अल्बानिया ने नियुक्त किया AI: विश्व का पहला AI मंत्री
हाइलाइट्स
अल्बानिया दुनिया का पहला देश बना, जिसने अपने कैबिनेट में AI मंत्री (Diella) को शामिल किया
AI मंत्री को सरकारी टेंडरों और ठेकों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी
फैसलों में तेज़ी, दक्षता और पारदर्शिता के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल
तकनीकी लोकतंत्र के युग में राजव्यवस्था में AI की भूमिका पर नई बहस
तकनीक के इस युग में अब ऐसे फैसले सामने आ रहे हैं, जो प्रशासन व लोकतंत्र की तस्वीर बदल सकते हैं। अल्बानिया ने हाल ही में अपना नाम इतिहास में दर्ज कराते हुए दुनिया का पहला कैबिनेट AI मंत्री नियुक्त किया है। इस अनूठे प्रयोग ने न केवल यूरोप, बल्कि वैश्विक तकनीकी, लोकतांत्रिक व प्रशासनिक जगत में नई बहस छेड़ दी है।
अल्बानिया में AI मंत्री – भूमिका और जिम्मेदारी
अल्बानिया सरकार ने अपने कैबिनेट में AI पर आधारित मंत्री ‘दीएला (Diella)’ को शामिल किया है। इस AI मंत्री का काम सरकारी टेंडरों व ठेकों की प्रक्रिया, दस्तावेज़ सत्यापन, धन के पारदर्शी उपयोग पर निगरानी रखने का है।
प्रधानमंत्री एदी रामा ने संसद में औपचारिक घोषणा में बताया कि दीएला पूरी तरह डिजिटल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित मंत्री है, कोई मानव चेहरा नहीं, बल्कि सॉफ्टवेयर एल्गोरिद्म है।
अल्बानिया में सरकारी टेंडरिंग व ठेकों में पुराने समय से भ्रष्टाचार व गड़बड़ियों की शिकायतें रही हैं। सरकार ने उम्मीद जताई है कि पारदर्शी निर्णय और निष्पक्ष प्रक्रिया तकनीक के जरिए संभव हो सकेगी।
कौन है दीएला
Diella एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम है जिसे अल्बानिया की नेशनल एजेंसी फॉर इन्फॉर्मेशन सोसाइटी (AKSHI) ने विकसित किया है और जनवरी 2025 में eAlbania प्लेटफॉर्म के हिस्से के तौर पर लांच किया गया था, ताकि नागरिकों को ऑनलाइन सरकारी सेवाएं और डिजिटल डॉक्यूमेंट्स जारी करने में मदद मिल सके।
मुख्य तथ्य
“Diella” नाम का अर्थ अल्बानियाई में “सूर्य” है।
इसे AKSHI और Microsoft की साझेदारी में डेवलप किया गया है, जिसमें Microsoft/OpenAI के भाषा मॉडल और AKSHI के वर्कफ्लो शामिल हैं।
शुरुआत में Diella एक टेक्स्ट-बेस्ड चैटबॉट थी, बाद में इसमें वॉयस इंटरैक्शन और अल्बानियाई पारंपरिक ड्रेस में एनिमेटेड अवतार भी जोड़ा गया।
सितंबर 2025 में Diella को अल्बानिया के प्रधानमंत्री की देखरेख में “Minister for Public Procurement” के पद पर औपचारिक रूप से नियुक्त किया गया, जो दुनिया में पहली बार है जब कोई AI सिस्टम कैबिनेट लेवल पर सरकार में मंत्री बना है।
इसका उद्देश्य टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाना और भ्रष्टाचार रोकना है।
Diella के इस मंत्री पद पर नियुक्ति को लेकर विरोध और बहस भी हुई, खासकर विपक्षी दलों ने इसे प्रचार और प्रक्रिया के विरुद्ध बताया।
AI मंत्री की सफलता और तकनीकी सवाल
AI मंत्री के फैसले तेज़, डेटा-आधारित और निजी पक्षपात से मुक्त होंगे, ऐसे तर्क दिए गए हैं। लेकिन इसके साथ गंभीर सवाल भी खड़े हो रहे हैं—
अगर AI कोई गलती करता है या भ्रष्टाचार की पहचान नहीं कर पाता, तो जिम्मेदारी किसकी होगी?
तकनीकी टीम, सरकार या AI सिस्टम—जवाबदेही तय ना होना सबसे बड़ा लोकतांत्रिक संकट।
भारत में हालात और संभावनाएं
भारत स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, प्रशासनिक सेवाओं समेत कई क्षेत्रों में AI आधारित तकनीक को बढ़ावा दे रहा है। लेकिन
भारतीय संविधान, जवाबदेही, डेटा संरक्षण और पारदर्शिता जैसी शर्तें फिलहाल कैबिनेट स्तर पर AI मंत्री नियुक्ति को मुश्किल बनाती हैं।
भारत जैसे विशाल लोकतंत्र में मंत्रिपरिषद व प्रशासनिक पद प्रतिष्ठान मानव वोट और जिम्मेदारी पर बनते हैं। ऐसी स्थिति में AI मंत्री लागू करना निकट भविष्य में संभव नहीं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि AI मंत्री जैसे प्रयोग की जरूरत हुई भी, तो पहले इस पर व्यापक सामाजिक, राजनीतिक और विधिक बहस आवश्यक होगी।
लोकतंत्र में तकनीक की भूमिका – भविष्य की झलक
अल्बानिया का प्रयोग दुनिया के लिए यह सोचने का मौका है कि तकनीक व लोकतांत्रिक शासन में संतुलन कैसे बने।
एक ओर AI से ईमानदारी और पारदर्शिता बढ़ सकती है, अव्यवस्था कम हो सकती है।
दूसरी ओर, जवाबदेही, संवैधानिकता और मानवीय दृष्टिकोण बिना तकनीक के अकेले सम्भव नहीं।
ऐसे में बड़ा सवाल है—क्या भविष्य में तकनीक मानव निर्णय की जगह ले सकती है या एक संतुलित साझेदारी बेहतर विकल्प होगी?
अल्बानिया का AI मंत्री ‘दीएला’ दुनिया के लिए प्रशासन में तकनीक की शक्ति का पहला उदाहरण है। यह फैसला जहां पारदर्शिता और तकनीकी दक्षता के नए मानक गढ़ता है, वहीं लोकतंत्र और जवाबदेही पर चुनौती भी है। भारत सहित दुनिया के अन्य लोकतंत्रों के लिए यह एक प्रेरक, मगर सतर्कता की मांग करने वाला प्रयोग है—जहां तकनीक का समावेश सोच-समझकर और संतुलन के साथ किया जाए।


