फास्ट फूड के शौक से युवक की मौत: क्या सच में चाऊमीन या पत्तागोभी से दिमाग में कीड़े हो सकते हैं?
हाइलाइट्स
नजीबाबाद के युवक की चाऊमीन खाने से मौत की खबर चर्चा में
परिवार ने आरोप लगाया: पत्तागोभी में छुपे कीड़े दिमाग में जा पहुंचे
क्या चाऊमीन या पत्तागोभी खाने से दिमाग में कीड़े पड़ सकते हैं – सच या अफवाह?
डॉक्टरों और विशेषज्ञों की राय, विज्ञान क्या कहता है?
जानिए: फास्ट फूड से जुड़े असली खतरे, सुरक्षा के उपाय
पिछले दिनों नजीबाबाद क्षेत्र में एक युवक की चाऊमीन खाने के बाद मौत की खबर पर पूरे इलाके में चिंता दौड़ गई। परिवार का दावा है कि युवक के दिमाग में कीड़े हो गए, इसका कारण चाऊमीन में डाली जाने वाली पत्तागोभी है। यह बात सोशल मीडिया पर भी तेज़ी से वायरल हुई – क्या सचमुच पत्तागोभी में छिपे कीड़े उबालने के बावजूद दिमाग तक पहुंच सकते हैं अथवा ये कोई मिथ है? आइए जानते हैं, सच्चाई और सावधानियाँ।
क्या है मेडिकल सच्चाई – दिमाग में कीड़ा इन्फेक्शन (Neurocysticercosis) कैसे होता है?
क्या दिमाग में पत्तागोभी का कीड़ा जा सकता है?
डॉक्टर्स के अनुसार:
आम जनता में यह भ्रम है कि पत्तागोभी या चाउमिन में पनपने वाला कीड़ा दिमाग तक पहुंच जाता है। असल में, यह सही नहीं है।विशेषज्ञों व वैज्ञानिकों के मुताबिक:
दिमाग में “कीड़े” या लार्वा पहुँचने के लिए मानव शरीर में टेप वर्म्स (Tape-worm/सुअर की फीताकृमि) के अंडे प्रवेश करने होते हैं, जो अक्सर सार्वजनिक शौच (open defecation), गंदगी, अल्प पकी या गंदी सब्जियाँ और संक्रमित सूअर के मांस के कारण होते हैं।
कैसे होता है संक्रमण:
आमतौर पर कारण:
संक्रमित व्यक्ति के मल (Stool) में मौजूद टेप वर्म्स के अंडे गंदगी, पानी, मिट्टी से सब्जियों पर चिपक जाते हैं।अधपकी या बिना ठीक से धोई सब्जी (पत्तागोभी, सलाद आदि) खाने से अंडे आंतों में पहुंचते हैं।
वहां से ये लार्वा खून के साथ दिमाग या मांसपेशी तक पहुंचकर ‘सिस्ट’ बना लेते हैं। इसे मेडिकल भाषा में न्यूरोसिस्टिसर्कोसिस (Neurocysticercosis) कहते हैं।
लक्षण: सिरदर्द, दौरे आना (seizure), चक्कर, उल्टी, कभी भारी मामलों में मृत्यु तक हो सकती है।
पत्तागोभी या चाऊमीन की असली भूमिका
पत्तागोभी और अन्य पत्तेदार सब्जियाँ खतरनाक तभी होती हैं जब उन्हें धोए बिना या बिना अच्छी तरह पकाए खाया जाए.
केवल चाऊमीन या पत्तागोभी में ही यह समस्या नहीं, संक्रमित पानी/मिट्टी से उगी कोई भी हरी सब्जी यह संक्रमण फैला सकती है।
फास्ट फूड और खाना साफ-सफाई का महत्व
फास्ट फूड की दुकानों एवं स्ट्रीट वेंडर्स पर खाने में अक्सर साफ-सफाई का अभाव रहता है।
गंदा/अधपका खाना खाने से फूड प्वाइजनिंग, बैक्टीरिया, फंगस या परजीवी (पैरासाइट्स) के संक्रमण की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं.
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
डॉ. वीना टंडन (पैराज़िटोलॉजिस्ट): पत्तागोभी ही नहीं, किसी भी हरी पत्तेदार सब्जी या गलत साफ-सफाई से, कीत्राणु का खतरा हो सकता है। सब्जी कितनी अच्छी तरह से धोई और ऊबाल/पकाई गई है, यही असली सुरक्षा है।
डॉ. पवन पाई (न्यूरोलॉजिस्ट, मुंबई): बरसात-मानसून में ऐसे मामलों की संख्या बढ़ती है। अधपकी सब्जी और गंदा पानी मुख्य कारण।
WHO रिपोर्ट: न्यूरोसिस्टिसर्कोसिस का मुख्य स्रोत खुली जगह शौच, संक्रमित सब्जी/पानी, व कमज़ोर साफ-सफाई है।
क्या उबालने या अच्छी तरह पकाने से कीड़े मर जाते हैं?
अच्छी तरह साग-सब्जी बहता पानी में धोने और कम से कम 2-3 मिनट तक उबालने से कीड़े/अंडे मर जाते हैं।
हल्की धुलाई या अधपकी (सिर्फ भाप-तले) सब्जी में टेपवर्म अंडे बच सकते हैं।
हमेशा कच्चे सलाद और पत्तागोभी को खूब धोकर, ऊपर से उबालकर ही खाएँ।
भारत में ऐसे मामलों की सच्चाई
पूरे मानसून सीजन में मुम्बई जैसे शहरों में दिमागी कीड़े/न्यूरोसिस्टिसर्कोसिस के केस बढ़ते हैं।
परंतु हर चाऊमीन, या हर पत्तागोभी में दिमागी कीड़ा होने की संभावना बहुत कम है।
ऐसे भारी संक्रमण हमेशा ‘food safety’ न मानने वाले फास्टफूड, कच्ची-अधपकी सब्जी या साफ-साफ पानी/हनोटी़, गंदे पानी, गंदगी और खुले में शौच से जुड़े हैं।
क्या यही युवक की मौत का मुख्य कारण है?
मीडिया में कई बार “चाऊमीन में पत्ता गोभी का कीड़ा→दिमाग→मौत” जैसी सुर्खियाँ आती हैं, लेकिन मेडिकल जाँच बिना प्रूफ अक्सर ज्यादातर मौतें फूड प्वाइजनिंग, बैक्टीरियल संक्रमण (जैसे सलमोनेला, स्टेफिलोकोकस) या अन्य कारणों से होती हैं।
ऐसे मामले में अगर डॉक्टर ने न्यूरोसिस्टिसर्कोसिस डायग्नोस किया हो, तो संभव है कि अच्छी तरह न धोई गई पत्तागोभी या अन्य सब्जी जिम्मेदार रही हो।
दोष सिर्फ चाऊमीन या पत्तागोभी को नहीं, बल्कि गंदा पानी, खाद्य सुरक्षा की कमी और बेपरवाह साफ-सफाई को देना चाहिए।
नुकसान से बचने के उपाय (सुरक्षा टिप्स)
पत्तागोभी, पालक, सलाद आदि हरी सब्जियाँ खाने से पहले बहते पानी में खूब अच्छी तरह धोएं।
कच्ची सब्जी/सलाद खाते समय उबालना (blanching) बेहतर।
स्ट्रीटफूड, फास्टफूड की दुकानों पर साफ-सफाई की जांच करें।
अधपकी सब्जी या कम पानी की बनी चीज़ें न खाएँ।
बच्चों को ज्यादा फास्टफूड देने से बचाएँ।
गंदे पानी का इस्तेमाल कभी न करें।
लंबे समय तक सिरदर्द, दौरे, कमजोरी, उल्टी आदि लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ।
भोजन बनाते समय हाथ अच्छे से धोएँ।
नजीबाबाद के युवक की मौत दुखद है। ये स्पष्ट है: पत्तागोभी या चाऊमीन से दिमाग में “कीड़े” पड़ने की खबरें भ्रम या जुड़ी हुई हैं, जब तक मेडिकल डायग्नोसिस (जैसे न्यूरोसिस्टिसर्कोसिस) न हो। असल खतरा हमेशा खाने की सफाई, पकाने का तरीका और जगह की हाइजीन से जुड़ा है — न कि सिर्फ किसी एक सब्जी या फास्ट फूड से।
सुरक्षा के सभी उपाय अपनाएँ, स्वस्थ भोजन करें। फास्ट फूड, बिना धोया या अधपका खाना खाने से बचें।



