गुजरात पुल हादसा: अब तक 13 की मौत, ढांचागत लापरवाही की खुली पोल
हाइलाइट्स
- वडोदरा जिले में महिसागर नदी पर बना गंभीरा पुल बुधवार सुबह 7:30 बजे ढहा
- दो ट्रक, दो वैन, एक ऑटो और एक बाइक नदी में गिरे
- 13 लोगों की मौत, 9 को सुरक्षित निकाला गया, 5 घायल
- पीएम मोदी ने मृतकों के परिजनों को 6 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये की मदद की घोषणा की
- पुल का निर्माण 1985 में हुआ था, हाल ही में मरम्मत और नया पुल स्वीकृत
- विशेषज्ञों ने पुल के डिज़ाइन, स्पैन और भार सहन क्षमता पर उठाए सवाल
गुजरात के वडोदरा जिले में बुधवार सुबह एक बड़ा हादसा हुआ जब महिसागर नदी पर बना 43 साल पुराना गंभीरा पुल टूट गया। इस हादसे में छह गाड़ियों सहित 13 लोगों की जान चली गई और कई घायल हुए। हादसे ने न केवल सरकार की पुलों की निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि ढांचागत सुरक्षा मानकों की गंभीर अनदेखी को भी उजागर किया है।
पुल हादसे का घटनाक्रम: कैसे हुआ हादसा
बुधवार सुबह 7:30 बजे वडोदरा जिले में महिसागर नदी पर स्थित गंभीरा पुल का एक बड़ा हिस्सा अचानक ढह गया। इस हिस्से के टूटते ही दो ट्रक, दो वैन, एक ऑटो और एक बाइक नदी में गिर गईं।
वडोदरा कलेक्टर अनिल धमेलिया ने बताया कि पुल के 10 से 15 मीटर लंबे स्लैब के ढहने से हादसा हुआ। कुल 6 वाहन सीधे नदी में समा गए। एनडीआरएफ और दमकल विभाग की टीमों ने नावों और तैराकों की मदद से तत्काल राहत-बचाव कार्य शुरू किया।
मृतकों और घायलों की जानकारी
13 मृतकों में एक बच्चा और उसका बड़ा भाई भी शामिल है। 9 लोगों को नदी से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, जिनमें से पांच की हालत गंभीर है और उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुराना पुल, नई मंजूरी
गंभीरा पुल का निर्माण वर्ष 1985 में हुआ था। यह मध्य गुजरात को सौराष्ट्र क्षेत्र से जोड़ने का मुख्य मार्ग था। यह लगभग 900 मीटर लंबा पुल 23 स्पैन पर टिका था।
राज्य सरकार ने पुल पर बढ़ते ट्रैफिक और जर्जर हालत को देखते हुए मार्च 2025 में 212 करोड़ रुपये की लागत से नए पुल के निर्माण को स्वीकृति दी थी, लेकिन अभी तक नया निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ था।
जांच के आदेश
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने घटनास्थल पर पहुंचकर सड़क और भवन विभाग को तत्काल जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता की घोषणा की। वहीं मुख्यमंत्री पटेल ने राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य नेताओं ने घटना पर दुख व्यक्त किया है।
पुल के डिज़ाइन और भार क्षमता पर सवाल
स्पैन की लंबाई और निर्माण की तकनीकी जटिलताएं
विशेषज्ञों के अनुसार, पुल का ‘स्पैन’—यानी दो पिलरों के बीच की दूरी—प्रणाली की मजबूती का अहम निर्धारक होता है। गंभीरा पुल के प्रत्येक स्पैन की औसत लंबाई लगभग 39 मीटर थी। यह दूरी अधिक होने पर पुल का डेक कमजोर पड़ सकता है।
भार वहन क्षमता और रखरखाव की उपेक्षा
भार वहन करने की क्षमता का निर्धारण पुल की निर्माण सामग्री, डिजाइन, और यातायात के प्रकार पर निर्भर करता है। भारतीय सड़क कांग्रेस (IRC) के मानकों के अनुसार, ऐसे पुलों को 40 से 60 टन प्रति लेन के हिसाब से डिज़ाइन किया जाना चाहिए।
2017 में एक आंतरिक तकनीकी रिपोर्ट में सुझाव दिया गया था कि यह पुल भारी वाहनों के लिए असुरक्षित हो चुका है और इसे सीमित उपयोग में रखा जाए, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया।
इस हादसे ने न केवल 13 लोगों की जान ली, बल्कि कई परिवारों को जीवनभर का दर्द दे गया।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यदि पुल की समय रहते मरम्मत की जाती या नया पुल शीघ्र बनता, तो यह हादसा टल सकता था।
पिछली घटनाओं से सबक नहीं लिया गया?
गुजरात में इससे पहले भी मोरबी पुल हादसा सामने आया था, जिसमें दर्जनों लोगों की जान गई थी। बावजूद इसके पुलों के निरीक्षण और रखरखाव में लापरवाही साफ नजर आ रही है।यह जरूरी है कि:
- पुराने पुलों की समयबद्ध और वैज्ञानिक जांच हो
- तकनीकी विशेषज्ञों की निगरानी में डिजाइन और रखरखाव हो
- पुलों पर लगे वज़न माप उपकरणों से ट्रैफिक नियंत्रण किया जाए
- दोषियों की जवाबदेही तय की जाए
एक बार फिर सवालों के घेरे में सरकार और सिस्टम
गुजरात के इस हादसे ने एक बार फिर ढांचागत निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। महज जांच के आदेश और मुआवज़ा देकर शासन अपनी ज़िम्मेदारी से नहीं बच सकता।
सार्वजनिक ढांचों की सुरक्षा सिर्फ मरम्मत और उद्घाटन समारोहों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि निरंतर तकनीकी निरीक्षण, पारदर्शिता और जवाबदेही आवश्यक है।
भारतीय सड़क कांग्रेस (IRC) आधिकारिक वेबसाइट
#WATCH | Gujarat | A truck hangs perilously on the edge of the broken Gambhira bridge on the Mahisagar river in Padra, Vadodara.
Nine people have lost their lives in the incident. A search and rescue operation is underway in the area. pic.twitter.com/GnrkVSZJEC
— ANI (@ANI) July 9, 2025