सीबीएसई बोर्ड परीक्षा के लिए नई पात्रता – अब 75% हाजिरी और दो साल की पढ़ाई अनिवार्य
हाइलाइट्स
2026 से सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में शामिल होने के लिए 75% स्कूल हाजिरी अनिवार्य
दो वर्षों तक चयनित विषयों की निरंतर पढ़ाई और आंतरिक मूल्यांकन भी जरूरी
आंतरिक मूल्यांकन में फेल होने पर परिणाम रुकेगा और “एसेंशियल रिपीट” श्रेणी में रखा जाएगा
9वीं-10वीं व 11वीं-12वीं को दो वर्षीय शैक्षणिक ब्लॉक माना जाएगा
विषय बदलने या बीच में जोड़ने की अनुमति नहीं, एडिशनल विषय भी दो साल पढ़ना जरूरी
स्कूल में शिक्षक, लैब और सुविधाएं हों तभी विषय चुन सकेंगे
नए नियमों का उद्देश्य और पृष्ठभूमि
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए पात्रता नियम सत्र 2025-26 से लागू किए हैं। ये बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP) की सिफारिशों के अनुरूप किए गए हैं, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता और अनुशासन में सुधार हो सके.
CBSE ने 15 सितंबर 2025 को जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया है कि बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए स्कूल में कम से कम 75% हाजिरी अनिवार्य होगी। उपस्थिति अब सीधे आंतरिक मूल्यांकन से जोड़ दी गई है.
दो वर्षीय शैक्षणिक कार्यक्रम और विषय चयन
कक्षा 9-10 तथा कक्षा 11-12 को अलग-अलग दो वर्षीय ब्लॉक के रूप में देखा जाएगा
विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा के लिए सभी विषय निरंतर दो वर्ष तक पढ़ना अनिवार्य होगा
अगर किसी छात्र ने नौवीं में कंप्यूटर या संगीत विषय लिया है तो दसवीं तक उसे पढ़ना जरूरी होगा
इसी प्रकार, 11वीं में चयनित विषयों को 12वीं तक पढ़ना आवश्यक है
छात्र केवल उन्हीं विषयों का चयन कर सकेंगे जिनके लिए स्कूल में योग्य शिक्षक, लैब और अन्य संसाधन उपलब्ध हैं। यदि किसी विषय के लिए सुविधा नहीं है तो उसे चुनना संभव नहीं होगा.
उपस्थिति और आंतरिक मूल्यांकन का महत्व
75% उपस्थिति उन छात्रों के लिए अनिवार्य है जो नियमित स्कूल जाते हैं
स्कूल न जाने वाले या बहुत कम उपस्थिति वाले छात्रों का आंतरिक मूल्यांकन नहीं हो सकेगा
ऐसे छात्रों का रिजल्ट रोक दिया जाएगा और उन्हें “एसेंशियल रिपीट” श्रेणी में रखा जाएगा, जिससे अगले साल परीक्षा दोबारा देनी होगी
आंतरिक मूल्यांकन पूरे दो साल की पढ़ाई, क्लास वर्क, प्रोजेक्ट इत्यादि पर आधारित होगा
सिर्फ एक बार के टेस्ट के आधार पर परिणाम नहीं निकाला जाएगा
विषयों की सीमा और विकल्प
10वीं कक्षा में पांच मुख्य विषयों के अलावा दो अतिरिक्त विषय लिए जा सकते हैं
11वीं एवं 12वीं कक्षा में पांच मुख्य विषयों के साथ एक अतिरिक्त विषय चुनने की अनुमति होगी
अतिरिक्त विषय चुनने पर दो साल की पढ़ाई जरूरी होगी; विषय में बीच में परिवर्तन की अनुमति नहीं होगी
परीक्षा में बैठने के लिए क्या जरूरी
75% स्कूल अटेंडेंस और दो वर्षों तक विषयों की पढ़ाई
हर विषय में आंतरिक मूल्यांकन सफलतापूर्वक पूरा करना
स्कूल में विषय की सुविधा उपलब्ध होना
सभी योग्यता शर्तों का पूरा करना, नहीं तो परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी
CBSE के नए नियमों के अनुसार अब बोर्ड परीक्षाओं में बैठने के लिए स्कूल की नियमित उपस्थिति, निरंतर पढ़ाई, और आंतरिक मूल्यांकन अनिवार्य हो गया है। इससे शिक्षा व्यवस्था में अनुशासन, गुणवत्ता और छात्रों की वास्तविक योग्यता पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। छात्र व अभिभावकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी आवश्यक शर्तें समय से पूरी हों, ताकि बोर्ड परीक्षा में किसी तरह की परेशानी न हो।



