इजरायल ने ऐसा क्या किया कि बाद में भारत से मांगी माफी
न्यूज़ डेस्क। 14 जून 2025: इजरायल रक्षा बलों (IDF) द्वारा शुक्रवार, 13 जून को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किए गए एक नक्शे ने भारत में विवाद खड़ा कर दिया। नक्शे में ईरानी मिसाइलों की रेंज दर्शाने के उद्देश्य से बनाए गए इस ग्राफिक में भारत की सीमाओं को गलत तरीके से चित्रित किया गया, जिसमें जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा और अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा दिखाया गया। इस गलती ने भारतीय यूजर्स और नेताओं में आक्रोश पैदा किया, जिसके बाद IDF को माफी मांगनी पड़ी।
क्या है पूरा मामला?
13 जून को IDF ने एक ग्राफिकल विश्व नक्शा पोस्ट किया, जिसमें ईरान की मिसाइलों की मारक क्षमता को दर्शाया गया था। पोस्ट के साथ कैप्शन में लिखा गया, “ईरान एक वैश्विक खतरा है। इजरायल उसका अंतिम लक्ष्य नहीं है, यह तो केवल शुरुआत है। हमारे पास कार्रवाई करने के सिवाय कोई विकल्प नहीं था।” हालांकि, नक्शे में भारत की भौगोलिक सीमाओं को गलत तरीके से दर्शाया गया, जिसमें जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों को गलत रूप से चित्रित किया गया। इसने भारत की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता पर सवाल उठाए, जिससे सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं शुरू हो गईं।
सोशल मीडिया पर हंगामा
भारतीय यूजर्स ने नक्शे की गलतियों को तुरंत उजागर किया। जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा और अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा दिखाने के अलावा, उत्तर-पूर्वी राज्यों को नेपाल से जोड़ा गया था। इस गलती ने भारतीय नागरिकों और राजनेताओं में नाराजगी पैदा की। कई यूजर्स ने इसे भारत की संप्रभुता का अपमान करार दिया और IDF से तत्काल माफी की मांग की।
IDF और इजरायली दूतावास की सफाई
विवाद के बढ़ने के बाद IDF ने 13 जून को दोपहर में एक स्पष्टीकरण पोस्ट जारी किया। इसमें कहा गया, “यह पोस्ट केवल क्षेत्र का एक चित्रण थी। यह नक्शा सीमाओं को सटीक रूप से नहीं दर्शाता। इस तस्वीर से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची हो, इसके लिए हम क्षमा चाहते हैं।” साथ ही, भारत में इजरायल के राजदूत ने भी एक भारतीय यूजर की शिकायत का जवाब देते हुए कहा, “यह एक गलत और अनपेक्षित इन्फोग्राफिक है। इसे हटाने या ठीक करने के निर्देश दे दिए गए हैं।”
भारतीय यूजर्स की मांग
IDF की माफी के बावजूद, कई भारतीय यूजर्स ने मांग की कि गलत नक्शे को हटाकर सही सीमाओं वाला नक्शा पोस्ट किया जाए। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने इसे एक गंभीर गलती करार देते हुए इजरायल से अधिक जिम्मेदारी की अपेक्षा जताई।