IMG 20250719 205350

चार दिसंबर 2008 तक के संविदा कर्मियों को नियमित करने की तैयारी – उत्तराखंड सरकार जल्द लाएगी संशोधित नियमावली

चार दिसंबर 2008 तक के संविदा कर्मियों को नियमित करने की तैयारी – उत्तराखंड सरकार जल्द लाएगी संशोधित नियमावली


हाइलाइट्स

  • चार दिसंबर 2008 तक नियुक्त संविदा, दैनिक वेतन, कार्यप्रभारित, नियत वेतन, अंशकालिक, तदर्थ कर्मी होंगे नियमित

  • 2013 नियमितीकरण नियमावली के ‘नियम चार’ में संशोधन का प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष जल्द

  • हाईकोर्ट के आदेश के बाद 10 वर्ष की सेवा पूरी करने वालों को मिलेगा लाभ

  • एक बार फिर वन टाइम एक्सरसाइज, सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार नियमावली

  • पूर्व के नियमों के तहत ही नियमितीकरण होगा – सभी प्रावधान यथावत

  • नियमावली में नए संशोधन से लाखों कर्मियों को मिल सकती है राहत


उत्तराखंड सरकार ने चार दिसंबर 2008 तक राज्य में नियुक्त हुए संविदा, दैनिक वेतन, कार्यप्रभारित, नियत वेतन, अंशकालिक व तदर्थ कर्मचारियों के नियमितीकरण (regularization) के लिए संशोधित नियमावली लाने का ऐलान किया है। इस संदर्भ में 2013 की नियमितीकरण नियमावली में संशोधन को लेकर प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है, जो जल्द ही प्रदेश कैबिनेट के सामने प्रस्तुत होगा। यदि प्रस्ताव पारित होता है तो हजारों संविदा कर्मियों को स्थायी नौकरी मिलने का रास्ता खुलेगा.


नियमावलियों का इतिहास और संशोधन की आवश्यकता

  • पूर्व में नियमावली:

    • 2011 में 10 साल सेवा पूरी करने वालों को लाभ

    • 2013 की नियमावली में 5 साल सेवा वालों को लाभ मिला

    • हाईकोर्ट नैनीताल ने 2018 में इस पर रोक लगा दी

  • 2024 में हाईकोर्ट का आदेश:

    • ‘नरेंद्र सिंह बनाम राज्य’ केस में पांच साल की जगह 10 वर्ष की सेवा जरूरी माना

    • इसका दोबारा अवलोकन कर चार दिसंबर 2008 तक कर्मियों पर प्रस्ताव रखा गया


प्रस्ताव के प्रमुख बिंदु

  • चार दिसंबर 2008 तक नियुक्त कर्मियों पर लागू होगा नियमितीकरण संशोधन

  • केवल उन्हीं कर्मियों पर प्रभावी जिनकी सेवा बीच में बाधित न हो और शर्तें पूरी हों

  • सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर वन टाइम एक्सरसाइज (एकमुश्त प्रक्रिया)

  • 2013 के नियम चार, उप नियम-1 में संशोधन प्रस्ताव

  • कैबिनेट की मंजूरी के बाद नियमावली लागू हो सकती है


नियमावली लागू होने के बाद की प्रक्रिया

हमेशा की तरह यह नियमितीकरण पूर्व के नियमों (2011/2013) के तहत ही किया जाएगा, नई नियुक्ति नहीं समझी जाएगी।
संविदा कर्मचारियों, कार्यप्रभारित, नियत वेतन, अंशकालिक, तदर्थ पद पर नियुक्त कार्मिक को नियमित होने के लिए जरूरी पात्रता व कागजात विभाग को प्रस्तुत करने होंगे।
वन टाइम एक्सरसाइज होने से भविष्य में ऐसे मामलों का निर्णय एक बार में हो पाएगा।


उत्तराखंड सरकार के प्रस्तावित नियमावली संशोधन से पुराने संविदा कर्मियों को स्थायिता की बड़ी राहत मिलने के आसार हैं। प्रस्ताव मंजूरी के बाद कैबिनेट इसका जल्द क्रियान्वयन करेगी। यह फैसला राज्य के हजारों कर्मचारियों के लिए बहुप्रतीक्षित और ऐतिहासिक कदम हो सकता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *