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प्रशासन के लचीले रवैये से भीग गए स्कूली बच्चे

प्रशासन के लचीले रवैये से भीग गए स्कूली बच्चे


हाइलाइट्स

  • मानसून की जोरदार बरसात के बावजूद स्कूलों में देर से छुट्टी की घोषणा।

  • सोमवार सुबह बारिश में भीगते हुए बच्चे मजबूरी में स्कूल पहुंचे।

  • भारी बारिश से नाले में फंसे छात्रों को नगर आयुक्त ने निगम वाहनों से सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाया।

  • मौसम विभाग द्वारा पूर्व में जारी रेड अलर्ट और मोबाइल चेतावनियों के बावजूद प्रशासन ने समय पर उचित कदम नहीं उठाया।

  • स्कूलों में छुट्टी देर से घोषित होने से बच्चों, अभिभावकों और नगर निगम कर्मचारियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।


हल्द्वानी में तेज मानसूनी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। रविवार शाम मौसम विभाग ने भारी बारिश की संभावना जताई और नैनीताल को रेड अलर्ट जोन घोषित किया था। इसके बावजूद सोमवार सुबह स्कूल खुले रहे और बच्चे भारी बारिश में भीगते हुए कक्षाओं के लिए स्कूल गए। धीमी प्रतिक्रिया और अवकाश की देर से घोषणा के कारण कई बच्चे तथा महिलाएं रकसिया नाले जैसे जोखिम भरे स्थानों पर फंसे, जिन्हें नगर आयुक्त ऋचा सिंह और नगर निगम के वाहन मदद से बाहर निकालने में सफल रहे।


बारिश और प्रशासनिक उत्तरदायित्व

मौसम विभाग ने समय रहते रेड अलर्ट जारी कर जनता को सावधान किया था। मोबाइल संदेशों के जरिए भी तेज बारिश की चेतावनी भेजी गई थी। ऐसे में अपेक्षा थी कि प्रशासन भी स्कूलों में छुट्टी घोषित कर संरक्षित वातावरण सुनिश्चित करेगा। हालांकि, प्रशासन ने इस दिशा में तत्परता नहीं दिखाई, जिसकी वजह से बच्चे अप्रिय स्थिति में स्कूल गए और अपने जीवन व स्वास्थ्य को खतरे में डाला।


स्कूलों और बच्चों के लिए हुई परेशानी

बारिश की वजह से कई छात्र-छात्राएं बरसात में भीगकर स्कूल पहुँचने को मजबूर हुए। दोपहर के समय जब छुट्टी हुई, तब भी भारी बारिश जारी रही जिससे उन्हें घर लौटने में भी कठिनाई हुई। रकसिया नाले के पास तेज पानी के बहाव में फंसने की वजह से कई बच्चे और महिलाएं खतरे में पड़ गईं। नगर निगम के वाहन और नगर आयुक्त ने समय रहते हस्तक्षेप कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।


इस घटना ने स्थानीय प्रशासन की संवेदनशीलता और आपदा प्रबंधन कौशल पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अभिभावकों और स्थानीय लोगों की चिंता है कि बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने में प्रशासन की कमी स्पष्ट रूप में दिखी। सोशल मीडिया और स्थानीय समाचार माध्यमों में इस घटना की निंदा हो रही है।


मानसून के दौरान जोखिम वाले मौसम का सही समय पर पूर्वानुमान और उसका प्रभावी प्रबंधन प्राथमिकता होनी चाहिए, खासतौर पर बच्चों जैसे संवेदनशील वर्ग के लिए। हल्द्वानी की यह घटना प्रशासन की गतिविधियों में सुधार और सतर्कता की आवश्यकता को दर्शाती है। भविष्य में इस प्रकार की जोखिमपूर्ण परिस्थितियों में स्कूल बंदी का समय पर निर्णय एवं सुनियोजित बचाव कार्य आवश्यक होगा, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

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