भारत-पाकिस्तान विभाजन : जिन्ना, कांग्रेस और माउंटबेटन थे असली दोषी : NCERT मॉड्यूल
हाइलाइट्स बॉक्स
NCERT ने भारत-पाकिस्तान विभाजन पर दो नए विशेष मॉड्यूल तैयार किए
इन मॉड्यूल में जिन्ना, कांग्रेस और माउंटबेटन को विभाजन के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार बताया गया
मॉड्यूल कक्षा 6 से 12 तक के मिडिल और सेकेंडरी स्कूल स्टूडेंट्स को पढ़ाए जाएंगे
भारत विभाजन की त्रासदी, उसके सामाजिक-राजनीतिक प्रभाव और घटनाओं का विशिष्ट रूप से विवरण
क्लासरूम में छात्रों को सत्य घटना, विभिन्न पक्षों और इतिहास के विवादित पहलुओं से अवगत कराया जाएगा
भारत-पाकिस्तान विभाजन का विषय हमेशा से भारतीय इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी और विवादित घटनाओं में गिना जाता है। NCERT ने अब मिडिल और सेकेंडरी कक्षाओं के लिए दो विशेष मॉड्यूल तैयार किए हैं, जिनमें विभाजन के पीछे के कारणों, ज़िम्मेदार पक्षों और घटनाओं का विस्तार से विश्लेषण किया गया है।
मॉड्यूल का मुख्य फोकस – जिम्मेदारी के सवाल
मॉड्यूल के अनुसार तीन प्रमुख पक्ष – मोहम्मद अली जिन्ना, कांग्रेस और लॉर्ड माउंटबेटन – को विभाजन के लिए मुख्य रूप से उत्तरदायी बताया गया है।
जिन्ना ने मुसलमानों के लिए अलग राष्ट्र पाकिस्तान की मांग को अपने राजनीतिक एजेंडे का केंद्र बनाया।
कांग्रेस की नेतृत्व नीति और आपसी मतभेद भी विभाजन की दिशा में प्रभावशील रहे।
लॉर्ड माउंटबेटन ने बतौर भारत के अंतिम वायसराय विभाजन योजना को तेज गति दी और कई ऐतिहासिक निर्णय लिए।
मॉड्यूल में इतिहास के विवादित, त्रासद और सामाजिक प्रभावों को शामिल करते हुए कई दृष्टिकोण विद्यार्थियों के सामने रखे गए हैं।
पाठ्यक्रम और शिक्षा का नया दृष्टिकोण
मॉड्यूल कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों के लिए लागू होंगे, ताकि बच्चे इस ऐतिहासिक घटना को अलग-अलग स्तर पर समझ सकें।
पाठ्यक्रम में विभाजन की त्रासदी, विस्थापन, सांप्रदायिक तनाव, और भारत-पाकिस्तान में सामाजिक बदलाव के विषय शामिल हैं।
इंटरएक्टिव शिक्षण के लिए घटना के समाचार क्लिप, दस्तावेजी फिल्में, अनुच्छेद और विशेष चर्चा भी मॉड्यूल में शामिल किए गए हैं।
NCERT की मंशा – विद्यार्थियों को इतिहास के सभी पक्षों से अवगत कराना, ताकि वे निष्पक्ष विचार बना सकें।
प्रमुख शैक्षिक उद्देश्य
इतिहास की वस्तुनिष्ठ समझ – सिर्फ पाठ्यपुस्तक तक सीमित न रहकर, कारण, जवाबदेही और परिणाम जैसे सवालों की पड़ताल।
राजनीतिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक प्रभावों पर प्रकाश।
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और विभाजन के विवादित प्रसंगों की सत्यता स्पष्ट करना।
NCERT का औपचारिक बयान
NCERT ने स्पष्ट किया है –
“छात्रों को इतिहास के विवादित पक्षों, विभाजन के मूल कारण और उत्तरदायी नेताओं के दृष्टिकोण से अवगत कराना जरूरी है, ताकि वे तटस्थ होकर हर पक्ष का मूल्यांकन कर सकें।”
अंतरदृष्टि और आलोचनात्मक विश्लेषण
इस पहल पर शिक्षाविदों में मिश्रित प्रतिक्रिया – कुछ ने ऐतिहासिक सच्चाई को बच्चों तक ले जाने की सराहना की, तो अन्य ने कहा कि इससे किसी पक्ष विशेष को जिम्मेदार ठहराने का खतरा बढ़ सकता है।
चयनित दृष्टिकोण – जिन्ना, कांग्रेस, माउंटबेटन को मुख्य रूप से जिम्मेदार बताने पर विमर्श जारी है; कई इतिहासकार स्वतंत्रता आंदोलन के अन्य पक्षों को भी जिम्मेदार मानते हैं।
NCERT द्वारा भारत-विभाजन पर तैयार किए गए इन दो विशेष मॉड्यूल में जिन्ना, कांग्रेस और माउंटबेटन को ज़िम्मेदार ठहराकर ऐतिहासिक घटना के बहुआयामी पक्ष विद्यार्थियों के लिए प्रस्तुत किए जा रहे हैं। इससे बच्चे न केवल सच्चाइयों से वाकिफ होंगे, बल्कि इतिहास को अनुभव और आलोचनात्मक नजरिए से समझने का मौका भी मिलेगा। यह कदम भारतीय शिक्षा में निष्पक्ष और सशक्त इतिहास शिक्षा की ओर बढ़ता महत्वपूर्ण कदम है।



