तबादला एवं पदोन्नति को लेकर राजकीय शिक्षक संघ 18 अगस्त से प्रदेशव्यापी हड़ताल पर
हाइलाइट्स
18 अगस्त 2025 से राजकीय शिक्षक संघ ने प्रदेशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया।
पहले चरण में चॉकडाउन हड़ताल, आगे प्रदेशभर में धरना-प्रदर्शन।
तबादला और पदोन्नति न होने से शिक्षकों में गहरा रोष।
प्रधानाचार्य पदों पर सीधी भर्ती का विरोध, पूरी तरह पदोन्नति से पद भरने की मांग।
उत्तरकाशी आपदा को देखते हुए 11 अगस्त से प्रस्तावित हड़ताल स्थगित की गई थी।
संघ ने आपदा प्रभावितों के प्रति संवेदना प्रकट की और आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया।
उत्तराखंड में राजकीय शिक्षक संघ ने तबादला और पदोन्नति न होने से आक्रोशित होकर 18 अगस्त से प्रदेशव्यापी हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। 11 अगस्त को संघ की वर्चुअल बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक का संचालन प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने किया। संगठन ने स्पष्ट किया कि यदि 17 अगस्त तक प्रदेश के शिक्षकों के तबादले और पदोन्नति प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तो 18 अगस्त से सख्त आंदोलन शुरू किया जाएगा।
शिक्षकों की प्रमुख मांगें
तबादला नीति में पारदर्शिता और शीघ्रता: अन्य सरकारी विभागों में तबादले हो रहे हैं, लेकिन शिक्षा विभाग में शिक्षकों को लंबे समय से तबादले का इंतजार है।
पदोन्नति प्रक्रिया की गति: शिक्षक वर्षों तक एक ही पद पर काम करते-करते रिटायर हो रहे हैं, जिससे करियर में निराशा है।
प्रधानाचार्य पदों पर सीधी भर्ती का विरोध: प्रधानाचार्य के सभी पद अब तक पदोन्नति से भरे जाते रहे हैं। संघ चाहता है कि आगे भी यही जारी रहे।
मानवीय दृष्टिकोण एवं सहानुभूति: उत्तरकाशी आपदा को देखते हुए शिक्षक संघ ने आपदा प्रभावितों के प्रति संवेदना जताई और उनके लिए आर्थिक मदद देने का संकल्प लिया।
हड़ताल का तरीका और चरण
पहला चरण: 18 अगस्त से चॉकडाउन हड़ताल—शिक्षक कक्षाओं तक सीमित रहेंगे, अन्य प्रशासनिक कार्य अथवा अतिरिक्त गतिविधियों का बहिष्कार करेंगे।
अगला चरण: ब्लॉक, जिला और प्रदेशभर में धरना और प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे।
संगठन का स्पष्ट कहना: यदि सरकार मांगे नहीं मानती तो संघर्ष तेज होगा, पूरे प्रदेश में शिक्षकों का समर्थन जुटाया जाएगा।
संगठन की बैठक में उठे मुद्दे
बैठक में सभी जिलों और मंडलों के अध्यक्ष-मंत्री शामिल रहे।
प्रधानाचार्य पदों पर विभागीय सीधी भर्ती का विरोध, मांग – शत-प्रतिशत पद केवल पदोन्नति के माध्यम से भरे जाएं।
आर्थिक सहायता योजना पर चर्चा: उत्तरकाशी आपदा के मद्देनजर, संघ द्वारा प्रभावित परिवारों को सहयोग देने का संकल्प।
शिक्षक संघ की नाराजगी से शिक्षा व्यवस्था पर असर पड़ सकता है, विशेषकर सरकारी विद्यालयों में।
लंबे समय से पदोन्नति और तबादला अटका रहने से युवा शिक्षकों में असंतोष बढ़ रहा है, जो शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षण माहौल को प्रभावित कर सकता है।
राजकीय शिक्षक संघ ने प्रदेश सरकार को स्पष्ट अल्टीमेटम दिया है—17 अगस्त तक अगर मांगें नहीं मानी जातीं तो 18 अगस्त से प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू हो जाएगा। इससे शिक्षा विभाग को अपनी नीति एवं प्रक्रिया में पारदर्शिता और संवेदनशीलता लानी होगी। शिक्षक संघ की एकता और व्यवस्थागत सुधार की मांगें शिक्षा क्षेत्र व प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण चुनौती बन गई हैं। साथ ही, संगठन ने आपदा के समय अपना सामाजिक दायित्व भी निभाने की ठान ली है—आर्थिक मदद और संवेदना से प्रभावितों को राहत देने की पहल खास बनी।



