CBSE बोर्ड की 10वीं-12वीं परीक्षा में डिजिटल मूल्यांकन
हाइलाइट्स बॉक्स
CBSE पहली बार डिजिटल मूल्यांकन व्यवस्था लागू कर रहा है
कक्षा 10वीं और 12वीं की उत्तर पुस्तिकाओं की स्कैनिंग और ऑनलाइन मूल्यांकन
परीक्षक पेपर की शारीरिक कॉपी के बजाय कंप्यूटर स्क्रीन पर मूल्यांकन करेंगे
अनुकूलता और पारदर्शिता, त्रुटि की संभावना में कमी
रांची समेत झारखंड के चुनिंदा केंद्रों पर पायलट प्रोजेक्ट
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2025 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए डिजिटल मूल्यांकन व्यवस्था की शुरुआत करने का ऐलान किया है। अब परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिकाएं स्कैन होंगी, और परीक्षक उन्हें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जाँचेंगे। यह पद्धति पारंपरिक मूल्यांकन व्यवस्था की तुलना में तेज, पारदर्शी और त्रुटिरहित मानी जा रही है।
कैसे होगा डिजिटल मूल्यांकन?
परीक्षा खत्म होने के बाद उत्तर पुस्तिकाएं स्कैन की जाएंगी।
प्रत्येक उत्तर पुस्तिका का डिजिटल फॉर्मेट मूल्यांकन केंद्रों पर इंटरनेट के माध्यम से उपलब्ध होगा।
परीक्षक को शारीरिक कॉपी लेने की जरूरत नहीं होगी – वे लॉगिन करके स्कैन की गई प्रतियों को देखेंगे और उसी पर अंक देंगे।
झारखंड के रांची सहित कई केंद्रों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सिस्टम शुरू हुआ है।
फायदे और चुनौतियाँ
फायदे
सिस्टमेटिक रिकॉर्ड कीपिंग, हर उत्तर के अंक डिजिटल डायरी में सीधे सेव।
मूल्यांकन में पारदर्शिता, मानवीय त्रुटियों और धोखाधड़ी की संभावना कम।
रिजल्ट का समय पर तैयार होना, प्रक्रिया में तेजी।
चुनौतियाँ
इंटरनेट और कंप्यूटर एक्सपर्टीज की आवश्यकता।
स्कैनिंग और प्लेटफॉर्म मैनजमेंट में गुणवत्ता की जिम्मेदारी।
CBSE की पहल और भविष्य की योजना
CBSE की यह शुरुआत देशभर में शिक्षा के डिजिटलीकरण की दिशा में बड़ा कदम है। बोर्ड की मंशा है कि आने वाले सालों में सभी केंद्रों में यही व्यवस्था लागू हो। फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के अनुभव के बाद इसे पूरे देश में इस्तेमाल करने की तैयारी है।
CBSE की बोर्ड परीक्षा में डिजिटल मूल्यांकन शुरुआत से छात्रों, अध्यापकों, अभिभावकों को ज्यादा सुरक्षित, तेज़ और निष्पक्ष परिणाम मिलेंगे। रांची सहित झारखंड के केंद्रों को ‘मॉडल’ मानकर देशभर में यह तकनीक लागू की जाएगी।



