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फर्जी वीडियो से 66 लाख की ठगी: युवक को दिखाया वित्त मंत्री का चेहरा, निवेश के नाम पर लूट ली जिंदगी की कमाई

🧠 फर्जी वीडियो से 66 लाख की ठगी: युवक को दिखाया वित्त मंत्री का चेहरा, निवेश के नाम पर लूट ली जिंदगी की कमाई


📌 मुख्य बिंदु (हाइलाइट्स):

  • सोशल मीडिया पर वित्त मंत्री का फर्जी वीडियो दिखाकर युवक से 66 लाख रुपये की ठगी
  • सात दिन में रकम को कई गुना करने का झांसा दिया गया
  • ‘क्रिप्ट्स प्रोमेकर्स’ नामक फर्जी कंपनी के लिंक पर हुआ पंजीकरण
  • अलग-अलग खातों में कई बार में रकम जमा कराई गई
  • पीड़ित को तब हुआ ठगी का अहसास जब मुनाफा लौटाने में आरोपियों ने टालमटोल शुरू किया
  • साइबर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

डिजिटल युग में जहां एक तरफ तकनीक ने जीवन को सरल बनाया है, वहीं दूसरी ओर साइबर ठगों ने इसे धोखाधड़ी का हथियार बना लिया है। ताजा मामला उत्तराखंड के रुड़की से सामने आया है, जहां एक युवक ने सोशल मीडिया पर भारत सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का वीडियो देखकर एक निवेश योजना में भरोसा किया और महज कुछ ही हफ्तों में 66.21 लाख रुपये गँवा दिए। यह घटना न सिर्फ साइबर सुरक्षा की चिंता बढ़ाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि आमजन किस हद तक इन भ्रामक तकनीकी जालों का शिकार हो रहे हैं।


📽️ कैसे शुरू हुआ यह फर्जीवाड़ा?

7 मई को पीड़ित युवक, जो कि रुड़की का निवासी है, ने गूगल पर निवेश से संबंधित जानकारी खोजी। इसी दौरान उसे ‘जुदाह मुराजिक’ नाम के एक फेसबुक पेज पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का एक वीडियो दिखाई दिया, जिसमें एक नकली स्कीम के तहत बताया गया कि केवल 21,000 रुपये निवेश करने पर सात दिनों में 6.5 लाख रुपये तक का रिटर्न मिल सकता है।

वीडियो के साथ एक लिंक साझा किया गया था, जो कथित तौर पर ‘Crypts Promakers’ नामक कंपनी की वेबसाइट का था। पीड़ित युवक ने उत्सुकता में उस लिंक पर क्लिक किया और रजिस्ट्रेशन फॉर्म भर दिया।

फॉर्म भरते ही उसके पास एक अज्ञात नंबर से कॉल आया, जिसमें कहा गया कि सफल पंजीकरण के लिए 21,000 रुपये जमा करने होंगे। युवक ने बिना शंका किए रमेश कुमार नाम के बैंक खाते में रकम जमा करा दी।

अगले दिन ‘प्रिया’ नाम की एक महिला ने युवक को कॉल कर बताया कि उसका रजिस्ट्रेशन सफल हो चुका है और अब वह निवेश प्रक्रिया में भाग ले सकता है। युवक को एक वेबसाइट लिंक भेजा गया, जिसमें एक डैशबोर्ड पर डॉलर में रिटर्न दिखाया गया। युवक को यह सब देखकर विश्वास हो गया कि उसका पैसा सही जगह लगा है।


66 लाख रुपये तक कैसे पहुँची ठगी:

  • 9 मई को युवक ने 1 लाख रुपये और जमा किए
  • 12 मई को उसने 6.8 लाख रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किए
  • 28 मई तक, कुल मिलाकर 66.21 लाख रुपये, युवक से धोखे से विभिन्न खातों में जमा कराए गए

हर बार जब युवक ने पैसा भेजा, तो उसे डैशबोर्ड पर डिजिटल रूप में मुनाफा दर्शाया गया, जिससे उसे यह महसूस होता रहा कि उसका पैसा बढ़ रहा है।


🧾 मुनाफा मांगने पर असलियत सामने आई:

जब युवक ने 28 मई के बाद मुनाफा निकालने की प्रक्रिया शुरू की और संबंधित वेबसाइट व फोन नंबरों से संपर्क किया, तो आरोपियों ने टालमटोल करना शुरू कर दिया। कभी नेटवर्क समस्या, कभी सर्वर इश्यू और कभी ट्रांजेक्शन प्रक्रिया में देरी का बहाना दिया गया।

इस पर युवक को संदेह हुआ और जब उसने गहराई से पड़ताल की, तो पता चला कि यह पूरी योजना ही फर्जी थी। इसके बाद वह साइबर क्राइम थाना, देहरादून पहुंचा और मामले की शिकायत दर्ज कराई।


🧠 वित्त मंत्री का नाम और चेहरा क्यों चुना गया?

यह कोई पहला मामला नहीं है जिसमें सरकारी मंत्री या अधिकारी के चेहरे और आवाज का दुरुपयोग कर लोगों को भ्रमित किया गया हो। साइबर अपराधी डीपफेक तकनीक या वीडियो मॉर्फिंग की मदद से प्रसिद्ध व्यक्तियों की छवि का उपयोग करते हैं ताकि लोगों को योजना प्रामाणिक लगे।


📉 क्यों हो रहे हैं लोग शिकार?

  • अत्यधिक लालच: जल्दी मुनाफा कमाने की प्रवृत्ति
  • तकनीकी जानकारी की कमी: डिजिटल विज्ञापनों की सत्यता नहीं जांचते
  • आधिकारिक प्रतीकों पर अत्यधिक विश्वास
  • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की कम निगरानी

⚠️ आप क्या कर सकते हैं – 5 जरूरी सावधानियाँ:

  1. सरकारी योजनाओं की जानकारी केवल आधिकारिक वेबसाइट से लें (जैसे https://pib.gov.in, https://financialservices.gov.in)
  2. किसी भी निवेश प्रस्ताव को क्रॉस चेक करें
  3. वीडियो या विज्ञापन में दिखने वाले लिंक पर क्लिक करने से बचें
  4. किसी अज्ञात खाते में पैसा ट्रांसफर न करें
  5. मुफ्त रिटर्न या मुनाफा वादों से सतर्क रहें।

रुड़की के युवक के साथ हुई यह ठगी एक चेतावनी है कि डिजिटल दुनिया में सतर्कता और विवेक की जरूरत कितनी बढ़ गई है। वित्त मंत्री का चेहरा दिखाकर किए गए इस साइबर फर्जीवाड़े ने न केवल एक व्यक्ति की पूरी बचत छीन ली, बल्कि यह भी दिखा दिया कि अपराधी अब कितने चालाक और तकनीकी रूप से सक्षम हो चुके हैं। अब आवश्यकता है कि सरकार, नागरिक और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मिलकर ऐसी धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कदम उठाएं।

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