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उत्तराखंड में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर आंदोलनकारी मंच ने जताई चिंता, डीजीपी को सौंपेगा ज्ञापन

देहरादून: उत्तराखंड में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर आंदोलनकारी मंच ने जताई चिंता, डीजीपी को सौंपेगा ज्ञापन

देहरादून, 16 जून 2025: उत्तराखंड में बढ़ते अतिक्रमण, पर्यटक स्थलों पर हुड़दंग, वाहनों के प्रेशर हॉर्न और चोरी की घटनाओं को लेकर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने गहरी चिंता जताई है। रविवार को शहीद स्मारक के सभागार में आयोजित मंच की बैठक में आंदोलनकारियों ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर चर्चा की और इसे दुरुस्त करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की। मंच ने फैसला लिया है कि अगले सप्ताह एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को ज्ञापन सौंपेगा।

बैठक में वरिष्ठ आंदोलनकारी पुष्पलता सिलमाणा और सत्या पोखरियाल ने कहा कि उत्तराखंड के निर्माण के लिए एक आदर्श राज्य की कल्पना की गई थी, लेकिन पर्यटक स्थलों पर बढ़ती हुड़दंगबाजी, वाहनों के तेज हॉर्न का उपयोग, चोरी और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं चिंताजनक हैं। मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने बताया कि हाल ही में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा गया था, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।

प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती, केशव उनियाल और राधा तिवारी ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से कानून व्यवस्था की समीक्षा के लिए व्यक्तिगत रूप से बैठक करने की मांग की। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रत्येक जिले में थानावार जिम्मेदारी तय की जाए। साथ ही, शहर में फुटपाथों पर अतिक्रमण, ई-रिक्शा और रेहड़ी-ठेलों के कारण होने वाली अव्यवस्था पर तत्काल कार्रवाई की मांग की गई। बाहरी छात्रों के सत्यापन और पर्यटक स्थलों पर सिविल पुलिस की तैनाती की भी जरूरत बताई गई।

मंच ने तय किया कि डीजीपी को सौंपे जाने वाले ज्ञापन में पुलिस मुख्यालय को कानून व्यवस्था सुधारने के लिए एक महीने का समय दिया जाएगा। यदि इस दौरान कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो मंच मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेगा।

बैठक में रामलाल खंडूड़ी, गणेश डंगवाल, हरि मेहर, मनोज नौटियाल, चंद्रकिरण राणा, संतन सिंह रावत, गौरव खंडूड़ी, मोहन खत्री, तारा पांडे, राधा तिवारी सहित कई आंदोलनकारी मौजूद रहे।

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