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गुलदार से भिड़ गयी छात्रा, बहादुरी बनी मिसाल

गुलदार से भिड़ गयी छात्रा, बहादुरी बनी मिसाल

 

रुद्रप्रयाग जिले के जखोली विकासखंड में गुलदार का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में भय और असुरक्षा का माहौल छाया हुआ है, खासकर स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभिभावकों में चिंता बढ़ती जा रही है। गुरुवार, 17 जुलाई 2025 की सुबह एक सनसनीखेज घटना ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया, जब स्कूल जा रही दसवीं की छात्रा पर गुलदार ने हमला कर दिया। हालांकि, छात्रा की साहसिक प्रतिक्रिया ने न केवल उसकी जान बचाई, बल्कि पूरे गांव में उसकी बहादुरी की चर्चा का विषय बन गया।

यह घटना जखोली क्षेत्र के किरोड़ा गांव में घटी। सुबह करीब 8 बजे राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय किरोड़ा के पास दसवीं कक्षा की छात्रा अंबिका, पिता जगदीश लाल, स्कूल पहुंचने वाली थी, तभी घात लगाए बैठे गुलदार ने उस पर हमला कर दिया। अंबिका ने इस खतरनाक स्थिति में डरने के बजाय अदम्य साहस दिखाया। उसने अपने छाते से गुलदार पर वार किया और बैग छोड़कर किसी तरह अपनी जान बचाते हुए दौड़कर स्कूल पहुंची।

स्कूल पहुंचने पर अंबिका की हालत देखकर प्रभारी प्रधानाध्यापक नरेश भट्ट और शिक्षक पीएस राणा ने तुरंत उससे घटना की जानकारी ली। कांपती और हांफती हुई अंबिका ने जब गुलदार के हमले की बात बताई, तो स्कूल स्टाफ स्तब्ध रह गया। उन्होंने तत्काल वन विभाग को सूचित किया और गुलदार को जल्द से जल्द पकड़ने की मांग की।

अंबिका की बहादुरी की चर्चा अब पूरे किरोड़ा गांव और आसपास के क्षेत्रों में हो रही है। प्रभारी प्रधानाध्यापक नरेश भट्ट ने बताया कि अंबिका न केवल पढ़ाई में मेधावी है, बल्कि खेलों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करती है। वह गोला फेंक प्रतियोगिता में ब्लॉक स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि अंबिका की इस साहसिक कार्रवाई के लिए उसे सम्मानित किया जाए।

घटना की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अंबिका के बैग पर गुलदार के नाखूनों के गहरे निशान पाए गए हैं, जो हमले की पुष्टि करते हैं। इस घटना के बाद से अभिभावकों और बच्चों में दहशत और गहरी हो गई है। ग्रामीण अब अपने बच्चों को अकेले स्कूल भेजने से डर रहे हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि गुलदार पिछले कई हफ्तों से गांव में खुलेआम घूम रहा है और बच्चों को निशाना बना रहा है। इसके बावजूद वन विभाग और प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीणों में वन विभाग की निष्क्रियता को लेकर गहरा आक्रोश है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि गुलदार को जल्द पकड़ा नहीं गया, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और गुलदार को पकड़ने के लिए प्रयासरत हैं। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि अब तक की कार्रवाई नाकाफी है और तत्काल प्रभावी कदम उठाए जाने की जरूरत है ताकि बच्चों और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

इस घटना ने एक बार फिर वन्यजीव और मानव के बीच बढ़ते संघर्ष को उजागर किया है। ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन इस समस्या का स्थायी समाधान निकाले ताकि वे निश्चिंत होकर अपने दैनिक जीवन में लौट सकें।

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