पहली से आठवीं कक्षा तक केवल एनसीईआरटी किताबें
हाइलाइट्स
सीबीएसई स्कूलों में क्लास 1 से 8 तक अब सिर्फ एनसीईआरटी की किताबें ही पढ़ाई जाएंगी।
निजी प्रकाशकों की किताबें अब इन कक्षाओं में प्रतिबंधित होंगी।
शिक्षा में गुणवत्ता, समानता और पारदर्शिता बढ़ाने पर जोर।
छात्र हित, सुरक्षा, और मानसिक कल्याण के लिए नए दिशानिर्देश जारी।
स्कूलों में सुरक्षा-ऑडिट और मानसिक स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के आदेश।
नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत यह बदलाव।
Halonix 10W LED Bulb (Pack Of 10) @439 (-78%) on Amazon
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसके तहत अब देशभर के सभी सीबीएसई स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक सिर्फ एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) की किताबें ही पढ़ाई जाएंगी। यह बदलाव 27 जुलाई 2025 से देशभर में लागू हो गया है। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य शिक्षा में समानता और उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करना है।
क्या है नया आदेश?
सीबीएसई ने शिक्षा मंत्रालय के परामर्श पर यह निर्देश जारी किया है कि अब कक्षा 1 से 8 तक सभी विषयों के लिए विद्यार्थियों को सिर्फ एनसीईआरटी की किताबें पढ़नी होंगी। इससे पहले यह नियम केवल 9वीं से 12वीं कक्षा तक था, इसे अब निचली कक्षाओं तक विस्तारित कर दिया गया है।
क्यों उठाया गया ये कदम?
गुणवत्ता और समानता की दिशा में
एनसीईआरटी की किताबें विशेषज्ञों द्वारा गहन शोध के बाद तैयार की जाती हैं। ये किताबें विषय को सरल भाषा और उदाहरणों के साथ प्रस्तुत करती हैं ताकि हर स्तर के विद्यार्थी उन्हें आसानी से समझ सकें।
अब तक कई स्कूल निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें थोपते थे, जिससे बच्चों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता था और पढ़ाई में असमानता आती थी। नए नियम से ऐसी प्रवृत्ति पर रोक लगेगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का पालन
नई शिक्षा नीति (NEP 2020) देशभर में एकीकृत और सुसंगत शिक्षा की दिशा में काम कर रही है। एनसीईआरटी किताबों को अनिवार्य करना उसी नीति के अनुरूप है।
Halonix 10W LED Bulb (Pack Of 10) @439 (-78%) on Amazon
इस बदलाव का सामाजिक और शैक्षिक असर
शिक्षा में समानता
हर स्तर के बच्चे अब एक ही तरह की किताबों से पढ़ेंगे, जिससे शिक्षा में स्तर और अवसर समान होंगे।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बच्चों में अब पाठ्यक्रम और परीक्षा समान होगी।
आर्थिक दबाव में कमी
निजी किताबों की जगह एनसीईआरटी की आसानी से उपलब्ध और सस्ती किताबें मिलने से अभिभावकों का खर्च कम होगा।
समझ और मूल्यांकन में सुधार
एनसीईआरटी किताबें आओ सीखें और सवाल-जवाब आधारित होती हैं। इससे बच्चों की रचनात्मकता और अवधारणा की समझ बेहतर होगी।
ऐसी किताबों से पढ़ाई करने वाले बच्चों का शिक्षा के प्रति भरोसा और जिज्ञासा बढ़ेगी।
सुरक्षा और कल्याण के नये आदेश
स्कूलों का ऑडिट
शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों में छात्र सुरक्षा और कल्याण के लिए विशेष हिदायतें दी हैं।
स्कूलों में आग सुरक्षा, आपातकालीन निकास, बिजली के तारों की सुरक्षा और भवन के ढांचे की मजबूती का गहन मूल्यांकन (ऑडिट) करवाना जरूरी किया गया है।
संबंधित विभाग जैसे अग्निशमन सेवा, पुलिस और चिकित्सा एजेंसियों के साथ मिलकर समय-समय पर प्रशिक्षण सत्र और मॉक ड्रिल आयोजित करनी जरूरी है।
मानसिक और भावनात्मक कल्याण
छात्रों के लिए मनोवैज्ञानिक परामर्श सेवाएं, सहकर्मी सहायता तंत्र और सामुदायिक सहभागिता को प्राथमिकता दी गई है, जिससे कक्षा में बच्चे भावनात्मक रूप से सुरक्षित और सकारात्मक महसूस करें।
स्थानीय और सामाजिक उदाहरण
उत्तर प्रदेश के एक निजी स्कूल में पढ़ने वाले अर्पित सिंह कहते हैं—
“अब हमें हर साल महंगी किताबें नहीं खरीदनी पड़ेंगी, और टीचर भी सारा सिलेबस एक जैसे पढ़ाएं, तो समझना और आसान होगा।”
इसी तरह दिल्ली की अभिभावक समिति की एक सदस्य ने बताया कि,
“पहले स्कूल किताबों के नाम पर कई बार आर्थिक बोझ डालते थे, लेकिन एनसीईआरटी किताबें सस्ती और गुणवत्तायुक्त होती हैं, इससे अभिभावकों की बड़ी राहत हुई है।”
शैक्षिक जगत और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
शिक्षाविद् डॉ. राकेश कुमार का मानना है—
“एनसीईआरटी की किताबों को अनिवार्य करना एक दूरदर्शी फैसला है। इससे देशभर में पढ़ाई का स्तर एक समान होगा और बच्चों को समग्र विकास के अवसर मिलेंगे।”
Halonix 10W LED Bulb (Pack Of 10) @439 (-78%) on Amazon
एनसीईआरटी किताबों की खासियतें
सस्ती, सरल और सर्वसुलभ: ये किताबें पूरी दुनिया में सस्ती, सरल और हर छात्र के लिए उपलब्ध हैं।
तथ्य आधारित सामग्री: विषयवस्तु पूरी तरह शोध और विशेषज्ञता पर आधारित होती है।
समावेशी दृष्टिकोण: इन किताबों में देश की विविधता, सामाजिक सरोकार और राष्ट्रीय एकता का ध्यान रखा जाता है।
एनसीईआरटी की किताबें आप यहाँ मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं :
एनसीईआरटी आधिकारिक वेबसाइट
आम प्रश्न – बच्चों और अभिभावकों के लिए
प्रश्न 1: क्या अब प्राइवेट स्कूल अपनी मनमानी किताबें नहीं पढ़ा सकते?
उत्तर: नहीं, अब पहली से आठवीं कक्षा तक सिर्फ एनसीईआरटी की किताबें ही पढ़ायी जा सकेंगी। नियम का उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई हो सकती है।
प्रश्न 2: क्या एनसीईआरटी किताबें अंग्रेजी और हिन्दी दोनों माध्यमों में उपलब्ध हैं?
उत्तर: जी हाँ, एनसीईआरटी की किताबें दोनों ही भाषाओं में उपलब्ध हैं और इन्हें ऑनलाइन भी हासिल किया जा सकता है।
प्रश्न 3: क्या परीक्षा पैटर्न भी बदल जाएगा?
उत्तर: आमतौर पर एनसीईआरटी किताबों को ही परीक्षाओं का आधार बनाया जाता है, जिससे बच्चों को समग्र मूल्यांकन में आसानी होगी।
Halonix 10W LED Bulb (Pack Of 10) @439 (-78%) on Amazon
सीबीएसई द्वारा पहली से आठवीं कक्षा तक एनसीईआरटी किताबें अनिवार्य करने का फैसला भारतीय शिक्षा व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव है। इससे शिक्षा में समानता, पारदर्शिता और गुणवत्ता जैसे उद्देश्य साकार होंगे। साथ ही, बच्चों की सुरक्षा और मानसिक कल्याण को भी सर्वोपरि बनाया गया है। यह कदम न सिर्फ विद्यार्थियों और अभिभावकों को राहत देगा, बल्कि भारतीय शिक्षा के भविष्य को गुणवत्ता की ओर ले जाएगा।