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रिबेट पाने वालों को बकाया टैक्स भरना होगा शेयर, निवेश से मिली आय पर विशेष कर छूट नहीं

रिबेट पाने वालों को बकाया टैक्स भरना होगा
शेयर, निवेश से मिली आय पर विशेष कर छूट नहीं

हाइलाइट्स:

  • आयकर विभाग ने धारा 87A के तहत शेयरों और म्यूचुअल फंड यूनिट की बिक्री से प्राप्त छोटी अवधि के पूंजीगत लाभ पर रिबेट देने से मना किया।
  • गलत रिबेट का दावा करने वालों को 31 दिसंबर 2025 तक बकाया टैक्स भरना होगा।
  • समय पर टैक्स जमा करने पर ब्याज माफ किया जाएगा।
  • पुरानी व्यवस्था में 5 लाख और नई व्यवस्था में 7 लाख रुपये तक आमदनी पर रिबेट मिलती रही थी।
  • विशेष दर वाली (छोटी अवधि की पूंजीगत आय) पर जुलाई 2024 से रिबेट नहीं मिलेगी।
  • नियम उल्लंघन के मामलों में टैक्स विभाग ने नोटिस भेजना शुरू किया है।

नई दिल्ली। आयकर विभाग ने हाल ही में एक स्पष्टीकरण सर्कुलर जारी कर स्पष्ट किया है कि धारा 87A के तहत विशेष दर पर लगने वाली आय (जैसे, शेयर एवं म्यूचुअल फंड यूनिट की बिक्री से हुई छोटी अवधि की पूंजीगत आय) पर रिबेट नहीं मिलेगी। कुछ मामलों में करदाताओं ने इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय 87A के तहत गलत रिबेट का दावा किया था, जिस पर अब विभाग ने कार्रवाई की है।

क्या है नियम और हालिया निर्देश

धारा 87A के तहत रिबेट सामान्य आय (salary, business income आदि) के लिए लागू है।

  • पुरानी कर व्यवस्था: 5 लाख रुपये तक की कुल आय पर रिबेट
  • नई व्यवस्था: 7 लाख रुपये तक की कुल आय पर रिबेट

लेकिन यदि किसी करदाता की इस सीमा में ‘विशेष दर वाली आय’ (जैसे, छोटी अवधि के पूंजीगत लाभ, शेयर या म्यूचुअल फंड के लाभ) भी शामिल है तो उस हिस्से पर रिबेट नहीं दी जा सकती, भले ही कुल आय सीमा के भीतर हो। विभाग ने जुलाई 2024 से इन नियमों को स्पष्ट कर दिया है।

गलत रिबेट पाने वालों के लिए क्या राहत?

जिन करदाताओं ने वित्त वर्ष 2023-24 में छोटी अवधि के पूंजीगत लाभ पर रिबेट का दावा किया था और जिनका बाद में रिबेट निरस्त किया गया, उन्हें 31 दिसंबर 2025 तक बकाया टैक्स जमा करना होगा। राहत के तौर पर, यदि वे टैक्स समय पर भर देते हैं तो उस पर ब्याज पूरी तरह माफ कर दिया जाएगा। यह राहत उन्हीं मामलों के लिए है, जहां छूट नियमों के विरुद्ध दी गई थी और फिर टैक्स का पुनर्मूल्यांकन किया गया है।

नोटिस और रिपोर्ट करके समयसीमा

आयकर विभाग द्वारा बहुत से करदाताओं को टैक्स बकाया के नोटिस भेजे जा रहे हैं। रिपोर्टिंग और टैक्स जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 कर दी गयी है। इससे करदाताओं को समय भी मिलेगा और किसी भी तरह का अतिरिक्त ब्याज न भरना पड़े, ऐसी व्यवस्था की गई है।

सारांश और सलाह

विशेष दर वाली आय (Special Rate Income) – जैसे शेयरों, म्यूचुअल फंड्स, रिकरिंग डिपॉजिट, बॉन्ड आदि से हुई छोटी अवधि की पूंजीगत आय – पर धारा 87A के तहत रिबेट क्लेम न करें। यदि पहले कर लिया है और नोटिस मिला है, तो समय रहते टैक्स जमा कर दें और ब्याज माफी का लाभ लें।

कर सलाहकार भी यही सुझाव देते हैं कि रिपोर्ट, टैक्स नियमों को ध्यानपूर्वक पढ़ कर ही टैक्स रिटर्न भरें एवं रिबेट का सही उपयोग करें।

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