उत्तराखंड में अखिल भारतीय बाघ गणना 2025: तैयारियां शुरू, बाघों की संख्या में वृद्धि की उम्मीद।
न्यूज़ डेस्क। उत्तराखंड सहित देश के 18 बाघ बहुल राज्यों में सितंबर से शुरू होने वाली अखिल भारतीय बाघ गणना की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इसके लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई है। साथ ही, नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) को कार्बेट और राजाजी टाइगर रिजर्व में कैमरा ट्रैप और मोबाइल फोन का विवरण उपलब्ध कराया जा चुका है। जल्द ही गणना कर्मियों का प्रशिक्षण भी शुरू होगा।
उत्तराखण्ड में वर्तमान समय में बाघों की संख्या में वृद्धि हो सकती है। हालांकि, गणना के आंकड़े सार्वजनिक होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। पिछली अखिल भारतीय बाघ गणना 2022 में हुई थी, जिसमें देश में बाघों की संख्या 3,682 दर्ज की गई थी। इसमें मध्य प्रदेश (785) और कर्नाटक (563) के बाद उत्तराखंड 560 बाघों के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
वर्ष 2006 से बाघों की संख्या में निरंतर वृद्धि
उत्तराखंड में 2006 से बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 2006 में राज्य में 178 बाघ थे। वर्तमान में कार्बेट और राजाजी टाइगर रिजर्व सहित 12 वन प्रभागों में बाघों की मौजूदगी है। बाघों ने नए क्षेत्रों में भी अपने ठिकाने बनाए हैं, और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उनकी उपस्थिति कैमरा ट्रैप के माध्यम से पता चली है
बाघों की संख्या बढ़ने से चुनौतियां भी बढ़ीं
उत्तराखंड में बाघों की बढ़ती संख्या के साथ चुनौतियां भी बढ़ी हैं। सबसे बड़ी चुनौती बाघों की सुरक्षा है। इसके अलावा, कार्बेट टाइगर रिजर्व से सटे क्षेत्रों में बाघों के हमलों में भी वृद्धि हुई है।