बाइक खरीदने से पहले इन बातों का रखें ध्यान: कीमत से लेकर माइलेज और सुरक्षा तक पूरी गाइड
भारत में बाइक केवल एक वाहन नहीं, बल्कि आम आदमी की जीवनशैली का हिस्सा है। चाहे दफ्तर जाना हो, कॉलेज, या फिर रोजमर्रा के काम—एक किफायती और भरोसेमंद बाइक हर किसी की जरूरत बन चुकी है। लेकिन बाइक खरीदना सिर्फ मॉडल या रंग देखकर फैसला लेना नहीं होता। यह एक ऐसा निवेश है, जिसमें आपकी सुरक्षा, बजट, सुविधा और जरूरत—सबका संतुलन जरूरी होता है।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि बाइक खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, ताकि आपका फैसला बाद में पछतावे में न बदले।
1. जरूरत के हिसाब से तय करें बाइक का सेगमेंट
बाइक खरीदने से पहले सबसे जरूरी है अपनी जरूरत को स्पष्ट रूप से समझना। आप बाइक क्यों खरीद रहे हैं?
- दैनिक आवागमन (कम्यूटिंग): यदि आप रोज ऑफिस या कॉलेज जाते हैं, तो 100cc से 125cc सेगमेंट की कम माइलेज वाली बाइक्स उपयुक्त हैं।
- लंबी दूरी की यात्रा/टूरिंग: 150cc से ऊपर की क्रूजर या स्पोर्ट्स बाइक बेहतर हैं।
- ग्रामीण या ऊबड़-खाबड़ इलाकों के लिए: मजबूत सस्पेंशन और ग्राउंड क्लीयरेंस वाली बाइक्स चुनें।
अपनी जरूरत समझकर सही सेगमेंट चुनने से लंबे समय तक संतुष्टि मिलती है।
2. माइलेज – बजट का सबसे बड़ा साथी
भारत में बाइक खरीदने का सबसे बड़ा कारण होता है – तेल की बचत, यानी माइलेज।
यदि आपकी प्राथमिकता कम खर्च में अधिक चलना है, तो 60-80 kmpl माइलेज देने वाली बाइक्स पर ध्यान दें।
Hero Splendor, Bajaj Platina, Honda Shine जैसी बाइक्स इस श्रेणी में सबसे आगे हैं।
लेकिन ध्यान रहे – कंपनी द्वारा बताए गए माइलेज और असल सड़क पर मिलने वाले माइलेज में फर्क होता है। टेस्ट राइड के दौरान माइलेज की फीलिंग जरूर लें।
3. बजट तय करें और ओवरऑल खर्च को देखें
केवल एक्स-शोरूम कीमत ही नहीं, बल्कि ऑन-रोड कीमत देखें जिसमें शामिल होते हैं:
- RTO रजिस्ट्रेशन शुल्क
- इंश्योरेंस
- एसेसरीज़ (हेलमेट, क्रैश गार्ड, आदि)
- सड़क कर (Road Tax)
यदि आपकी बाइक ₹85,000 की है, तो ऑन-रोड कीमत ₹1 लाख तक जा सकती है।
इसलिए हमेशा कुल खर्च को लेकर बजट तय करें, न कि सिर्फ कंपनी की कीमत देखकर।
4. सुरक्षा फीचर्स को प्राथमिकता दें
बाइक में अब सिर्फ स्टाइल नहीं, सेफ्टी फीचर्स भी उतने ही जरूरी हैं। कुछ जरूरी फीचर्स:
- ABS (Anti-lock Braking System): ब्रेक लगाने के समय पहियों को लॉक होने से रोकता है।
- DRL (Daytime Running Light): दिन में भी बाइक को विजिबल बनाता है।
- Tubeless टायर: पंक्चर की स्थिति में भी थोड़ी दूरी तक चलने में मदद करता है।
सरकार द्वारा 125cc से ऊपर की बाइकों में ABS को पहले ही अनिवार्य किया जा चुका है। 2026 से 125cc से नीचे में भी यह लागू हो सकता है। इसलिए भविष्य को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा से समझौता न करें।
5. ब्रांड और सर्विस नेटवर्क की जांच करें
बाइक केवल खरीदना ही नहीं, उसकी सेवा (Service), स्पेयर पार्ट्स और रीसेल वैल्यू भी उतनी ही जरूरी है।
Hero, Honda, TVS, Bajaj जैसी कंपनियों का ग्रामीण से शहरी भारत तक मजबूत नेटवर्क है।
- सर्विस सेंटर आपके शहर या कस्बे में है या नहीं?
- स्पेयर पार्ट्स आसानी से मिलेंगे या नहीं?
- बाइक की रीसेल वैल्यू कैसी है?
इन सवालों के जवाब आपको खरीद के बाद सुविधा और लागत दोनों में फर्क डाल सकते हैं।
6. टेस्ट राइड जरूर लें
हर बाइक की सीटिंग पोजिशन, गियर शिफ्टिंग, क्लच की सॉफ्टनेस और ब्रेकिंग स्टाइल अलग होती है।
टेस्ट राइड करने से आपको बाइक की असल परफॉर्मेंस और आराम का अंदाजा होता है।
टेस्ट राइड के समय ये देखें:
- ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर सस्पेंशन कैसा है?
- गियर शिफ्टिंग स्मूथ है या नहीं?
- ब्रेक लगाने पर बाइक स्थिर रहती है या नहीं?
7. मेंटेनेंस और वारंटी
बाइक का रख-रखाव भी आपके खर्च को तय करता है।
कुछ बाइक्स कम मेंटेनेंस वाली होती हैं जबकि कुछ को बार-बार सर्विस की जरूरत पड़ती है।
इसके साथ ही कंपनी कितने साल की वारंटी या फ्री सर्विस दे रही है, यह भी देखें।
कम से कम 3 साल की वारंटी और 4-5 फ्री सर्विस आजकल स्टैंडर्ड मानी जाती हैं।
8. नई बनाम पुरानी बाइक – कौन बेहतर?
यदि बजट कम है, तो 2nd hand बाइक भी एक विकल्प हो सकता है। लेकिन इसमें सावधानी जरूरी है:
- सर्विस रिकॉर्ड चेक करें
- इंजन की हालत सुनें
- RTO दस्तावेज जांचें
- RC, बीमा और NOC जरूर लें
ज्यादा पुराने या एक्सीडेंटल बाइक से दूरी बनाएं। यदि संभव हो तो विश्वसनीय प्लेटफॉर्म या शोरूम से प्रमाणित सेकंड हैंड बाइक खरीदें।
9. EMI और फाइनेंस प्लान की समझदारी
यदि आप बाइक फाइनेंस से खरीद रहे हैं, तो ब्याज दर (Interest Rate) और कुल भुगतान (Total Outflow) को अच्छी तरह समझें।
- डाउन पेमेंट कितना है?
- कितनी EMI देनी होगी?
- ब्याज दर क्या है?
- कोई छिपा हुआ चार्ज तो नहीं?
बाजार में कई NBFC और बैंक आजकल बाइक फाइनेंस के ऑफर दे रहे हैं। लेकिन ब्याज दर 7% से 15% तक हो सकती है, इसलिए तुलना जरूर करें।
10. अतिरिक्त लाभ और ऑफर्स का फायदा उठाएं
त्योहारी सीजन या वित्त वर्ष के अंत में कंपनियां बंपर ऑफर, छूट, फ्री एसेसरीज़ या एक्सचेंज बोनस देती हैं।
इसलिए यदि जल्दी न हो, तो सीजनल ऑफर्स का इंतजार करें। इससे 3,000 से लेकर 10,000 रुपये तक की बचत हो सकती है।
समझदारी से लें फैसला
बाइक खरीदना सिर्फ एक उत्पाद खरीदना नहीं, बल्कि एक दैनिक जीवन का साथी चुनना है। इसलिए कीमत, माइलेज, सुरक्षा, सुविधा, मेंटेनेंस और रीसेल—हर पहलू पर सोच-विचार करके निर्णय लें।
आपका समझदारी भरा फैसला न केवल पैसे की बचत करेगा, बल्कि सुरक्षित और आरामदायक यात्रा की गारंटी भी देगा।
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Govt Motor Vehicle Safety Norms – Ministry of Road Transport