंद कर जिबूती स्थानांतरित कर दिया गया था। वर्तमान में भारत रियाद में मौजूद राजदूत के जरिए यमन सरकार से बातचीत कर रहा है।
2015 में यमन के गृह युद्ध के दौरान ‘ऑपरेशन राहत’ के तहत 4,600 भारतीयों और एक हजार विदेशी नागरिकों को निकाला गया, लेकिन निमिषा भारत नहीं लौट सकीं। आरोप है कि तलाल ने निमिषा के क्लिनिक का मुनाफा हड़प लिया और उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया। निमिषा ने पुलिस में शिकायत की, लेकिन पुलिस ने तलाल के झूठे दावों के आधार पर निमिषा को हिरासत में ले लिया।
यमन की सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने निमिषा को हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई। 2023 में उनकी माफी की अपील खारिज हो गई और 30 दिसंबर 2024 को राष्ट्रपति रशद ने सजा को मंजूरी दी। निमिषा की सजा का भविष्य अब अनिश्चित है, लेकिन माफी की संभावना कम नजर आ रही है।
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