A large solar panel field with warehouses and silos in the background under a clear sky.

सीएम सौर स्वरोजगार योजना : टिहरी, उत्तरकाशी, पौड़ी, चंपावत में अब नए सोलर प्लांट के आवेदन नहीं लिए जाएंगे

सीएम सौर स्वरोजगार योजना : टिहरी, उत्तरकाशी, पौड़ी, चंपावत में अब नए सोलर प्लांट के आवेदन नहीं लिए जाएंगे


हाइलाइट्स

  • टिहरी, उत्तरकाशी, पौड़ी, चंपावत में अब नए सोलर प्लांट के आवेदन नहीं लिए जाएंगे

  • इन जिलों में ग्रिड कनेक्टिविटी व यूपीसीएल लाइन क्षमता फुल, टेक्निकल फिजिबिलिटी रिपोर्ट संभव नहीं

  • दूसरे चरण में चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ पर ज्यादा फोकस

  • देहरादून और नैनीताल के पहाड़ी क्षेत्रों में ही कोटा मिलेगा

  • एसओपी के अनुसार बिना कारण बताओ नोटिस के कोई कार्रवाई नहीं होगी, पारदर्शिता और अधिकार संरक्षण

  • पहले चरण में 2793 आवेदन, 264+ प्लांट लग चुके; नए सबस्टेशन और ट्रांसफार्मर जरूरी


उत्तराखंड सरकार ने मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के दूसरे चरण में जिलावार सोलर प्लांट स्थापना के लिए नई एसओपी जारी की है। टिहरी, उत्तरकाशी, पौड़ी, चंपावत में पहले चरण में भारी संख्या में आवेदन हो चुके हैं, जिससे इन जिलों की यूपीसीएल लाईन क्षमता और ग्रिड पूर्ण हो चुके हैं। ऐसे में इन जिलों में अब नए आवेदन स्वीकार नहीं होंगे। दूसरा चरण ऊर्जा विभाग की रिपोर्ट और तकनीकी फिजिबिलिटी के हिसाब से सीमित व चयनित जिलों में ही फोकस होगा।


दूसरे चरण – चयनित जिलों में होगी नई सोलर प्लांट स्थापना

  • जहां फोकस रहेगा:

    • चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़

    • देहरादून व नैनीताल के पहाड़ी ब्लॉक

    • समावर्ती क्षेत्रों में 55% तक सब्सिडी

  • जहां आवेदन बंद:

    • टिहरी, उत्तरकाशी, पौड़ी, चंपावत (लाइन क्षमता की पूर्णता के कारण)

  • नई स्थापना के लिए कोटा तय:

    • जिलावार कोटा के आधार पर ही आगे प्लांट लगेंगे


एसओपी में पारदर्शिता और अधिकार संरक्षण

  • कारण बताओ नोटिस के बिना कोई कार्रवाई नहीं:
    शासन ने स्पष्ट किया है—किसी भी आवेदक के खिलाफ बिना नोटिस के कार्रवाई नहीं होगी। यह आवेदक के अधिकार और पारदर्शिता के लिए अहम कदम है।

  • ट्रांसफार्मर और सबस्टेशन की क्षमता बढ़ने तक आवेदन रोके जाएंगे।

  • फेज-2 में जिलावार जरूरत के हिसाब से तकनीकी परीक्षण अनिवार्य।


योजना और लाभ – प्रमुख बिंदु

  • 20, 25, 50, 100, 200 किलोवाट तक के सोलर संयंत्र लगाने की अनुमति

  • बारानी जमीन या पट्टे की भूमि पर प्लांट लगाकर 25 साल तक यूपीसीएल को बिजली बेच सकते हैं

  • बैंक से 8% पर लोन, MSME नीति के तहत ग्रांट व सब्सिडी

  • समावर्ती पहाड़ी और सीमावर्ती जिलों में 55% तक पूंजी/ब्याज सब्सिडी

  • आरएमएस्यू के सिस्टम से ऑनलाइन आवेदन, सरकार की पारदर्शी प्रक्रियाए

दूसरा चरण तकनीकी और ग्रिड सीमाओं के अनुसार शेष जिलों में होगा, जहां सौर ऊर्जा उत्पादन अभी कम है। लागू एसओपी से पारदर्शिता और अधिकार की गारंटी मिली है। इच्छुक आवेदक सरकार की वेबसाइट पर अद्यतित दिशा-निर्देशों के अनुसार देख सकते हैं।


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