IMG 20250905 073555

47% भारतीय मंत्रियों पर हैं आपराधिक मामले: एडीआर रिपोर्ट

47% भारतीय मंत्रियों पर हैं आपराधिक मामले: एडीआर रिपोर्ट


हाइलाइट्स

  • देश के 47% मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की सूचना दी है

  • 174 मंत्री हत्या, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ गंभीर अपराधों का सामना कर रहे हैं

  • केंद्र सरकार के नए विधेयक: गंभीर अपराध में गिरफ्तारी पर 30 दिन बाद पद से हटाने का प्रावधान

  • कर्नाटक में सबसे अधिक 8 अरबपति मंत्री, कुल 11 विधानसभा में अरबपति मंत्री

  • मंत्रियों की औसत संपत्ति ₹37.21 करोड़, कुल संपत्ति ₹23,929 करोड़ रुपये

  • आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में 60% से अधिक मंत्रियों पर आपराधिक मामले

  • बीजेपी के 40% मंत्री, कांग्रेस के 74%, टीडीपी के 96%, डीएमके के 87% मंत्री दागी

  • देश के सबसे अमीर मंत्री: डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासा (TDP), संपत्ति ₹5,705 करोड़

  • हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, नगालैंड, उत्तराखंड के मंत्रियों के खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं


चुनाव अधिकार संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की है, जिसमें खुलासा हुआ है कि देश के 643 मंत्रियों में से 47% यानी 302 मंत्री अपने खिलाफ आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। इनमें से 174 मंत्री हत्या, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आरोपों के तहत नामित हैं। यह रिपोर्ट ऐसे वक्त पर आई है जब केंद्र सरकार ने गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी के बाद नेताओं को पद से हटाने वाले तीन विधेयक संसद में पेश किए हैं।


एडीआर रिपोर्ट: अपराध के आंकड़े

एडीआर ने 27 राज्य विधानसभाओं, तीन केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रिपरिषद के मंत्रियों के हलफनामों का विश्लेषण किया है। 2020 से 2025 तक चुनावी हलफनामों के अनुसार, 302 मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 174 मंत्री गंभीर श्रेणी के अपराधों में आरोपी हैं, जैसे हत्या, स्त्री अपराध और अपहरण।

राज्यों की सूची देखें तो आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और पुडुचेरी में लगभग 60% से ज्यादा मंत्री आपराधिक मामलों में लिप्त हैं। वहीं हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, नगालैंड और उत्तराखंड के किसी मंत्री पर कोई मामला नहीं है।


दलवार अपराध के मामले

  • बीजेपी: 336 मंत्रियों में से 136 (40%) दागी, 88 (26%) गंभीर आपराधिक मामलों में आरोपी

  • कांग्रेस: चार राज्यों में 61 मंत्रियों में से 45 (74%) पर केस, 18 (30%) गंभीर अपराध

  • डीएमके: 31 मंत्रियों में से 27 (87%) पर केस, 14 (45%) गंभीर अपराध

  • तृणमूल कांग्रेस: 40 में से 13 (33%) मंत्री दागी, जिनमें 8 (20%) गंभीर आरोप वाले

  • तेलुगु देशम पार्टी (TDP): 23 में से 22 (96%) मंत्री दागी, 13 (57%) गंभीर अपराध

  • आम आदमी पार्टी (AAP): 16 में से 11 (69%) पर केस, 5 (31%) गंभीर अपराध

आम आदमी पार्टी, जनसेना, जनता दल (सेकुलर), राष्ट्रवादी कांग्रेस, शिवसेना आदि में भी दर्जनों मंत्री आपराधिक मामलों में लिप्त हैं।


मंत्रियों की संपत्ति और अरबपति मंत्री

रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रियों की औसत संपत्ति ₹37.21 करोड़ है, जबकि सभी मंत्रियों की कुल संपत्ति ₹23,929 करोड़ रुपये है। देशभर की 30 विधानसभाओं में से 11 में अरबपति मंत्री हैं—कर्नाटक में सबसे अधिक 8 अरबपति मंत्री, आंध्र प्रदेश में 6, महाराष्ट्र में 4, अरुणाचल, दिल्ली, हरियाणा, तेलंगाना में दो-दो, गुजरात, हिमाचल, मध्य प्रदेश, पंजाब में एक-एक अरबपति मंत्री हैं। केंद्र सरकार के 6 मंत्री अरबपति हैं।

दलवार:

  • बीजेपी: 14 अरबपति मंत्री (4%)

  • कांग्रेस: 11 अरबपति मंत्री (18%)

  • TDP: 6 अरबपति मंत्री (26%)

  • अन्य दलों में भी अरबपति मंत्री पाए गए हैं

सबसे अमीर मंत्री:

  • डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासा (TDP, आंध्र प्रदेश) – ₹5,705 करोड़

  • डीके शिवकुमार (कर्नाटक, कांग्रेस) – ₹1,413 करोड़

  • एन. चंद्रबाबू नायडू (TDP, आंध्र प्रदेश) – ₹931 करोड़

  • अन्य टॉप 10 में नारायण पोंगुरु, नारा लोकेश (आंध्र), विवेकानंद, श्रीनिवास रेड्डी (तेलंगाना), सुरेश बीएस (कर्नाटक), मंगल प्रभात लोढा (महाराष्ट्र), केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं।

सबसे कम संपत्ति वाले मंत्री:

  • शुक्ला चरण नोआतिय (त्रिपुरा, IPFT) – ₹2 लाख

  • बीरबाहा हांसदा (पश्चिम बंगाल, तृणमूल कांग्रेस) – ₹3 लाख


सामाजिक प्रभाव

यह स्थिति देश की राजनीति की सच्चाई को उजागर करती है, जहां आपराधिक मामलों में लिप्त उम्मीदवारों के जीतने की संभावना अधिक देखी गई है। 2024 के लोकसभा चुनावों में भी ऐसे उम्मीदवारों की जीत का अनुपात अधिक रहा।
स्थानीय उदाहरण के तौर पर आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में अरबपति और आपराधिक मामलों में लिप्त मंत्रियों की संख्या सबसे अधिक है। वहीं, त्रिपुरा और बंगाल में कम संपत्ति वाले मंत्री भी चुनाव जीतकर आये हैं।


देश में लगभग आधे मंत्री आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं, जिनमें से कई मामले गंभीर श्रेणी के हैं। संपत्ति के लिहाज से भी कई मंत्री अरबपति हैं, जिससे राजनीति और धन का संबंध स्पष्ट होता है। रिपोर्ट यह भी दर्शाती है कि कई राज्यों में अपराधियों के राजनीति में आने की प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है। यह चिंता का विषय है और राजनीति में स्वच्छता लाने के लिए जनजागरण आवश्यक है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *