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अनिल अंबानी ग्रुप पर ईडी की छापेमारी: 3,000 करोड़ का लोन घोटाला

अनिल अंबानी ग्रुप पर ईडी की छापेमारी: 3,000 करोड़ का लोन घोटाला

हाइलाइट्स बॉक्स

  • ईडी ने अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़ी 35 से अधिक जगहों पर छापे मारे

  • शामिल है 50 से ज्यादा कंपनियां और 25 से अधिक व्यक्तियों की जांच

  • कथित तौर पर 3,000 करोड़ रुपए का लोन फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला

  • एसबीआई ने रिलायंस कम्युनिकेशंस और अनिल अंबानी को ‘फ्रॉड’ घोषित किया

  • यस बैंक के तत्कालीन प्रमोटर राणा कपूर से संदिग्ध संबंध

  • एसबीआई, एनएचबी, सेबी, एनएफआरए और बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्टों पर कार्रवाई

  • रिलायंस ग्रुप का सफाई: पुराने मामलों से संबंधित, कुछ कंपनियों का कोई लेना-देना नहीं

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क्या है पूरा मामला?

प्रवर्तन निदेशालय (ED) अनिल अंबानी की रिलायंस ग्रुप से जुड़ी कंपनियों, दफ्तरों और अधिकारियों के यहां बड़ी कार्यवाही की है। यह छापेमारी 3,000 करोड़ रुपए से अधिक के लोन फ्रॉड व मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत हुई। ईडी ने खुलासा किया कि वर्ष 2017-19 के बीच यस बैंक से मिले लोन को प्रमोटर कंपनियों व शेल कंपनियों के माध्यम से कथित तरीके से इधर-उधर किया गया।

SBI द्वारा फ्रॉड घोषित

एसबीआई ने जून 2025 में रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) और समूह के प्रमोटर अनिल अंबानी को फ्रॉड अकाउंट की श्रेणी में डाल दिया। रिलायंस कम्युनिकेशंस पर एसबीआई की फंड आधारित देनदारी लगभग 2,228 करोड़ रुपए और 787 करोड़ रुपए बैंक गारंटी की है। फिलहाल कंपनी पर दिवालिया प्रक्रिया चल रही है, और एनसीएलटी में अंतिम फैसला लंबित है।

ईडी की जांच के प्रमुख बिंदु

  • कुल 35+ जगहों पर छापे, 50 से ज्यादा कंपनियां और 25 से अधिक व्यक्ति शामिल

  • छापेमारी में दस्तावेज, बैंक लेनदेन और डिजिटल रिकॉर्ड खंगाले गए

  • शुरुआत दो सीबीआई एफआईआर (RC2242022A0002, RC2242022A0003) से हुई

  • आरोप – कंपनियों ने बैंक व संस्थानों को गुमराह कर फंड डाइवर्ट किए

  • यस बैंक के प्रमोटर के खातों में लोन वितरण से पहले कथित ट्रांसफर

  • लोन मंजूरी में बैक-डेटेड अनुमोदन, कागजों की कमी, फायदा पहुंचाने के लिए नीति उल्लंघन

अन्य एजेंसियों का सहयोग

  • सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) – RHFL (रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड) की लोन ग्रोथ पर सवाल

  • राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB), NFRA, बैंक ऑफ बड़ौदा – अपने स्तर पर गड़बड़ियों की जानकारी साझा की

  • सेबी की रिपोर्ट – केवल एक साल में RHFL के कॉर्पोरेट लोन में 3,742 करोड़ से बढ़कर 8,670 करोड़ रुपए की रहस्यमय उछाल

कानूनी और प्रशासनिक पहलू

  • एसबीआई ने अनिल अंबानी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया भी शुरू कर दी है

  • वित्त राज्यमंत्री ने संसद में बताया कि यह मामला RBI के गाइडलाइंस के अनुसार दर्ज है तथा व्यक्तिगत दिवालिया याचिका भी है

रिलायंस ग्रुप का पक्ष

रिलायंस पावर और रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने बयान जारी कर स्पष्ट किया कि ईडी की छापेमारी नवीनतम मामलों नहीं बल्कि पुराने मामलों से जुड़ी है, जिनका इन कंपनियों से कोई संबंध नहीं है। कंपनी ने यह भी दावा किया कि सभी लोन निर्धारित प्रक्रिया के तहत लिए गए और पुराने ऋणों का पूर्ण भुगतान हो चुका है।

ईडी की छापेमारी और जांच से अनिल अंबानी समूह की वित्तीय लेनदेन पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। बैंकों के साथ धोखाधड़ी, लोन डाइवर्जन, भ्रष्टाचार जैसी गंभीर धाराओं के तहत फिलहाल छानबीन जारी है। एसबीआई, सेबी और अन्य नियामक एजेंसियों की साझा कार्रवाई से यह भारतीय कॉरपोरेट जगत का एक बड़ा मामला बन चुका है। इस पर अगली सुनवाई व जांच रिपोर्ट का इंतजार है।

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