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भारतीय शेयर बाजार में 5 साल की सबसे लंबी गिरावट, सेंसेक्स और निफ्टी लगातार छठे हफ्ते नुकसान में

भारतीय शेयर बाजार में 5 साल की सबसे लंबी गिरावट, सेंसेक्स और निफ्टी लगातार छठे हफ्ते नुकसान में

 

न्यूज़ डेस्क। 9 अगस्त 2025: भारतीय शेयर बाजारों में पिछले पांच वर्षों की सबसे लंबी गिरावट का दौर जारी है। शुक्रवार, 8 अगस्त को बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी दोनों प्रमुख सूचकांक भारी गिरावट के साथ बंद हुए। यह लगातार छठा सप्ताह है, जब दोनों सूचकांक नुकसान में रहे। इससे पहले इतनी लंबी गिरावट अप्रैल 2020 में कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन की आशंकाओं के बीच देखी गई थी। विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार गिरावट का प्रमुख कारण अमेरिका-भारत के बीच व्यापारिक अनिश्चितता और कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजे हैं।

 

बाजार का प्रदर्शन

शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 0.95% की गिरावट के साथ 79,857.79 अंकों पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 0.95% फिसलकर 24,363.3 अंकों पर रहा। पूरे कारोबारी सप्ताह (4-8 अगस्त) के दौरान सेंसेक्स 0.9% और निफ्टी 0.8% नीचे आए। गिरावट का दायरा व्यापक रहा, जिसमें निफ्टी के 16 में से 13 प्रमुख सेक्टर लाल निशान में बंद हुए। स्मॉलकैप इंडेक्स में 1.4% और मिडकैप इंडेक्स में 1.1% की कमी दर्ज की गई। आईटी सेक्टर में 0.7% और फार्मा सेक्टर में 2.8% की गिरावट देखी गई, जबकि फाइनेंशियल और एनर्जी सेक्टर क्रमशः 1.2% और 1.4% नीचे बंद हुए।

 

गिरावट के प्रमुख कारण

बाजार विशेषज्ञों ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए दोगुने टैरिफ (50%) को गिरावट का प्रमुख कारण बताया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि जब तक टैरिफ विवाद सुलझ नहीं जाता, भारत के साथ कोई नई व्यापारिक वार्ता नहीं होगी। अमेरिका का दावा है कि भारत द्वारा रूस से तेल खरीद के कारण यह कदम उठाया गया। इसके अलावा, जुलाई की शुरुआत से विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों से 3.47 अरब डॉलर की बिकवाली की, जिसने अस्थिरता को और बढ़ाया।

 

इक्वेंटिस वेल्थ एडवाइजरी सर्विसेज के संस्थापक और प्रबंध निदेशक मनीष गोयल ने कहा, “टैरिफ तनाव और विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने बाजार में अनिश्चितता को बढ़ा दिया है।” इसके साथ ही, कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों ने निवेशकों के मनोबल को और कमजोर किया है।

 

प्रमुख शेयरों का प्रदर्शन

अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयरों में इस सप्ताह 7.4% की गिरावट दर्ज की गई, जो जून तिमाही के कमजोर नतीजों के बाद आई। टेक्सटाइल कंपनियों जैसे केपीआर मिल, गोकलदास एक्सपोर्ट्स, वर्धमान टेक्सटाइल्स और ट्राइडेंट के शेयरों में 4.2% से 12.1% की गिरावट देखी गई, क्योंकि इनकी आय का बड़ा हिस्सा निर्यात पर निर्भर है। दूसरी ओर, हीरो मोटोकॉर्प के शेयर 6.7% चढ़े, जो मजबूत निर्यात और बेहतर तिमाही नतीजों के कारण निफ्टी 50 में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला शेयर रहा।

 

RBI की नीति और बाजार की प्रतिक्रिया

TRUST म्यूचुअल फंड के सीईओ संदीप बगला ने कहा, “रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है, जिससे संकेत मिलता है कि अर्थव्यवस्था को मौद्रिक नीति से तत्काल अतिरिक्त समर्थन की उम्मीद नहीं है।” RBI ने टैरिफ से उत्पन्न होने वाले जोखिमों को लेकर भी चेतावनी दी थी।

 

निवेशकों के लिए सलाह

विशेषज्ञों का सुझाव है कि निवेशक सतर्क रहें और कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से सलाह लें। बाजार में अनिश्चितता के बीच दीर्घकालिक निवेश रणनीति पर ध्यान देना उचित होगा।

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