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उत्तराखंड: चालान भुगतान के बाद ही होगी प्रदूषण जांच व बीमा रिन्यूवल

उत्तराखंड: चालान भुगतान के बाद ही होगी प्रदूषण जांच व बीमा रिन्यूवल

हाइलाइट्स

  • ऑनलाइन चालान का भुगतान किए बिना निजी वाहनों की प्रदूषण जांच और बीमा रिन्यूवल नहीं होगा

  • परिवहन विभाग ने ई-डिटेक्शन सिस्टम व सॉफ्टवेयर में बदलाव की तैयारी की है, जिससे ब्लैकलिस्टेड वाहन की ऑनलाइन प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी

  • कॉमर्शियल वाहनों के लिए यह सिस्टम पहले से लागू है

  • चालान नहीं चुकाने वाले वाहन मालिकों के लिए अब काफी सख्ती – बीमा, प्रदूषण प्रमाणपत्र, यहां तक कि वाहन के क्रय-विक्रय पर भी रोक

  • उत्तराखंड में एक साल के भीतर 1.58 लाख चालान हुए, केवल 25,000 का ही भुगतान

नया सिस्टम कैसे करेगा काम?

उत्तराखंड परिवहन विभाग ने ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों को ब्लैकलिस्ट करने के लिए अब निजी वाहनों पर भी वही व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है, जो फिलहाल कॉमर्शियल वाहनों के लिए है. अब जैसे ही वाहन स्वामी अपनी गाड़ी का प्रदूषण प्रमाणपत्र या बीमा ऑनलाइन रिन्यू करने की कोशिश करेगा, अगर उसका चालान बकाया है तो सिस्टम अनुमति नहीं देगा और आगे की प्रक्रिया रोक दी जाएगी.

इससे पहले ही कॉमर्शियल वाहनों का चालान भुगतान ना होने पर फिनटेस, बीमा रिन्यूवल और अन्य काम नहीं हो सकते थे, वही नियम अब प्राइवेट वाहनों पर भी लागू होगा.

ब्लैकलिस्टिंग की प्रक्रिया

  • ई-डिटेक्शन सिस्टम चालान की स्थिति जांचता है

  • भुगतान ना करने पर वाहन स्वामी को ब्लैकलिस्ट कर प्रोसेस बंद कर दी जाती है

  • प्रोसेस तभी आगे बढ़ेगी, जब सभी चालान का भुगतान हो जाएगा

  • बीमा रिन्यूवल, प्रदूषण जांच, रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर आदि सिर्फ चालान भुगतान के बाद

वाहन मालिकों के लिए क्या जरूरी?

  • हर छह महीने में प्रदूषण प्रमाणपत्र अनिवार्य

  • समय पर बीमा रिन्यू कराना अनिवार्य

  • यदि चालान बकाया है तो पहले परिवहन विभाग की वेबसाइट या पार्क+ वेबसाइट या परीवाहन पोर्टल पर ऑनलाइन चालान भुगतान करें

  • फिनटेस, बीमा, रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर आदि सभी सेवाएं चालान भुगतान के बाद ही उपलब्ध होंगी

विभागीय अधिकारी का कथन

उत्तराखंड आरटीओ (प्रशासन) संदीप सैनी के अनुसार – “जल्द ही सॉफ्टवेयर में बदलाव किया जा रहा है, ताकि नियम तोड़ने वालों को प्रदूषण और बीमा सेवाएं तभी मिलें जब वे अपने चालान का भुगतान कर दें।”

सामाजिक असर

  • प्रदेश में केवल 15-20% वाहन मालिक चालान का भुगतान कर रहे हैं, नया सिस्टम अनुपालन को बढ़ाएगा

  • कई वाहन मालिकों के 40 से अधिक चालान बकाया हैं, अब उनको सुविधा तभी मिलेगी जब वे भुगतान करेंगे

  • इससे सड़क सुरक्षा और प्रदूषण नियंत्रण नियमों का पालन बढ़ेगा

अब उत्तराखंड में निजी वाहनों के लिए भी प्रदूषण प्रमाणपत्र व बीमा रिन्यूवल चालान भुगतान के बाद ही संभव होगा। परिवहन विभाग का यह कदम ट्रैफिक नियमों के पालन और प्रदूषण नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण है। वाहन मालिकों को सुनिश्चित करना होगा कि उनके सभी चालान समय पर जमा हों, तभी सारी ऑनलाइन सेवाओं का लाभ मिलेगा।

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