राजमिस्त्री का बेटा बना JEE टॉपर: यूट्यूब से पढ़कर हासिल की 64वीं रैंक

हरदोई (उत्तर प्रदेश) – आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद जब संकल्प मजबूत हो तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता। उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के छोटे से गांव पाली के रहने वाले विकास कुमार ने यह साबित कर दिखाया। एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले विकास ने JEE Advanced
2024 में 64वीं रैंक हासिल कर सबको चौंका दिया है।

बिना कोचिंग, यूट्यूब से की तैयारी

विकास के पास महंगी कोचिंग की सुविधा नहीं थी। उसके पिता, राजमिस्त्री का काम करते हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत सामान्य है। ऐसे में विकास ने इंटरनेट और यूट्यूब को ही अपना शिक्षक बना लिया। उसने यूट्यूब पर उपलब्ध निशुल्क शैक्षणिक सामग्री की मदद से स्वयं अध्ययन किया।

उसका कहना है, “मैंने इंटरनेट से टॉपर्स के इंटरव्यू देखे, फ्री लेक्चर सुने और हर विषय को खुद से समझने की कोशिश की।”

हर दिन 10–12 घंटे की पढ़ाई

विकास ने बताया कि उसने एक सख्त दिनचर्या बनाई थी। हर दिन 10 से 12 घंटे की पढ़ाई की जाती थी, जिसमें पुराने प्रश्नपत्रों का अभ्यास और अवधारणाओं की पुनरावृत्ति शामिल थी। उसने खुद को सोशल मीडिया और अन्य ध्यान भटकाने वाली चीजों से दूर रखा।

माता-पिता का योगदान

विकास के पिता ने कहा, “हमने कभी उम्मीद नहीं की थी कि हमारा बेटा देश के इतने बड़े परीक्षा में टॉप 100 में आएगा। हम तो चाहते थे कि वह अच्छे से पढ़-लिख जाए। लेकिन उसने कमाल कर दिया।”

विकास की माँ ने भी बताया कि उन्होंने हरसंभव कोशिश की कि बेटे की पढ़ाई में कोई रुकावट न आए, चाहे वह रात में दीया जलाकर पढ़ाई करना हो या खेत से लौटकर घर के कामों में मदद करना।

संघर्षों से सीखने की प्रेरणा

विकास की कहानी न सिर्फ मेहनत की मिसाल है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि संसाधनों की कमी रास्ता नहीं रोक सकती। उनका सपना अब आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस में स्नातक करना है और भविष्य में भारत के लिए कुछ बड़ा करना है।

पाली गांव के लोग विकास की सफलता से गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। गांव के अन्य युवाओं को भी अब विश्वास होने लगा है कि इंटरनेट और आत्मविश्वास से वे भी बड़ी उपलब्धियाँ हासिल कर सकते हैं।

विकास कुमार की सफलता यह साबित करती है कि जब इरादे मजबूत हों, तो कोई भी आर्थिक या सामाजिक बाधा मंजिल की राह नहीं रोक सकती। यह सफलता सिर्फ विकास की नहीं, बल्कि उन हजारों युवाओं की उम्मीद है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं।

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