आठवां वेतन आयोग: देरी के बावजूद केंद्रीय कर्मचारियों को नहीं होगा नुकसान
न्यूज़ डेस्क। केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच आठवें वेतन आयोग की घोषणा को लेकर उत्सुकता बनी हुई है। जनवरी 2026 से संशोधित वेतन और पेंशन लागू होने की उम्मीद थी, लेकिन नौ महीने बीत जाने के बाद भी आयोग का गठन नहीं हो सका है। न तो अध्यक्ष और सदस्यों का चयन हुआ है और न ही कार्य की रूपरेखा (टर्म्स ऑफ रेफरेंस) तय की गई है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि आयोग को लागू होने में डेढ़ से दो साल का समय लग सकता है।
हालांकि, विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि देरी के बावजूद केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को कोई वित्तीय नुकसान नहीं होगा। सरकार द्वारा वेतन और पेंशन में संशोधन लागू होने पर इसे पूर्वव्यापी प्रभाव (रेट्रोस्पेक्टिव इफेक्ट) के साथ लागू किया जा सकता है, जिससे कर्मचारियों को बकाया राशि का लाभ मिलेगा।
आठवें वेतन आयोग को लेकर कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के मन में कई सवाल हैं। केंद्र सरकार ने इसकी घोषणा जनवरी 2025 में की थी, लेकिन प्रक्रिया में देरी ने अनिश्चितता को बढ़ा दिया है। फिर भी, विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए समय पर उचित कदम उठाएगी।



