उत्तराखंड बोर्ड सुधार परीक्षा का मूल्यांकन कार्य 19 सितंबर से: अशासकीय शिक्षकों को दी जिम्मेदारी
हाइलाइट्स
उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की सुधार परीक्षा (इम्प्रूवमेंट एग्जाम) का मूल्यांकन 19 सितंबर से शुरू
मूल्यांकन केंद्र: एमबी इंटर कॉलेज हल्द्वानी और एक केंद्र देहरादून
शिक्षक आंदोलन के कारण अशासकीय (नॉन-गवर्नमेंट) शिक्षकों को मूल्यांकन की जिम्मेदारी दी गई
अंक सुधार के लिए हज़ारों विद्यार्थी 4-11 अगस्त के बीच परीक्षा में शामिल हुए
सचिव विनोद प्रसाद सिमल्टी ने मुख्य शिक्षा अधिकारियों को भेजा पत्र
मूल्यांकन प्रक्रिया – मुख्य निर्देश और वर्तमान स्थिति
उत्तराखंड विद्यालयी परिषद द्वारा आयोजित 10वीं एवं 12वीं सुधार परीक्षा का मूल्यांकन कार्य अब तय कार्यक्रम के अनुसार 19 सितंबर से आरंभ हो जाएगा। परिषद के सचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि शिक्षकों के आंदोलन को ध्यान में रखते हुए इस बार सरकारी विद्यालयों के स्थान पर अशासकीय स्कूलों के शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य में लगाया गया है.
मूल्यांकन के लिए शिक्षकों का चयन पूरा कर लिया गया है। मूल्यांकन केंद्र हल्द्वानी में एमबी इंटर कॉलेज और देहरादून के एक केंद्र पर निर्धारित किए गए हैं, जिससे क्षेत्रवार छात्रों की कॉपियों की जांच सुचारू रूप से हो सके.
पृष्ठभूमि: शिक्षक आंदोलन और इससे उत्पन्न स्थिति
पदोन्नति और तबादलों में देरी, सीधी भर्ती समेत विभिन्न मांगों को लेकर राज्यभर के शिक्षक चॉक डाउन हड़ताल कर रहे हैं, जिस कारण सरकारी स्कूल शिक्षक मूल्यांकन कार्य से दूर हैं। संघ ने स्पष्ट किया है कि जब तक मांगे नहीं मानी जातीं, तब तक आंदोलन और मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार जारी रहेगा.
परिषद के सचिव ने स्पष्ट किया कि मूल्यांकन कार्य के लिए आधे से अधिक काम हो चुका है, बाकि उत्तरदायित्व अब अशासकीय शिक्षकों को दिया गया है ताकि छात्र हित में परिणाम समय पर जारी किए जा सकें.
परीक्षा और मूल्यांकन से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
सुधार परीक्षा 4 अगस्त से 11 अगस्त 2025 तक आयोजित की गई थी, जिसमें 10वीं के 13,513 और 12वीं के 17,727 विद्यार्थी शामिल हुए.
बोर्ड परीक्षा में अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों को अंक सुधार का अतिरिक्त मौका दिया गया है
परिषद द्वारा विद्यार्थियों को वेबसाइट और विद्यालयों के माध्यम से जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं.



